धर्मेन्द्र कुमार
समस्तीपुर:- जिले के सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र के सरजमी पर शतरंज के मोहरों की तरह चुनावी बाजी जीती जाती है। वही राजनीति यहां इस कदर रची बसी है कि कोई चाह कर भी इसे अलग नहीं कर सकता है यह आज की बात नहीं है पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय डॉक्टर जगन्नाथ मिश्रा की ससुराल भी इसी विधानसभा के सीमावर्ती इलाके में आती है। कभी सलेमपुर से भी पूरे बिहार की राजनीति होती थी सरायरंजन की फिजा में सियासत तेज है हर कोई आपको समीकरण समझाने में देर नहीं करता। इस सीट से वर्तमान विधायक सह विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी जदयू प्रत्याशी के रूप में तीसरी बार अपनी जीत के लिए मैदान में है। उन्हें टक्कर देने के लिए राजद के अरविंद सहनी को प्रत्याशी बनाया गया है। वहीं लोजपा से आभास कुमार झा ने त्रिकोणीय बनाने में जुटे हैं। वैसे इस विधानसभा से 11 प्रत्याशी मैदान में हैं लेकिन राजद समर्थित वोटरों के बीच जदयू प्रत्याशी विजय कुमार चौधरी को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। वैसे कौन किसकी बाजी पलट दे कहना अभी मुश्किल है वैसे भी जिले की हॉट सीट शामिल सरायरंजन विधानसभा पर पूरे बिहार की निगाहें टिकी है। राजद ने यहां से अरविंद सहनी को अपना प्रत्याशी बनाया है हालांकि दूसरे जिले के होने के कारण अरविंद सहनी की इस क्षेत्र में पहले से कोई पहचान नहीं रही है। लेकिन टिकट मिलने और सामाजिक समीकरण के आधार पर वह मैदान में विधानसभा अध्यक्ष के सामने चुनौती पेश कर रहे हैं। वहीँ लोजपा प्रत्याशी आभास कुमार झा अपनी उपस्थिति को मजबूत करने में जुटे हैं। विद्यापति नगर क्षेत्र से आने वाले लोजपा के टिकट पर यहां अपना भाग्य आजमा रहे हैं। इस विधानसभा क्षेत्र के कुल दो लाख 80 हजार के करीब मतदाता है इसमें से करीब 95% जनसंख्या गांव में रहती है जिसकी 5 फ़ीसदी शहरों में है इस सीट पर स्वर्ण, मल्लाह, यादव, गोस्वामी, कोइरी, वैश्य आदि जातियों का अच्छा खासा प्रभाव है। खासकर भूमिहार, ब्राह्मण कुमार गोस्वामी और मल्लाह मतदाता यहां निर्णायक माने जाते हैं, दलित एवं महादलित के साथ-साथ अति पिछड़ा समाज के मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या भी है।