संत समागम में जमकर झूमे श्रद्धालु
रमेश शंकर झा
समस्तीपुर/विद्यापतिनगर:- तेरा नाम सुनकर दाता, दर पे गरीब आया, गोविन्द बोलो हरि गोपाल बोलो राधारमण हरि गोविंद बोलो, मेरा आप की कृपा से सब काम हो रहा है …आदि भक्ति गीतों पर श्रद्धालु झूम उठे। मौका था ठाकुर अनुकूल चंद्र महाराज के शिष्यों के एक दिवसीय समागम का। वहीँ प्रखंड अंतर्गत मऊ बाजार में समाजसेवी नवीन कुमार सिंह के संयोजन में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने एक से बढ़कर एक भक्ति रस की सरिता में गोते लगाए। दरभंगा सेे आए मुख्य वक्ता सुशील दा त्रत्वि्क देव ने कहा की जीवन को सार्थक कर मनुष्य में अमर चेतना जागृत करें, तभी मानव का कल्याण होगा।
बगैर मानव कल्याण का समाज अधूरा है। मनुष्य को सत्य व निष्ठा का सही मार्ग दर्शन सत्संग से मिल सकता है। उन्होंने कहा कि श्री श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र जी महाराज की वाणी किसी एक समुदाय धर्म के लिए नहीं बल्कि संपूर्ण समाज के लिए है। जिसमें उपस्थित सभी को जीवन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए अच्छे कर्म करने की बात कहीं गयी। बेगूसराय से आए रणवीर दा ने परमेश्वर की महिमा का बखान किया। कहा कि आज परमपिता श्री श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र जी सदगुरू के रूप में पूजनीय है। मोतिहारी से आए शरण दा त्रत्विक देव ने कहा कि परमेश्वर के बताये रास्ते पर मनुष्य को हमेशा चलना चाहिए। प्रभु को सत्संग, भजन-कीर्तन, पूजा-पाठ आदि के माध्यम से याद करने से उसका जीवन सफल हो जाता है। मौके पर कार्यक्रम के आयोजक नवीन कुमार सिंह ने बताया कि श्री अनुकूलचंद्र ठाकुर जी के दिखाए गए मार्गों पर चलकर कोई भी इंसान अपनी पूरी जीवन को सफल बना सकता है। गुरु जी ने मानव सेवा को सबसे बड़ा धर्म बताया है। ठाकुर जी सदगुरू है। जिनके पास मनुष्य को बचाने व बढ़ाने का उपाय है।
वे सभी समस्याओं के समाधान करते हैं। मौके पर लक्ष्मी नारायण मंदिर के महंथ विष्वकशैण रामानुज श्री वैष्णव दास उर्फ पंडित विनोद झा,रामाश्रय दा,श्याम दा ,जीतन दा,शुभम दा,रामकिंकर,उगन दा,मनोज दा,रविश दा,बंगाली दा,दिलीप दा,अधिवक्ता रविन्द्र प्रसाद सिंह, नवीन दा, वंदना सिंह,सचिन कुमार सिंह,बच्चा दा,संतोष दा, पप्पू कुंंवर,मनोज दा,अनिल दा आदि मौजूद रहे।इस दरम्यान पूरा इलाका वंदे पुरुषोत्तम से गूंज उठा। उपस्थित श्रद्धालुओं के लिए संध्या मेें आनंद बाजार प्रसाद भोज का आयोजन भी किया गया।