*नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) व राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) पर चर्चा आयोजित की गई है। हर खबर पर पैनी नजर।*

वन्दना झा

समस्तीपुर:- राष्ट्र सेवा दल जिला कार्यालय काशीपुर समस्तीपुर के सभागार में राष्ट्र सेवा दल, समस्तीपुर, बिहार, असंगठित खेतिहर मजदूर पंचायत एवं जल श्रमिक संघ के बैनर तले “नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA)और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) पर चर्चा आयोजित की गई है।

अध्यक्षता अवकाश प्राप्त शिक्षक रामदेव महतो व संचालन राष्ट्र सेवा दल के जिला कार्याध्यक्ष रविन्द्र पासवान नें किया। चर्चा की शुरुआत करते हुए राष्ट्र सेवा दल के बिहार राज्य के कार्यकारी अध्यक्ष उदय नें कहा कि यह कानून आम जन जीवन के लिए बेहद परेशानी वाला तथा मानवीय हको पर हमला करने वाला है। इससे सरकारी स्तर पर देश बांटने के जैसा है। राष्ट्र सेवा दल के राष्ट्रीय संगठक शाहिद कमाल जी नें बताया कि यह काला कानून संवैधानिक अधिकारों का हनन है।

हमारे देश का संविधान यह कतई इजाजत नहीं देता है। चर्चा को बिहार राज्य महामंत्री सुरेन्द्र कुमार, नवीन कुमार नवीन, बलराम चौरसिया, वीणा कुमारी, दिनेश प्रसाद चौरसिया, कौशल कुमार, माला कुमारी, राजा कुमार, अमरजीत नागेश्वर, ललिता कुमारी, अर्चना कुमारी, उमाशंकर सिंह, नीशु कुमारी, सुरेश ठाकुर, काजल कुमारी, अजय कुमार सिन्हा, मुकेश कुमार दिवाकर, संजीव कुमार, किरण कुमारी, जगन्नाथ पासवान, वीभा कुमारी, संगीता कुमारी, देवकुमार, चान्दनी कुमारी व शीतल कुमारी आदि नें संबोधित किया।

इन्होनें कहा कि इस कानून की भारतीय परंपरा- संस्कृति, स्वतंत्रता आंदोलन के मूल्य, गरीबों, दलितों, पिछड़ों, कमजोर वर्ग और संविधान के साथ जुड़ाव की बारीकियों को समझने तथा भारतीय संविधान और हमारी स्वतंत्रता के विरुद्ध सरकारी तौर पर रची साजिश को समझकर विधि विरुद्ध इस असंवैधानिक काला कानून के विरुद्ध पैरोकारी करने के लिए एक साथ आने की जरूरत है। हम सब पहले से यह जानते समझते रहे हैं कि यह संघ परिवार पहले स्वतंत्रता आंदोलन के विरोधी थे और आज हमारी स्वतंत्रता-बंधुता-भाईचारे के विरोधी हैं। पहले इन्होंने गांधी की हत्या की, आज ये गांधी के मूल्यों की हत्या कर रहे हैं।

बीजेपी और आरएसएस की आर्थिक नीतियां आज पूरी तरह एक्सपोज हो चुकी है। रोजगार, मंदी, काला धन, स्वदेशी, किसानों का लागत मूल्य सब कुछ कॉरपोरेट और बड़े घरानों पर कुर्बान कर दिया गया। सार्वजनिक उपक्रमों को निजी हाथों में धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। विकास और आर्थिक नीतियों की नाकामी को ये साम्प्रदायिक एजेंडे से ढकना चाहते हैं। इसलिए यह तय किया गया कि दलीय-निर्दलीय जो भी CAA और NRC के खिलाफ हैं और सद्भाव और शांतिमयता में विश्वास रखते हैं को एक मंच पर लाया जाय। इसके लिये “हम भारत के लोग” नाम से प्रक्रिया बढ़ाई जायगी। इसमें राष्ट्र सेवा दल महत्वपूर्ण जिम्मेवारी ले रही है।

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