रमेश शंकर झा
समस्तीपुर:- केले के रेशे से हस्तकला प्रशिक्षण सह प्रतियोगिता वस्तु एंव तन्तु विभाग में आयोजित चार दिवसीय 18 जनवरी, 2021 से 21 जनवरी 2021 तक रेशों से प्राकृतिक केले के रेशों से हरतकला प्रशिक्षण के समापन के सम्बोधन सत्र में सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता माहोदया डॉ० मीरा सिंह, प्रशिक्षणर्थियों को बहुत बढावा दिया उन्होने विभिन्न उत्पाद बनाकर रोजगार के रूप में अपनाने को कहा ।
तन्तु विभाग के परियोजना निदेशक अपशिष्ट प्रबंधन पर उच्च अध्धयन केन्द्र के डॉ० संगीता देव ने उत्पाद बनाने एंव उसके महत्व के बारे में जानकारी दिया। इसे रोजगार के रूप में अपनाकर आत्मनिर्भर बनाने पर प्रकाश डाला। वस्त्र एंव तन्तु विज्ञान के डॉ० स्मृति रेखा सरकार सह प्रध्यापक वस्त्र एंव तन्तु विज्ञान ने कुछ अलग उत्पाद, अलग डिजाईन बनाने को कहा तकि उत्पाद की बिक्री में कोई समस्या न आए और हाथों हाथ बिक जाए।
वहीं डॉ० अर्चना कुमारी ने चार दिन के प्रशिक्षण में सभी प्रशिक्षणर्थियों को विभिन्न उत्पाद बनाकर दिखाया। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्वेश्य था कि जिस केले के पौधों को हम केले काटने के बाद पौधों को फेंक देते है उससे रेशा निकालकर मूल्यवर्धन कर इससे पैसे कमा सकते है एंव अपनी आर्थिक स्थित को सुदृढ कर सकते है। इस मौके पर मधु, अम्बे, सुनिता कुमारी, रिंकु कुमारी ने भी प्रशिक्षण में सहयोग किया।