वंदना झा,
पटना:- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सचिवालय परिसर में आयोजित ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में शामिल हुए। ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे106 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए। वहीं आज ‘‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यकम‘‘ में सामान्य प्रशासन, ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज, ऊर्जा, पथ निर्माण, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, कृषि, गन्ना (उद्योग), सहकारिता, पशु एवं मत्स्य संसाधन, जल संसाधन, उद्योग, लघु जल संसाधन, नगर विकास एवं आवास, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण, परिवहन, आपदा प्रबंधन, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, योजना एवं विकास, पर्यटन, भवन निर्माण, सूचना एवं जन-सम्पर्क एवं वाणिज्यकर विभाग के मामलों पर सुनवाई हुई।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज तीसरे सोमवार को जनता के दरबार में हाजिर होकर लोगों की शिकायतों को सुना। इसमें खगड़िया के परबत्ता से आये सतीश कुमार ने बताया कि उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है। वे बहुत ही गरीब हैं और झोपड़ी में रहते हैं। उसके आवेदन को रिजेक्ट कर दिया गया है। कारण यह बताया गया है कि मेरे यहां लैंडलाइन नंबर मौजूद है, जबकि इस तरह की कोई बात नहीं है। शिकायत सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव को कहा कि पूरे मामले को देखिए और इन्हें जल्द लाभ दिलाएं। वहीं मुजफ्फरपुर के मुसहरी प्रखंड के प्रमोद कुमार ने कोरोना से हुई मौत पर अभी तक मुआवजा राशि नहीं मिल पाने की शिकायत की, मुजफ्फरपुर के औराई प्रखंड के सुधीर कुमार ने बाढ़ में हुए फसल की क्षति की मांग की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारी को शिकायतों को दूर करने का निर्देश दिया। मुजफ्फरपुर के बोचहां प्रखंड की मीना देवी ने कहा कि राशन कार्ड खो जाने के कारण अंत्योदय योजना का उन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा है।
मुख्यमंत्री ने इस पर संज्ञान लेते हुए खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग को इन्हें सहायता पहुंचाने का निर्देश दिया। जहानाबाद के मोदनगंज प्रखंड के आलोक कुमार ने अपने गांव के पास सड़क निर्माण को पूरा कराने की मांग की। वहीं जहानाबाद के रतनीफरीदपुर प्रखंड के अजय कुमार ने अपने गांव में अधूरी पड़ी विकास कार्य को शीघ्र पूरा कराने की मांग की। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने तो पहले ही कह दिया है कि सभी गांवों को सड़क से जोड़ना है। पहले भी कई ऐसी शिकायत आई तो हमने इस पर कार्रवाई करने को कहा था। इसके बाद भी इस तरह की शिकायत मिल रही है। मुख्यमंत्री ने इस पर ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव को त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
कटिहार की तनुजा विश्वास ने फैमिली पेंशन नहीं मिलने की शिकायत की। वहीं बेगूसराय जिले के बखरी प्रखंड की श्रीमती सुशीला देवी ने प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं दिए जाने के संबंध में अपनी शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को कार्रवाई करने का निर्देश दिया। दरभंगा सदर प्रखंड के राजू राज ने शिकायत की कि नल-जल योजना और पक्की सड़क सह नाली योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाने के कारण मोहल्ले को जलजमाव एवं शुद्ध पेयजल से वंचित रहना पड़ रहा है। वहीं पूर्णिया जिले के सतुल्ला ने वार्ड में नल-जल योजना के तहत शुद्ध पेयजल नहीं मिलने की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने इस पर संज्ञान लेते हुए पंचायती राज विभाग को कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
वैशाली जिले के राघोपुर प्रखंड के रजनीश कुमार ने शिकायत करते हुए कहा कि एक सड़क के निर्माण में दो विधान पार्षदों का फंड लगने के बावजूद आज तक सड़क का कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। मुख्यमंत्री ने विकास आयुक्त को निर्देश दिया कि इस मामले को योजना एवं विकास और पंचायती राज विभाग के साथ समीक्षा कर समुचित कार्रवाई करें।
रोहतास से आए एक युवक ने कहा कि खेतों के ऊपर से जर्जर तार गया है। यहां पर लगाया गया ट्रांसफर्मर भी काफी पुराना है। तार के लटके होने की वजह से फसल काटने में डर भी लगता है। कई बार बिजली विभाग से इसकी शिकायत की गई लेकिन ठीक नहीं कराया गया। शिकायतकर्ता की बात सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि जर्जर तार की स्थिति तो अब नहीं है, सभी जगहों पर तार बदले जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग को इस पर संज्ञान लेने का निर्देश देते हुए कहा कि इसे शीघ्र ठीक कराया जाए। ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री रेणु देवी, ऊर्जा सह योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन, जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, भवन निर्माण मंत्री अशोक चैधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेशी सिंह, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री रामप्रीत पासवान, पंचायती राज मंत्री सम्राट चैधरी, सहकारिता मंत्री सुबाष सिंह, गन्ना उद्योग मंत्री प्रमोद कुमार, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी, ग्रामीण कार्य मंत्री जयंत चैधरी, लघु जल संसाधन मंत्री संतोष कुमार सुमन, परिवहन मंत्री शीला कुमारी, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री नीरज कुमार सिंह, पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, पुलिस महानिदेशक एस०के० सिंघल, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, संबंधित विभागों के अन्य वरीय अधिकारी, पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह तथा वरीय पुलिस अधीक्षक उपेंद्र शर्मा उपस्थित थे।
‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम के पश्चात पत्रकारों से बातचीत की। जनसंख्या नीति को लेकर शिवसेना नेता की बिहार में भाजपा से बिहार सरकार से समर्थन वापस लेने की मांग को लेकर पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम ऐसे लोगों की बातों का नोटिस नहीं लेते हैं। स्व० सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले को जब हमलोगों ने सी०बी०आई० को दिया था उस समय भी ये लोग ऐसी ही बात करते थे। ऐसे लोगों की बात पर ध्यान देने की जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछली बार जनसंख्या नीति पर पत्रकारों के सवाल पर जवाब देते हुए हमने कहा था कि इसको लेकर क्या करना चाहिए जो सबसे इफेक्टिव होगा। कौन राज्य इसको लेकर क्या करेगा इस पर हमको कुछ नहीं कहना है। पिछली बार भी हमने बताया था कि महिलाओं को पढ़ाने से जनसंख्या पर कंट्रोल करने में सहूलियत होती है। पूरे देश और बिहार के सर्वे में ये बात सामने आयी थी कि अगर पति-पत्नी में पत्नी मैट्रिक पास है तो औसत प्रजनन दर 2 है। इसी तरह अगर पत्नी 12वीं पास है तो देश का औसत प्रजनन दर 1.7 है जबकि बिहार का औसत प्रजनन दर और बेहतर 1.6 है। इसी को लेकर यूरेका की भावना आई और हमने सभी पंचायतों में प्लस टू तक का विद्यालय बनाने का निर्णय लिया। ज्यादातर पंचायतों में प्लस टू तक का विद्यालय शुरु हो चुका है। जिन जगहों पर जमीन की समस्या थी, वहां के मीडिल स्कूल को ही उत्क्रमित कर प्लस टू तक कर दिया गया है। इसके कारण बिहार के प्रजनन दर में कमी आई है। पहले बिहार का प्रजनन दर 4 था जो अब घटकर 3 हो गया है। उन्होंने कहा कि अगर महिला शिक्षित होगी तो प्रजनन दर घटेगा, यही हमारी फीलिंग है। हमलोग बिना वजह किसी पर बोलते नहीं हैं। सबको अपना-अपना विचार व्यक्त करने का अधिकार है।
दिल्ली बर्डर पर लंबे समय से चल रहे किसान आंदोलन को लेकर पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ये कुछ राज्यों की बात है। कुछ इलाकों में नई कृषि नीति को लेकर विरोध है। इसको लेकर आपस में कई बार बातचीत भी हुई है। कोरोना के दौर में निरंतर आंदोलन करना ठीक नहीं है। मेरा सबसे अनुरोध है कि कोरोना के इस दौर में इतनी तादाद में जमा होकर आंदोलन करना ठीक नहीं है। कोरोना के पहली और दूसरी लहर को झेलने के बाद अब तीसरी लहर की संभावना व्यक्त की जा रही है। ऐसे में हमें सचेत रहने की जरुरत है। हर किसी को अपनी बात को रखने का अधिकार है। केंद्र सरकार ने कई बार बातचीत की है। आगे भी बातचीत कर लें। ये समस्या कुछ इलाकों की है। केंद्र सरकार की कृषि नीति, किसी के खिलाफ नहीं है लेकिन कई इलाकों के लोगों के मन में इसको लेकर अलग-अलग भावना है तो फिर से बातचीत कर इसका समाधान निकाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार में कृषि के क्षेत्र में काफी काम किया गया है। यहां किसानों से प्रोक्योरमेंट काफी ज्यादा किया जा रहा है। इस बार बिहार में गेंहू का भी बेहतर ढ़ंग से प्रोक्योरमेंट किया गया है। बिहार में किसानों की उत्पादकता बढ़ी है और हमलोगों ने उसका प्रोक्योरमेंट शुरू किया है। यहां पर हमलोगों ने शुरू से ही काम किया है। सभी लोगों को आजाद कर दिया गया है कि कोई भी अपना उत्पादन जहाॅ चाहे, वहाॅ बेचे। सबको पता है कि हमलोग कितनी तेजी से प्रोक्योरमेंट कराते हैं और लोगों को इसका लाभ मिलता है। यहां हर चीज पर नजर रखी जाती है।
पत्रकारों, मंत्रियों के फोन टैपिंग के संबंध में पूछे गये सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सब अच्छी बात नहीं है। मेरे हिसाब से किसी को इस तरह से डिस्टर्ब करना अच्छी बात नहीं है, ये बिल्कुल बेकार बात है। फोन टैपिंग को लेकर पार्लियामेंट में हो रहे हंगामे के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम तो शुरू से ही कह रहे हैं कि ये जो नई टेक्नोलजी आई है इसके नफे नुकसान पर भी गौर करना चाहिये। ये जो करोना आया है इसमें एक के बाद दूसरा, दूसरे के बाद तीसरे की संभावना, ऐसा क्यों हो रहा है.? टेक्नोलजी का लाभ लोगों को मिलता है लेकिन उसका लोग दुरुपयोग भी करते हैं। दोनों चीजें होती हैं। सोशल मीडिया का कितना इम्पैक्ट है लेकिन उस सोशल मीडिया पर कोई अच्छी बात करता है तो बहुत लोग निगेटिव बात करते हैं। एंटी सोशल काम करते हैं। इसके लिये क्या किया जा सकता है.?
तेल की बढ़ती कीमतों को कम करने के लिये टैक्स कम करने के संबंध में पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी हमने इसपर गौर नहीं किया है, रेट तो बढ़ रहा है लेकिन आपलोग जो सुझाव दे रहे हैं तो इस पर परामर्श किया जा सकता है। आपस में पहले हमलोग बात करेंगे, उसके बाद उसका क्या रास्ता है, किस तरह से लोगों को राहत मिल सकती है, उस पर गौर करेंगे। एन०आर०सी० से संबंधित सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के बारे में आप अच्छी तरह से जानते हैं, बिहार में इसकी कोई समस्या ही नहीं है।