*जो सर्वत्र भागवद दर्शन करते हुए अपने हृदय में भी निरंतर प्रभु का अनुभव करे वही सर्वोच्य भक्त होता हैं:- शेषनारायणाचार्य। हर खबर पर पैनी नजर।* इंडिया पब्लिक न्यूज….

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समस्तीपुर:- जिले के मोहिउद्दीननगर प्रखंड क्षेत्र के कुरसाहा गांव में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के विश्राम दिवस पर ज्ञानमंच से कथा की शुरूआत करते हुए श्रीधाम अयोध्या से पधारे कथावाचक शेषनारायणाचार्य ने कहा कि सभी जीवों में भगवान विराजमान हैं। यह परमात्मा से बिछड़ने के कारण ही दुःखी है। यदि यह परमात्मा की शरण में जाय तो उसका दु:ख दूर हो सकता है। वहीं आचार्य ने कहा कि जो सर्वत्र भागवद दर्शन करते हुए अपने हृदय में भी निरंतर प्रभु का अनुभव करे वही सर्वोच्य भक्त होता है। सुदामा चरित्र की चर्चा करते हुए कहा कि सुदामा जी आशा छोड़कर निष्काम भाव से श्रीकृष्ण के पास केवल चार मुठ्ठी चावल लेकर गये थे। वहीं कृष्ण भगवान केवल एक मुठ्ठी खाकर ही ऐश्वर्य प्रदान कर दिए। कुब्जा ने थोड़ा सा चन्दन लगाकर भगवान का श्रृंगार किया था, तो बदले में भगवान ने कुब्जा को श्रेष्ठ रूप प्रदान कर दिया। विश्व वैदिक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष यज्ञाचार्य चन्द्रशेखर शास्त्री ने कहा कि आज के बदलते परिवेश में अपनी संस्कृति के अनुरूप ही लोगों को आचरण करना चाहिए ताकि दुनियां में भारत विश्व गुरू का दर्जा प्राप्त कर सके। इस कथा के दौरान विनोद राय, अजित राय सहित सम्पूर्ण ग्रामीणों की सराहनीय भूमिका थी।

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