*मनरेगा में साढ़े आठ हजार मजदूरों को ही मिला काम। हर खबर पर पैनी नजर।*

रमेश शंकर झा

समस्तीपुर/मोहिउद्दीननगर:-  दूसरे प्रदेशों से घर लौटे मजदूरों को मनरेगा के तहत प्रखंड क्षेत्र में रोजगार के साधन उपलब्ध कराने का दावा खोखला साबित हो रहा  है। मजदूरों को जिस दर में जाॅब कार्ड उपलब्ध कराते हुए काम देने का आश्वासन दिया गया, उससे उलटा कार्य किया गया। करीब 15 दिनों पूर्व पंचायत समिति की हुई बैठक में यह मामला उठा भी और मनरेगा से जुड़े अधिकारियों एवं कर्मियों की लापरवाही पर सदन में चर्चा भी हुई। वहीं मोहिउद्दीननगर प्रखंड में मनरेगा के तहत विभिन्न कार्यों के निष्पादन के लिए मात्र 8585 मजदूरों को लगाया जा सका। जबकि 33736 जाॅब कार्ड पंजीकृत किये गये थे। वहीं बीडीओ कृष्ण कुूमार सिंह ने पंचायत समिति की बैठक में सदस्यों द्वारा सदन में उठायी गयी आवाज के बाद आश्वासन दिया कि वे शीघ्र ही इस योजना की समीक्षा के लिए एक बैठक करेंगे। सदन में उस वक्त मौजूद विधायक राजेश कुमार सिंह ने जब सभी विभागों के कार्यों की समीक्षा की तब मनरेगा की यह विफलता सामने आई। कोरोना काल के दौरान मजदूरों ने पंचायत रोजगार सेवकों द्वारा लापरवाही बरतने एवं बिचौलियों की माध्यम से शोषण करने का भी आरोप लगाया था। कोरोना काल में दूसरे राज्यों से रोजगार छोड़कर अपने घर आये मजदूरों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। रोजी रोजगार को लेकर उनकी चिंता लगातार बढ़ती जा रही है। विदित हो कि मोहिउद्दीननगर में पदस्थापित मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी का स्थानांतरण किया जा चुका है और सरायरंजन के कार्यक्रम पदाधिकारी को यहां का प्रभार दिया गया है।

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