*ईडी ने दिया डीएस व सीएस को निर्देश। हर खबर पर पैनी नजर।* 

रमेश शंकर झा

मधुबनी:- कोरोना संक्रमण के प्रसार के ट्रेंड को समझने एवं इसकी व्यापकता की निगरानी के मद्देनजर जिले में जनसंख्या आधारित सीरो-सर्वेक्षण के तीसरे चरण की शुरुआत गुरुवार 24 दिसंबर से होगी। विदित हो कि जिले में मई एवं अगस्त में भी सीरो सर्वे किया गया था। आईसीएमआर की टीम करेगी सर्वे -जारी दिशा-निर्देश के अनुसार भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अंतर्गत पटना में स्थित आर०एम०आर०आई० एम० एस० संस्था के सदस्य जिले में सीरो-सर्वेक्षण करेंगे। वहीं सिविल सर्जन सुनील कुमार झा ने बताया आईसीएमआर की टीम में कुल 20 सदस्य हैं। सदस्य जिले के चयनित इलाकों में जाकर नमूना (सैंपल) लेंगे। सीरो सर्वे की मदद से यह पता लगाया जाएगा कि जिले में कोरोना वायरस का संक्रमण कहां तक फैल चुका है और कितने लोगों के अंदर कोरोना वायरस से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी है या फिर उनके शरीर में एंटीबॉडी बन चुकी है।

जिले के 10 पंचायत के 10 गांव में होगा  सर्वे:
सीरो सर्वे के लिए जिले के 10 प्रखंड के 10 गांव को चयनित किया गया है।
जिसमें मधवापुर का  लोमा , जयनगर का  उसराही देवधा, खुटौना का  मझौरा, फुलपरास का  महिंदबार, कलुआही का  मधईपुर, बिस्फी का  बेंगरा, रहिका का डागर भिट्टी, राजनगर का  रघुवीरचक, झंझारपुर का  गेधनपुर, मधेपुर का  मधेपुर ग्राम शामिल हैं ।

10 ग्राम में 400 व्यक्तियों का सीरो सर्वे:

सीरो सर्वे के लिए जिले के 10 ग्राम में 400 व्यक्ति का सर्वे होगा , तथा 100 स्वास्थ्य कर्मियों के खून के नमूने लिए जाएंगे। जिसमें 10 वर्ष से ऊपर वर्ग के लोगों के रक्त के नमूने संग्रहित किये  जाने  हैं । प्रत्येक वार्ड गांव से 40 नमूने लिए जाएंगे। टीम 3 दिनों तक सर्वे करेगी। राष्ट्रीय सर्वे में तकनीकी सहयोगात्मक अनुश्रवण डब्ल्यूएचओ के पदाधिकारी एवं फील्ड मॉनिटर द्वारा किया जाएगा। जिले में रक्त के नमूनों को आर.एम.आर.आई पटना में जांच के लिए भेजने की जिम्मेवारी जिला स्वास्थ समिति की होगी।

जांच टीम के लिए स्वास्थ्य विभाग को करनी होगी व्यवस्था:

जारी पत्र के अनुसार स्वास्थ्य विभाग मधुबनी द्वारा कोल्ड चेन की व्यवस्था, संबंधित प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से सहयोग, जिले से रक्त के नमूनों को आरएमआरआई पटना में जांच के लिए भेजने की जिम्मेवारी, सर्वे दल को पुलिस सुरक्षा, पीपीई किट आदि की व्यवस्था करनी होगी।

क्या है सीरो सर्वे :

सीरो सर्वे के अनुसार रैंडम के हिसाब से सैंपल लिए जाएंगे। एक परिवार के एक ही व्यक्ति का सैंपल लिया जाएगा। इसके अनुसार पता लगेगा कि कोरोना के खिलाफ एंटी बॉडीज किस तरह विकसित हो रही हैं और उनके विकसित होने का  दर क्या है। ब्लड सैंपल की जांच करके यह पता लगाया जाता है कि जिस व्यक्ति का सैंपल लिया गया है, उसके अंदर  रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) विकसित हुई है या नहीं। सैंपल की जांच के लिए एक विशेष किट का इस्तेमाल किया जा रहा है। यदि कोई व्यक्ति कोरोना की चपेट में आता है, लेकिन उसके अंदर कोई लक्षण नहीं उभरता , तो ऐसे लोगों के शरीर में 5-7 दिन के अंदर अपने आप एंटीबॉडी बननी  शुरू हो जाती है , जो वायरस को शरीर में पनपने नहीं देती है । सर्वे से इन्हीं एंटी बॉडीज की जांच करके पता लगाया जाएगा कि जिले में किस एरिया में कितने लोगों को कोरोना हुआ, और कितने लोग अपने आप ठीक भी हो गए। जिससे आने वाले समय में स्वास्थ्य विभाग को इसका फायदा मिलेगा।

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