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समस्तीपुर:- भारत में कई दशकों से कुपोषण एक प्रमुख सामाजिक चुनौती के रूप में विराजमान है। सरकारी प्रयास के साथ साथ सभी के समन्वित प्रयास से ही कुपोषण को दूर किया जा सकता है। उक्त बातें मदुदाबाद जीविका कार्यालय में पेाषण परिचर्चा की अध्यक्षता करते हुए बीपीएम मिनाक्षी कुमारी ने कही। संचालन करते हुए क्षेत्रीय प्रबंधक इन्द कुमार कांति ने कहा कि कुपोषण दूर करने की प्रयासों की समीक्षा एवं जिम्मेदार व्यक्तियों की जबाबदेही भी सुनिश्चित की जानी चाहिए।ऐसी स्थिति में भारत को विश्व की महाशक्ति बनने के लिए कुपोषण को जड़ से खत्म करना है। क्षेत्रीय प्रबंधक विजय मधुप्रिय ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की क्रय शक्ति कम होने एवं पौष्टिक आहार की कमी के कारण कुपोषण जैसी समस्याएं बढ़ने लगती है। परिणाम स्वरूप लोगों की उत्पादन क्षमता कम होने लगती है। लेखापाल अजय कुमार ने कहा कि सरकार कुपोषण को दूर करने के लिए कई कार्यक्रम संचालित कर रही है। बावजूद उचित क्रियान्वयन नहीं होने से आर्थिक विकास में रूकावट आती है। परिचर्चा के उपरांत जीविका दीदियों को पोषण संबंधी कई पौष्टिक पूरक आहारों की जानकारियां दी गयी। साथ ही वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाले जीविका दीदियों व कैडरों को प्रशस्ति पत्र व ट्राॅफी देकर सम्मानित किया गया। मौके पर मुनचुन कुमारी, निरमा शर्मा,शबा परवीन, राजीव कुमार, राजेश कुमार, हरेराम ठाकुर,श्वेता कुमारी, सरिता कुमारी,शीला कुमारी,डाॅली कुमारी,माला कुमारी, जयमाला देवी, कांति देवी आदि शामिल थे।