रमेश शंकर झा
पटना:- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक अणे मार्ग स्थित संकल्प से वीडियो कन्फ्रेंसिंग द्वारा राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 76वीं बैठक में शामिल हुए। इस मौके पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज 76वीं राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एस०एल०बी०सी०) की बैठक में शामिल होने का मौका मिला है। हर साल होने वाली एस०एल०बी०सी० की पहली बैठक में अधिकतर बार मैं शामिल हुआ हूं। पिछले वर्ष १५ जून को एस०एल०बी०सी० की बैठक में भी शामिल हुआ था। आज की बैठक में एस०बी०आई० के मुख्य महाप्रबंधक, रिजर्व बैंक के महा प्रबंधक एवं प्रभारी, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक ने चर्चा के दौरान कई बातों की जानकारी दी।
वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पाया जा रहा है। देश और बिहार में भी कोरोना संक्रमण के दर में गिरावट आयी है। कोरोना संक्रमण के मामले में बिहार देश में 21 वें स्थान पर है जबकि आबादी के दृष्टिकोण से तीसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि हमलोग टीकाकरण के लिए तेजी से काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री को इसके लिए विशेषतौर पर बधाई देता हूं कि सबका मुफ्त टीकाकरण किया जा रहा है। हमलोगों ने कल से टीकाकरण के लिए एक विशेष अभियान की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन लगाया गया, जिस दौरान गरीब असहाय लोगों को भोजन आदि का प्रबंध किया गया। विकास कार्यों के साथ-साथ अन्य योजनाओं में भी बैंकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। बिहार के विकास में बैंक अपनी सहभागिता और बढ़ायें। वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2020-21 में राज्य का क्रेडिट डिपॉजिट 46.40 प्रतिशत रहा है। जबकि पूरे देश का 76.5 प्रतिशत रहा है। इस मामले में लक्ष्य से हमलोग काफी पीछे हैं। राष्ट्रीय स्तर तक सी०डी० रेाियो के लक्ष्य को लाने की कोशिश करें। यहां के लोगों का पैसा यहां के बैंकों में जमा होता है। जबकि यहां का पैसा विकसित राज्यों में चला जाता है। बिहार के लोगों का बैंकों पर पूरा भरोसा है, जिस कारण वे अपना पैसा बैंकों में रखते हैं। कुछ राज्य ऐसे हैं जिसका सी०डी० रेाियो 100 प्रतिशत से ऊपर है। बिहार के कई जिलों में लक्ष्य से काफी कम सी०डी० रेाियो है। राज्य की राजधानी पटना जो काफी एक्टिविटी वाला जिला है जिसका सी०डी रेाियो 39.22 प्रतिशत है।
वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वर्ष 2020-21 में एनुअल क्रेडिट प्लान (ए०सी०पी०) का लक्ष्य 1 लाख 54 हजार 500 करोड़ रखा गया था, जिसका 87.86 प्रतिशत, 1 लाख 27 हजार 161 करोड़ रुपये खर्च किया गया। उन्होंने कहा कि मुख्य कृषि क्षेत्र के लिए 47 हजार 778 करोड़ रुपये जबकि एग्रिकल्चर अलायड क्षेत्र में 917 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जो कि लक्ष्य से कम है। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष के लिए ए०सी०पी० का लक्ष्य 1 लाख 61 हजार 500 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। कृषि क्षेत्र के लिए 51 हजार 500 करोड़ रुपये तथा एग्रिकल्चर अलायड के लिए 15 हजार करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। हमें उम्मीद है की इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि एम०एस०एम०ई० (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग) के क्षेत्र में बिहार में काफी संभावनाएं हैं। हमलोगों के सरकार में आने से पहले राज्य में पुलों, सड़कों, संस्थानों, स्कूलों, कलेजों की क्या स्थिति थी, यह सभी जानते हैं।
हमलोगों को जब से काम करने का मौका मिला है, विकास के कई कार्य किए गए हैं। राज्य में उस तरह उद्योग की प्रगति नहीं हुई जैसा हमलोग चाहते हैं, लेकिन राज्य में व्यापार बढ़ा है। आगे उन्होंने कहा कि एम०एस०एम०ई० क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए आपके सहयोग की जरुरत है। अगले वर्ष के ए०सी०पी० में एम०एस०एम०ई० के लिए 35 हजार करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है, मेरा निवेदन है कि इसे पूरा करें। उन्होंने कहा कि यहां के लोगों का जो पैसा यहां जमा है उसी का हिस्सा आपको लगाना है। मेडिकल के क्षेत्र में तथा ऑक्सीजन की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए भी कार्य किए जा रहे हैं। इथेनल के उत्पादन के लिए हमलोग वर्ष 2007 से ही प्रयासरत हैं। बिहार में इथेनल उत्पादन की काफी संभावनाएं हैं इसके लिए कई प्रस्ताव आ रहे हैं, जिसमें आपके सहयोग की जरुरत है। राज्य में उद्योंगों को बढ़ावा के लिए औद्योगिक प्रोत्साहन नीति लायी गई। उन्होंने कहा कि लकडाउन के दौरान बाहर से आए श्रमिकों को यहीं पर रहकर काम करने की व्यवस्था की जा रही है। हमलोग इसके लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। पश्चिम चंपारण में कुछ श्रमिक सामूहिक तौर पर बेहतर काम कर एक उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में 10 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया है और इससे 1 करोड़ 27 लाख परिवार जुड़ चुके हैं। जीविका समूहों की बैंकों द्वारा मदद करने की जरुरत है।
उन्होंने कहा कि 5000 हजार की आबादी पर बैंकों की शाखा खोलने की आपलोगों की योजना नहीं पूरी हो पा रही है। हम शुरु से कहते आ रहे हैं कि हरेक ग्राम पंचायतों में बैंकों की एक शाखा खोली जाए। हमारे यहां औसत ग्राम पंचायत की आबादी 11 हजार है जबकि यहां 16 हजार की आबादी पर बैंकों की शाखा है। हमलोग बैंकों की शाखा के लिए पंचायत सरकार भवन में जगह देने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि आपलोगों की सुरक्षा के लिए हमलोग हमेशा चिंतित रहते हैं। बैंकों की सुरक्षा के इंतजाम में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं रहेगी। कोई भी घटना घटती है तो उसकी सूचना पुलिस को त्वरित दें ताकि तेजी से कार्रवाई हो सके। बैंकों में सस्त्र गार्ड की नियुक्ति करें। उन्होंने कहा कि हाल ही में हाजीपुर के जढ़ुआ के एच०डी०एफ०सी० शाखा से 1 करोड़ 19 लाख 60 हजार 777 रुपए की डकैती की गई, जिसमें पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अब तक 1 करोड़ 2 लाख 72 हजार रुपए की रिकवरी की है। इस मामले में कई अपराधियों को भी गिरफ्तार किया गया है। कहीं कोई घटना घटती है तो उसपर गंभीरता से कार्रवाई की जाती है। उन्होंने कहा कि बैंकों के अधिकारियों के साथ मुख्य सचिव, डी०जी०पी० के स्तर पर एक बैठक आयोजित की जाये जिसमें सुरक्षा संबंधी सुझावों पर गौर कर आगे की कार्रवाई हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह की बैठक का जो आयोजन किया जाता है उसमें सिर्फ बातचीत ही न हो बल्कि जो लक्ष्य निर्धारित किये जाते हैं उस पर गंभीरता से अमल हो। बैंकों की शाखा खुलेगी, बैंकों का विस्तार होगा तो न सिर्फ राज्य और देश का विकास होगा बल्कि बैंकों का भी विकास होगा। उन्होंने कहा कि बैंकों में काम करने वाले और बैंक में आने जाने वाले लोगों को कोविड एपरोप्रियेट विहेवियर का पालन करना चाहिए और समय-समय पर सभी को जांच कराते रहना चाहिये। सभी लोग अपना टीकाकरण अवश्य कराएं। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी होगी कि इस बैठक में जिन बातों की चर्चा की गई है उस पर कार्य किया जाए। इसके साथ ही मुझे विश्वास है कि सभी के परस्पर सहयोग से निर्धारित लक्ष्यों को पूरा किया जायेगा। कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, मुख्य महाप्रबंधक एस०बी०आई० सुरेंद्र कुमार राणा, महाप्रबंधक एवं प्रभारी, भारतीय रिजर्व बैंक बृजराज, मुख्य महाप्रबंधक नाबार्ड डॉ० सुनील कुमार ने भी संबोधित किया।
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे, जबकि वीडियो कन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन,कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, सहकारिता मंत्री सुभाष सिंह, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी, बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्रो० मो० युनूस हकीम, मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, प्रधान सचिव वित्त एस० सिद्धार्थ, संयुक्त सचिव वित्तीय सेवाएं, भारत सरकार भूषण कुमार सिन्हा, मुख्य महाप्रबंधक एस०बी०आई० सुरेंद्र कुमार राणा, महाप्रबंधक एवं प्रभारी, भारतीय रिजर्व बैंक बृजराज, मुख्य महाप्रबंधक नाबार्ड डॉ० सुनील कुमार, महाप्रबंधक एवं संयोजक राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति मनोज कुमार गुप्ता, महाप्रबंधक एस० बी० आई मृगांक जैन, सहायक महाप्रबंधक एस०बी०आई०, पटना अजीत कुमार मिश्रा, संबद्ध विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव, अन्य वरीय पदाधिकारीगण, सभी जिलों के जिलाधिकारीगण एवं बैंकों के वरीय पदाधिकारी जुड़े हुए थे।