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समस्तीपुर:- जिले के खानपुर प्रखंड क्षेत्र में देश के महान शिक्षाविद व तीसरे राष्ट्रपति डॉ० जाकिर हुसैन की जयंती बड़े हीं धूमधाम से मनाया गया। उन्होंने अपना सारा जीवन शिक्षा को समर्पित कर दिया था और खुद को शिक्षक कहलाने में गर्व महसूस करते थे।
देश की अहम यूनिवर्सिटियों में शामिल जामिया मिल्लिया इस्लामिया की बुनियाद भी उन्होंने ही रखी थी। उनके इस महान कृति को याद रखने के लिए राजकीयकृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिरोपट्टी खतुआहा के प्रांगण में प्रभारी एचएम मोहम्मद शाहनवाज की अध्यक्षता में डॉ० जाकिर हुसैन की जयंती मनाई गई।
उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि डॉ० जाकिर हुसैन का जन्म 8 फरवरी 1897 ई को हुआ था। उन्होंने दिल्ली में कड़ी मेहनत और लगन के साथ जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी की स्थापना की और मात्र 29 वर्ष की आयु में जामिया के कुलपति बने थे। वहीं जयंती समारोह के मुख्य अतिथि डॉक्टर जे०सी० झा ने कहा कि शिक्षक के विद्वान के तौर पर 1952 ई० में राज्यसभा के सदस्य बने, वही 1957 ई० में बिहार के राज्यपाल बने और बिहार के लोगों के लिए काम किया। इस समारोह के मौके पर मणिकांत मिश्रा ने कहा कि 1962 ई० में वह देश के उपराष्ट्रपति बने एवं देश के लिए उनके काम के सम्मान के तौर पर वर्ष 1963 ई० में उनको सर्वोच्च नागरिकता सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। पुनः सन 1967 ई० में वह देश के तीसरे राष्ट्रपति बने।
वहीं प्रधानाचार्य सैयद अली ने उनके कृति पर प्रकाश डालते हुए बताया कि डॉक्टर जाकिर हुसैन का कहना था सारा भारत मेरा घर है और उसके लोग मेरे परिवार के लोग हैं। लोगो ने कुछ समय के लिए मुझे अपना मुखिया चुना है। मैं सच्ची लगन से इस घर को मजबूत और सुंदर बनाने की कोशिश करूंगा। अगर मैं अपने देश के लिए कुछ भी कर पाया तो यह मेरा सौभाग्य होगा। यह शब्द थे देश के तीसरे राष्ट्रपति डॉ० जाकिर हुसैन की। जब उन्होंने देश के तीसरे राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लिया था तो यही कहा था। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक छात्र एवं छात्राएं उपस्थित थे।