वंदना झा,
मधुबनी:- कोरोना वायरस संक्रमण की संभावित तीसरी लहर को लेकर सरकार चिकित्सा सेवाओं को मजबूत करने में जुटी हुई है। टेस्टिंग और ट्रेसिंग पर जोर दिया जा रहा है। चिकित्सकों और विशेषज्ञों की सलाह पर स्वास्थ्य विभाग ने रणनीति बनाई है। कोरोना की संभावी तीसरी लहर को लेकर जिला प्रशासन बेहद सतर्क है। संक्रमण के प्रसार में वर्तमान दर में वृद्धि न हो इसके लिए आवश्यक है कि जांच के दायरे को बढ़ाते हुए जांच में वृद्धि की जाए। वहीं सिविल सर्जन डॉ० सुनील कुमार झा ने जिले के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को पत्र जारी कर निर्देश दिया की बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में शत- प्रतिशत टीकाकरण के आच्छादन के मद्देनजर जिले के बाढ़ प्रभावित प्रखंड में टीका वाली नाव की शुरुआत की जाएगी। बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में 100% टीकाकरण आच्छादन के लिए लिए जिले में इस तरह का पहला एवं अनोखा प्रयास होगा। टीका वाली नाव जिसमें प्रत्येक नाव पर दो एएनएम, दो वेरिफायर और गोताखोर और नाविक भी मौजूद होगें। नाव की उपलब्धता जहां जिला प्रशासन द्वारा सुनिश्चित की जाएगी वहीं एएनएम तथा गोताखोर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से उपलब्ध कराए जाएंगे। टीके वाली नाव पर एएनएम के साथ गोताखोर और वेरिफायर भी मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही नदी में जल के बहाव की रफ्तार का भी ध्यान रखा जाएगा ताकि जान माल का कोई नुकसान नहीं हो। वहीं जिले के रहिका, घोघरडीहा, जयनगर, झंझारपुर, फुलपरास, बेनीपट्टी में वैक्सीनेशन सेंटर का संचालन किया जाएगा। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर बच्चों के लिए नुकसानदायक बताई जा रही है। जिससे निपटने के लिए सीसीसी एवं डीसीएससी में कोविड के उपचार के लिए10 बेड सैय्या के निर्माण की पहल की गई है। कोविड-19 को देखते हुए सदर अस्पताल मधुबनी के पेडियाट्रिक्स वार्ड में मूलभूत सुविधा तथा एसी की सुविधा युक्त कर संचालन करने का निर्देश दिया गया है।
*जिले के बाढ़ ग्रस्त प्रखंड में टीके वाली नाव से होगा टीकाकरण:-*
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ० एस०के० विश्वकर्मा ने बताया कि इन नावों से जिले के बाढ़ प्रभावित प्रखंड बिस्फी, बेनीपट्टी, मधेपुर तथा मधवापुर में जाकर टीकाकरण का कार्य किया जाएगा, ताकि टीकाकरण से कोई वंचित न हो पाए और 100 प्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य को पाने में हमें सफलता प्राप्त हो सके। बाढ़ क्षेत्र में टीकाकरण अभियान एक चुनौती है। इसके बावजूद जिलाधिकारी द्वारा दिए गए निर्देश के आलोक में स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूरी प्रतिबद्धता के साथ टीका कार्यक्रम को सफल बनाने की दिशा में विभाग द्वारा अपने दायित्वों का गंभीरतापूर्वक निर्वहन किया जा रहा है। इस क्रम में टीका वाली नाव की अवधारणा को जमीन पर उतारने का प्रयास किया गया है।
*सीसीसी एवं डीसीएससी में 10 बेड ऑक्सीजन सपोर्टेड तैयार रखने के निर्देश:-*
संभावित कोरोना के तीसरे लहर को नियंत्रित करने के लिए सीसीसी एवं डी सीएचसी में पेडियाट्रिक कोविड-19 के लिए सैय्या का निर्माण करने का निर्देश दिया गया है की वर्तमान समय में कोविड-19 वैश्विक महामारी से प्रभावित है इस क्रम में कोरोना की संभावित तृतीय लहर में 0 से 18 वर्ष उम्र तक के बच्चे, किशोर व किशोरी को विशेष रूप से अत्यधिक प्रभावित होने की आशंका व्यक्त की गई है इस संभावित परिस्थिति में बीमार बच्चों की किशोर व किशोरी के अनुमानित वृद्धि से निपटने के लिए एवं नियंत्रित करने के लिए जिला के चिकित्सा स्वास्थ्य संस्थान में पूर्व तैयारी करने का निर्देश दिया है। सीसीसी एवं डीसीएचसी पर कोविड-19 बच्चों के उपचार के लिए संस्थान में पूर्व से स्थापित सीसीसी एवं डीएचसी में कम से कम 10 या इससे अधिक बेड ऑक्सीजन सपोर्टेड के साथ तैयार करने का निर्देश दिया गया है तथा उचित रेफरल की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए 102 सेवा मुफ्त में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।
*कांटेक्ट ट्रेसिंग में कोविड-19 जांच कराए जाने वाले व्यक्ति का नाम, पता मोबाइल न. आवश्यक रूप से भरने के निर्देश:-*
सिविल सर्जन ने पत्र जारी कर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश दिया कि कोविड-19 जांच करने वाले टीम को निर्देशित किया गया है कि संक्रमित व्यक्ति के कांटेक्ट ट्रेसिंग में कोविड 19 जांच कराए जाने वाले व्यक्ति का पूरा नाम पता मोबाइल नंबर आवश्यक रूप से अंकित करें ताकि भविष्य में ऐसे व्यक्ति को ट्रेस करने में कठिनाई न हो।