*साइनस की समस्या को कोरोना संक्रमण समझ कर नहीं हो दिग्भ्रमित:- डॉ० अविनाश, हर खबर पर पैनी नजर।* इंडिया पब्लिक न्यूज…

वन्दना झा,

दरभंगा:- बदलते मौसम के साथ कई बीमारियों का भी दौर शुरू हो जाता है। विशेषकर मानसून का मौसम अपने साथ तमाम तरह के रोग लेकर आता है। इस समय मानसून के साथ- साथ दुनियाभर में कोविड का दौर भी जारी है, जोकि स्वास्थ्य विभाग के लिए लगातार गंभीर समस्याओं का कारण बना हुआ है। कोरोना वायरस महामारी के बीच, मानसून जनित बीमारियों के मामले भी देश के कई हिस्सों में तेजी से बढ़ रहे हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून की कई सारी बीमारियों के लक्षण कोरोना के संक्रमण से मिलते-जुलते हो सकते हैं, ऐसे में लोग इन दोनों में अंतर को लेकर भ्रमित हो रहे हैं। डीएमसीएच के मेडिसिन विभाग के चिकित्सक डॉ० अविनाश कुमार का कहना है कि बहती नाक, सिरदर्द या बंद नाक की समस्याओं से परेशान लोगों को कोविड संक्रमण का डर सता रहा है, पर हर बार इसे कोविड मानकर चलना ही ठीक नहीं है, यह साइनस जैसी समस्याओं का भी लक्षण हो सकता है।

ऐसे में लोगों के लिए जरूरी हो जाता है कि साइनस और कोविड-19 संक्रमण के लक्षणों को समझते हुए उनमें अंतर करें। वहीं साइनस की समस्या डॉ० कुमार के मुताबिक सभी लोगों के लिए, विशेषकर जो पहले से साइनस से ग्रसित रह चुके हैं उनके लिए कोविड-19 और साइनस के लक्षणों में अंतर करना बेहद आवश्यक है। साइनस, खोपड़ी में स्थित हवा युक्त छोटे-छोटे गुब्बारे जैसे होते हैं। कई बार संक्रमण के कारण साइनस के ऊतकों में सूजन पैदा हो सकता है। जिसके कारण लोगों को तमाम तरह की दिक्कतें हो सकती हैं। साइनस के लक्षण काफी हद तक कोविड-19 के लक्षणों से मिलते-जुलते हो सकते हैं। इस रोग के शिकार लोगों को नाक बहने या बंद नाक, गले में खराश और बुखार जैसे लक्षण हो सकते हैं।


*कोविड-19 संक्रमण का लक्षण:*
चिकित्सक ने कहा कोविड-19 श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है। यह सार्स-सीओवी-2 नामक वायरस के कारण होता है। कोरोना वायरस संक्रमण सबसे पहले श्वसन पथ को प्रभावित करता है, जिसके कारण यह रोगियों में फेफड़ों की जटिलताएं पैदा कर सकता है। कोविड-19 में रोगियों को खांसी, गले में खराश, गंध और स्वाद की कमी, सांस की तकलीफ और फेफड़ों से संबंधित अन्य कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं।


*साइनस और कोविड-19 में होता है अंतर:-*
डॉ० अविनाश ने कहा साइनस और कोविड-19 के ज्यादातर लक्षण मिलते-जुलते हो सकते हैं। हालांकि साइनस और कोविड-19 के कुछ विशिष्ट लक्षण भी होते हैं जो सामान्यतौर पर उसी  रोग में देखे जाते हैं। साइनस में लोगों को दांत दर्द, साइनस में दर्द (गाल की हड्डी और आंखों का भीतरी भाग), सांसों की बदबू के साथ अलग रंग के बलगम आने की समस्या हो सकती है। जबकि कोविड में ऐसे लक्षण नहीं होते हैं। वहीं साइनस की स्थिति में लोगों को साइनस में दर्द के साथ बंद नाक या बहती हुई नाक की दिक्कत हो सकती है। कोविड में लोगों को स्वाद न आने की समस्या हो सकती है जो साइनस में नहीं होती है।


*इन बातों को भी जानिए:-*
साइनस इंफेक्शन के लक्षण अचानक से विकसित होते हैं जबकि कोरोनावायरस के मामले में लक्षण समय के साथ विकसित होते हैं। कोरोना वायरस से संक्रमित होने के 2 से 14 दिनों के बाद लक्षणों का पता चलता है। साइनस की दिक्कत ज्यादातर खांसी या फ्लू होने के बाद होती हैं। साल के ठंडे मौसम में इसकी दिक्कत बढ़ जाती है, जबकि कोविड -19 का संक्रमण कभी भी हो सकता है। किसी भी प्रकार के लक्षण के बारे में डॉक्टर से सलाह लेना सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है।


*कोरोना प्रोटोकॉल का अनुपालन करें:-*
कोरोना से बचाव के लिए विभागीय प्रोटोकॉल का अनुपालन जरूरी है। टीका अवश्य लेना चाहिए। वैक्सीन लेने के बावजूद संक्रमण से सुरक्षा ज़रूरी है। मास्क पहनना व निरन्तर सफाई पर ध्यान देने के साथ साथ अन्य एहतियात बरतनी ज़रूरी है। इसका अनुपालन सभी को करना चाहिए। कोरोना अनुरूप व्यवहार रखते हुए साथ मिलकर कोरोना को परास्त कर सकते है।

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