वन्दना झा
समस्तीपुर:- हाजीपुर में श्रीसहस्त्र चंडी महायज्ञ के आयोजन से चांदी धनुषी की फिजां एकबारगी ही आनंदित वातावरण से बदल गयी है। महायज्ञ अनुष्ठान में प्रतिदिन सैकड़ों किलो हवन साम्रगी के उपयोग होने से जहां बाबा पशुपतिनाथ जी महाराज की तपोभूमि धर्मनगरी चांदी धनुषी में माहौल भक्तिमय बना हुआ वहीं यज्ञ स्थल पर पहुंच रहे लोगों के रोम रोम पुलकित हो रहा। महायज्ञ के आचार्य श्रीकालकाजी मंदिर,नई दिल्ली के आचार्य सचिन वशिष्ठ ने बताया कि दुर्गा सप्तशती का पाठ और यज्ञ रोजाना सुबह 8.30 से 12.30 और शाम को 3 से 6 बजे तक किया जा रहा है। हवन के दौरान कई किलो जौ, काला तिल और घी के मिश्रण से बनाए गए सांकला समिधा की आहुति देने से वातावरण शुद्ध हो रहा है।इधर श्री सहस्त्र चंडी महायज्ञ में परिक्रमा देने भक्तों की भीड़ बढ़ने लगी है। आचार्य वशिष्ठ बताते हैं कि श्री सहस्त्र चंडी महायज्ञ में आहुति देने और फेरी लगाने का मौका सालों में एकाध बार मिलता है।
महायज्ञ संपन्न कराने वाले आचार्य भक्तों को बता रहे हैं कि जो लोग किसी कारणवश तीर्थ की यात्रा पर नहीं जा सकते, वे यदि महायज्ञ की परिक्रमा करके उन तीर्थों को याद करें तो तीर्थयात्रा के बराबर फल मिलता है। महायज्ञ की परिक्रमा करने के दौरान गिनती न भूल जाएं इसलिए भक्तगण अपने हाथ में फूलों की पंखुड़िया अथवा इलायची दाना रख रहे हैं। जैसे-जैसे परिक्रमा करते जाते हैं, वैसे-वैसे एक-एक पंखुडी अर्पित करते जाते हैं। कोई भक्तगण 11, कोई 51 और कोई 108 परिक्रमा कर रहे हैं। मौके पर मुख्य यज्ञमान अमरेन्द्र कुमार सिंह,व्यवथापक सत्येन्द्र सिंह राणा,मीडिया प्रभारी पदमाकर सिंह लाला, रविन्द्र कुमार सिंह,सुबोध सिंह,राजीव सिंह,कन्हैया सिंह,अलका सिंह,अर्पिता चौहान,राम कुमार सिंह आदि मौजूद थे ।