वंदना झा,
समस्तीपुर:- मिथिलांचल में नवविवाहिताओं का महापर्व (मधुश्रावणी) पंचमी आज से प्रारम्भ होकर पन्द्रह दिनों तक चलेगा। वहीं मिथिलांचल के इस विशेष पर्व में जहां नवविवाहिताओं को महिला पुरोहित ही कथा सुनाकर कार्य सम्पन्न कराती हैं।
वहीं इस पर्व में सखियों द्वारा एक दिन पूर्व लोढ़े गए बासी फूल से ही नवविवाहिताएं शिव, गौरी, गणेश व नागदेवता का श्रद्धा पूर्वक पूजन करती हैं। यह पन्द्रह दिनों तक चलने वाले इस पर्व को नवविवाहिताएं मायके में ही मनाना पसंद करती हैं।
एक समय फलाहार व एक समय सात्विक भोजन की व्यवस्था ससुराल से ही किया जाता है। इस पर्व में व्रतियों को बहुत ही शुचिता व संयम का भी पालन करना होता है।
अपने अखंड सौभाग्य व सुख शांति के लिए मिथिला में यह व्रत-अनुष्ठान सदियों से एकरूप में मैथिल नव विवाहिताएं मनाती आई हैं। जिसका उद्यापन पन्द्रहवें दिन (टेमी) मधुश्रावणी के रूप में श्रद्धा पूर्वक मनाया जाएगा।