ठाकुर वरुण कुमार, समस्तीपुर
समस्तीपुर:- जिले के राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा के किसान सभागार में जिला विधिक सेवा प्राधिकार, समस्तीपुर के द्वारा एक दिवसीय *सूचना का अधिकार* विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया।
इस सेमिनार के मुख्य अतिथि श्री ओम प्रकाश (सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश) सह सूचना आयुक्त बिहार सरकार उपस्थित थे। इस सेमिनार की अध्यक्षता सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार राजीव रंजन सहाय ने की तथा मंच का संचालन अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सुचित्रा सिंह के द्वारा किया गया।
इस सेमिनार के मंच पर मुख्य अतिथि के अलावा राघवेंद्र कुमार सिंह (सहायक रजिस्ट्रार, मानव अधिकार आयोग) बिहार सरकार, पीयूष कमल दीक्षित (प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय) समस्तीपुर, सुजीत कुमार श्रीवास्तव (प्रथम अपर एवं सत्र न्यायाधीश) समस्तीपुर, समस्तीपुर पुलिस अधीक्षक विकास बर्मन, ए०डी०एम० विनय कुमार राय, पुलिस उपाधीक्षक विजय कुमार सिंह मुख्यालय मंचासीन हुए।
इस सेमिनार का उद्घाटन मुख्य अतिथि के कर कमलों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। तत्पश्चात तीसरे सत्र में मुख्य अतिथि के मुख से सूचना का अधिकार विषय पर कई आवश्यक निर्देश दिए गए जिसमें किन सूचनाओं का जवाब किस प्रकार देना है तथा किन सूचनाओं को सूचना के अधिकार से वंचित रखा गया है। उस पर बिंदुवार विश्लेषण और किन-किन सूचनाओं को सूचना के अधिकार के अंतर्गत रखा गया है का बिंदुवार विश्लेषण मुख्य अतिथि के मुख से विश्लेषित किया गया। फिर पांचवें सत्र में मुख्य अतिथि एवं सहायक रजिस्ट्रार (मानव अधिकार आयोग), बिहार सरकार के द्वारा सेमिनार में उपस्थित प्रतिभागियों के सवालों का जवाब देकर संतुष्ट किया तथा उनके सुझाव सुने।
वहीं एक पत्रकार ठाकुर वरुण कुमार के द्वारा पूछने पर कि सूचना का अधिकार अधिनियम भारत सरकार द्वारा 2006 में नागरिकों के लिए लागू किया गया लेकिन आज भी बिहार में इसकी स्थिति सही नहीं है नागरिकों को ढंग से इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है इसका जिम्मेदार कौन है सरकार या जनता? तो इसके जवाब में मुख्य अतिथि ने घुमा फिरा कर बिहार के शिक्षा को सहारा बना कर दोष देते हुए कहा कि टेलीविजन एवं अखबार में विज्ञापन के जरिए कई माध्यमों से जनता तक पहुंचाने की कोशिश किए, लेकिन जनता जागरूक नहीं हो सकी।
बहरहाल 13 वर्ष की लंबी अवधि में जनता का जागरूक नहीं होना बहुत बड़ा सवाल खड़ा करता है, आखिर इसका जवाब कहां से मिलेगा? जहां इस अधिनियम को अपराध एवं भ्रष्टाचार पर भी नकेल कसने के लिए नागरिक को अधिकार दिए गए हैं। वहीँ इस अधिकार से जनता अभी तक वंचित है। इस सेमिनार में जिला के लगभग सभी न्यायधीश एवं पुलिस अधिकारी के साथ- साथ विधि विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया तथा अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। सात सत्रों का यह सेमिनार राजीव रंजन सहाय, सचिव (जिला विधिक सेवा प्राधिकार), समस्तीपुर के धन्यवाद ज्ञापन के साथ समाप्त हुआ।