वन्दना झा
मधुबनी:- विगत 5 सालों में जिले में 47.4 प्रतिशत महिलाओं ने परिवार नियोजन के किसी भी साधन को अपनाने में दिलचस्पी दिखाई है. हाल ही में जारी किए गए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 द्वारा जारी किए गए नए आंकड़ों के अनुसार जिले में में परिवार नियोजन के अस्थाई साधन के इस्तेमाल में भी वृद्धि पाई गई है , जो परिवार नियोजन कार्यक्रमों के जमीनी स्तर पर बेहतर क्रियान्वयन की तरफ इशारा कर रही है. बेहतर प्रजनन स्वास्थ्य एवं जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए परिवार नियोजन कार्यक्रमों की सफलता बेहद मायने रखती है.
*पांच वर्षों के अंतराल पर जारी होते हैं आंकड़ें:-*
स्वास्थ्य कार्यक्रमों के बेहतर क्रियान्वयन को लेकर सरकार का प्रयास अनवरत जारी है. लेकिन इन कार्यक्रमों का समुदाय स्तर पर कितना असर हुआ है, इसे जानने के लिए आंकड़ों का सहारा लेना जरुरी हो जाता है. इस दिशा में प्रत्येक पांच वर्षों के अंतराल पर राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण स्वास्थ्य के विभिन्न सूचकांकों को लेकर आंकडें जारी करता है. हालांकि अभी तक राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के 4 संस्करण के आंकडें ही उपलब्ध थे, जो वर्ष 2015-16 में जारी किए गए थे. अब राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के 5 वें संस्करण के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं.
*लगभग 47.4% महिलाएं अपना रही परिवार नियोजन साधन:-*
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4(2015-16) के अनुसार पहले 16.5% महिलाएं ही परिवार नियोजन के किसी भी साधन को अपना रही थी, जो राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (2019-20) के अनुसार अब बढ़कर 47.4% हो गयी. वहीं वर्ष 2015-16 में केवल 16.2 प्रतिशत महिलाएं ही परिवार नियोजन के आधुनिक साधनों का इस्तेमाल करती थी, जो वर्ष 2019-20 में बढ़कर 39.5% हो गयी. इस तरह परिवार नियोजन के किसी भी साधन को अपनाने में लगभग 30.9% की वृद्धि एवं आधुनिक साधनों को अपनाने में 23.3% वृद्धि दर्ज हुयी है.
*महिला बन्ध्याकरण में भी 18.8% की वृद्धि:-*
जनसंख्या स्थिरीकरण के लिहाज से महिला बन्ध्याकरण एवं पुरुष नसबंदी की उपयोगिता काफी बढ़ जाती है. इस दिशा में अब भी महिलायें ही यह जिम्मेदारी निभा रही है। . वर्ष 2015-16 में सिर्फ 14.2% महिलाओं ने बन्ध्याकरण कारवाई थी, जो वर्ष 2019-20 में बढ़कर 33% हो गयी. इस तरह विगत 5 सालों में लगभग 18.8% महिलाओं ने बन्ध्याकरण को अपनाया.
*कंडोम इस्तेमाल पहले की तुलना में 1.5 प्रतिशत बढ़ा:-*
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के अनुसार जिले में केवल 0.7% लोग ही कंडोम का इस्तेमाल करते थे, जो राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के मुताबिक अब बढ़कर 2.2% हो गयी है. इस तरह विगत पांच सालों में कंडोम इस्तेमाल के प्रति 3 गुना लोगों ने दिलचस्पी दिखाई है।
*गर्भनिरोधक गोली एवं सुई के इस्तेमाल में भी बढ़ोतरी:-*
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के अनुसार जिले में 0.9% महिलाएं ही गर्भनिरोधक गोली का इस्तेमाल करती थी जो राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार अब बढ़कर 1.2% हो गयी है. वहीं पहले 0.2% महिलाएं ही गर्भनिरोधक सुई का इस्तेमाल करती थी, जो अब बढ़कर 1.6% हो गयी है. इस बदलाव में नवीन गर्भनिरोधक गोली (छाया) एवं गर्भनिरोधक सुई (अंतरा) की शुरुआत का योगदान है।