*केन्द्र सरकार कर्मचारियों के साथ अपना रही है दोहरा माप दंड, लागू करना होगा पुरानी पेंशन नीति:- शैलेश हर खबर पर पैनी नजर।*

सरकार की आर्थिक औद्योगिक नीतियाँ मजदूर विरोधी भुगतना होगा खामियाज़ा:- शैलेश।

देश के विकास दर में कर्मचारियों का अमूल्य योगदान:- शैलेश।

वन्दना झा

समस्तीपुर:- केन्द्रीय नेतृत्व के आह्वान पर अपने 10 सूत्री मांगों के समर्थन में ‘संयुक्त डाक संघर्ष समिति’ के बैनर तले अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ तृतीय श्रेणी, एमटीएस, ग्रामीण डाक सेवक तथा राष्ट्रीय डाक कर्मचारी संगठन तृतीय श्रेणी, एमटीएस व ग्रामीण डाक सेवकों के द्वारा आज प्रधान डाकघर के मुख्य द्वार पर हड़ताल किया गया। जिस कारण जिले की तमाम डाक सेवाएँ ठप्प रही तथा सभी डाकघरों में ताले लटके पाये गए। वक्ताओं ने केन्द्र सरकार की नीतियों का जम कर विरोध किया और सरकार विरोधी नारे लगाए।


इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ के प्रवक्ता शैलेश कुमार सिंह ने सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों और वादा खिलाफी का जमकर विरोध किया। श्री सिंह ने संगठन की चिर लंबित मांगों की विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि देश पर आर्थिक बोझ का बहाना बनाकर जहां एक ओर भाजपा नीत राजग सरकार ने वर्ष 2004 में 01 जनवरी से सरकारी कर्मचारियों का जो चाहे केन्द्र सरकार कर्मी हों या राज्य सरकार कर्मी हों, का पेंशन का प्रावधान समाप्त कर दिया तो दूसरी ओर समाज सेवा के नाम पर सांसद, विधायक, विधान पार्षदों समेत महत्वपूर्ण पदों पर आसीन जन प्रतिनिधियों का पेंशन लागू कर दोहरे मापदंड का परिचय दिया। जिस कारण सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृति के पश्चात स्वयं और परिवार के भरण-पोषण के लिए प्रत्येक माह मिलने वाली मासिक राशि से वंचित कर दिया गया।

जिसे सरकार अविलंब वापस ले और पुरानी पेंशन नीति लागू करे। श्री सिंह ने लंबित मांगों में शामिल वर्षों से खाली पड़े सभी रिक्त पदों को अविलंब नव-नियुक्ति कर भरना, ग्रुप-बी और उच्चाधिकारियों को पूरे सेवाकाल में मिलने वाली 05 समयबद्ध पद्दोन्नति की तर्ज पर सभी स्तर के कर्मचारियों को 05 पद्दोन्नति का लाभ दिया जाना, समाज के अंतिम व्यक्ति तक डाक सेवा उपलब्ध कराने वाले डाक सेवकों को सरकारी कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी घोषित करना और सरकारी कर्मचारियों की तर्ज पर सभी सरकारी सुविधा का लाभ देना, पद्दोन्नति अनुक्रम में एम ए सी पी लागू करना एवं एल डी सी के वेतनमान में बढ़ोतरी करना, समान काम के लिए समान वेतन सुनिश्चित करना, सेवा काल में मृतक डाक कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर 05 प्रतिशत की जगह शत-प्रतिशत बहाल करना, आउट शोर्सिंग और कॉन्ट्रक्ट पर बहाली बन्द कर कैजुअल लेबर तथा कंटीजेन्ट पेड कर्मचारियों को नियमित करना,

07 वें वेतन आयोग की समस्त कर्मचारी समर्थित अनुशंसा को हूँ-बहू लागू करना तथा विगत दो वर्ष पूर्व रद्द (बन्द) किए गए कर्मचारियों के 52 प्रकार के भत्ते को पुनः चालू करना है।वहीँ श्री सिंह ने आगे कहा कि हमें अपनी लंबिल्ट मांगों के समर्थन में बाध्य होकर हड़ताल पर जाना पड़ा है और सरकार के द्वारा हमारी सभी जायज मांगों को अविलंब पूरा नही किये जाने की स्थिति में हमें बाध्य होकर पुनःअनिश्चित कालीन हड़ताल पर जा सकता है। जिसकी सारी जवाबदेही सरकार की होगी, हम सभी कर्मचारियों की नही होगी।
इस मौके पर अवधेश कुमार चौबे,नओम प्रकाश सिंह

दिलीप कुमार, बासुदेव सिंह, अशोक पांडेय, रजनी कांत गिरी, तसंजय झा, रामदेव सिंह, संजीव झा, गौरव सुमन (सचिव, एनयू जीडीएस), राकेश कुमार (सचिव, एआईपीईयू,जीडीएस), इंद्रदेव राय(सचिव,एआईयू यजीडीएस), वैद्यनाथ पासवान, सुरेश सिंह, मंजू कुमारी, अर्चना, अशोक मिश्र, कुमार धीरज, किरण ठाकुर, मृत्युंजय कुमार,अभिषेक मिश्र, शशि भूषण ठाकुर,जगदीश चौपाल, बुधन पाठक समेत सैकड़ों कर्मचारी उपस्थित थें।

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