*नागरिकता संशोधन अधिनियम मानवता के दृष्टिकोण से भी प्रशांगिक:- संदीप ठाकुर। हर खबर पर पैनी नजर।*


बिट्टु कुमार पटेल

मुंगेर:- ज्ञात है कि सोमवार को संसद के निचली सदन अर्थात लोकसभा एवं बुधवार को ऊपरी सदन अर्थात राज्यसभा से नागरिकता संशोधन विधेयक पास हो चुका है। भाजपा नेता श्री संदीप ठाकुर ने इस पर खुशी जाहिर किया। इस विधेयक के बारे में वार्तालाप में विस्तार से चर्चा किया है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अब राष्ट्रपति जी के मंजूरी के बाद जब यह विधेयक अधिनियम बन जायेगा अर्थात कानूनी रूप ले लेगा तो यह मानवता से भी प्रशांगिक (सही) होगा। भारतीय जनता पार्टी जनता से किये हुए अपने एक और वादे को पूरा कर लेगी। श्री ठाकुर ने बताया की क्योंकि यह कानून किसी का अधिकार लेने के लिए नहीं, बल्कि दशकों से पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बंगलादेश में धार्मिक आधार पर प्रताड़ना, बहनों-बहु-बेटियों के साथ बलात्कार, लूट-पाट, जबरन धर्म परिवर्तन, वहाँ के जुल्मोसितम से तंग आकर जो हिन्दू, सिख, जैन, बौद्ध, इसाई, पारसी भाई-बंधु भारत में शरण लिए हुए है,

उनको अधिकार देने के लिए है और सारी दुनिया को पता है कि “जीओ और जीने दो का विचार समस्त जगत को देने वाला हिंदुस्थान ही ऐसा कर सकता है” जो नरेन्द्र भाई मोदी एवं अमीत भाई शाह के कुशल नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने कर दिखाया है। इसके लिए मैं उन्हें एवं लाभार्थी को दिली बधाई देता हूँ। अब प्रताड़ित बन्धुओं को डर के साये में नहीं जीना होगा, वह भी नौकरी कर सकेंगें, उनके भी बच्चे अच्छी शिक्षा हाशिल कर सकेंगें, समस्त अधिकार उन्हें मिल जायेगा जिनसे अभी तक वो वंचित थे तथा वर्षों से मांग कर रहे थें। साथ ही श्री ठाकुर ने कांग्रेस को आरे हाथ लेते हुए कहा है कि यह पार्टी काजनीति नही बल्कि हमेशा मुश्लिम तुष्टिकरण की राजनीति में लगी रहती है। कांग्रेसी नेताओं के शब्द, विचार, मानसिकता में भारत या अल्पसंख्यक का मतलब सिर्फ मुसलमान है। वहीँ राष्ट्रहित, जनहित, विकास या समाज-कल्याण, किसी भी मुद्दे का विधेयक हो हमेशा उसमें रोड़े डालने का काम करती है।

अनुच्छेद 370 और 35A के मामलों में भी इनके नेताओं का तुष्टिकरित बयान आया था कि कश्मीर अगर हिन्दू बहुल क्षेत्र होता तो बीजेपी ये अनुच्छेद कभी नहीं हटाती। कांग्रेस शुरू से ही धार्मिक आधार पर बाँटने की राजनीति करती आयी है, देश को भी नहीं छोड़ा। श्री ठाकुर ने कांग्रेस पर सीधे निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी अगर देश को बाटती ही नहीं तो, न तो अनुच्छेद 370 एवं न ही नागरिकता संशोधन अधिनियम की आवश्यकता पड़ती। कांग्रेस पार्टी को मोदी का शुक्रिया अदा करना चाहिये कि 70 साल तक उसने देश को जो जो समस्या दिया मोदी जी उसे सुलझाने का काम कर रहें हैं। सबको साथ लेकर चलने की भाजपा का सबका साथ, सबका विकास एवं सबका विश्वास विचारधारा से ठाकुर ने कांग्रेस को सीखने की नसीहत दी है। हमारे तरफ से ये सवाल पूछे जाने पर कि इस विधेयक में अगर सब कुछ सही है तो देश के कई हिस्सों से हिंसा, आगजनी की खबरें क्यो आ रही है? तुरंत ही उत्तर देते हुए श्री ठाकुर ने कहा कि कई हिस्सों से नहीं बल्कि कुछ हिस्सों से, इसकी वजह है संबंधित क्षेत्र के नेताओं एवं संगठनों द्वारा स्थानीय लोगों एवं मुश्लिम भाइयों को गलत जानकारी देकर गुमराह करना एवं भड़काना, जबकि इस कानून के तहत भारतीय मुश्लिम या किसी भी नागरिक का अधिकार नहीं छीना जा रहा है क्योंकि यह अधिकार लेने वाला नहीं बल्कि देने वाला कानून है। दूसरे देश के मुसलमान भी अगर भारत की नागरिकता चाहते है तो वह भी नियम के तहत अप्लाई कर सकते हैं। और मैं आपको यह भी सुनिश्चित कर देता हूँ कि जानकार मुश्लिम भाइयों को इस कानून से कोई दिक्कत नहीं है, जहां तक उत्तर-पूर्वी राज्यों से हिंसा व आगजनी की खबर है तो वहाँ के लोगों को भी इस अधिनियम से किसी भी प्रकार का और कोई दिक्कत नहीं होगा। क्योंकि वहाँ इनर लाइन परमिट सिस्टम एवं सिक्स सीदुल लागू है, सिर्फ एक राज्य मणिपुर में नहीं था तो उसे भी बुधवार दिनांक 11/12/19 को केंद्र सरकार द्वारा इनर लाइन परमिटेड कर दिया गया है। श्री ठाकुर ने बात-चीत के क्रम में गिलानी,

अजमल और ओवैसी जैसे नेताओं को भी आरे हाथ लिया और उन पर सीधे निशाना साधते हुए कहा कि इन्हें न तो मुश्लिम समुदाय का चिंता है औऱ न ही देश का फिक्र। चिंता और फिक्र अगर इन्हें किसी चीज का है तो बस अपने दुकान बचाये रखने की। अभी हाल ही में 9 नवंबर को राम मंदिर पर माननीय सर्बोचय न्यायालय का फैसला आने के बाद लगभग 500 वर्ष पुराना विवाद समाप्त हो गया, पूरा देश इसकी खुशियां मना रहा था, हिन्दू-मुश्लिम दोनों ने मिलकर भाई चारा का मिशाल पेश किया, मिठाई खिलाकर गले लगकर एक-दूसरे को बधाइयां दिया।लेकिन ओवैसी को देश का ख़ुशनुमा, भाईचारा एवं स्वस्थ्य माहौल पसंद ही नहीं आता है। उन्हें अच्छा ही नहीं लगता है यह सब क्योंकि उन्हें अपनी दुकान जो चलाना है। मुश्लिम भाई-बहनों पर राजनीतिक रोटियां जो शेकना है। फैसला आने के कुछ ही समय बाद उनकी प्रतिक्रिया आती है “i want mosque back” “5 एकर जमीन खैरात में नहीं चाहिए” मतलब विवाद बना रहे, ओवैसी विवाद का खात्मा ही नहीं चाहते हैं। अंत में श्री ठाकुर कहतें है कि देश को ऐसे नेताओं के बातों में नहीं आना चाहिए, ऐसे नेताओं से बचने की जरूरत है।

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