प्रत्येक सत्र पर 25 लाभार्थियों को लगाया गया डमी टीका।
ड्रेस कोड में दिखे सभी टीकाकर्मी दल।
वन्दना झा
मधुबनी:- वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के नियंत्रण को लेकर जिले में टीकाकरण का कार्य किया जाना है। इसको लेकर शुक्रवार को तीन जगहों पर कोविड-19 टीकाकरण को लेकर सफल मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रत्येक टीकाकरण सत्र पर 25-25 लाभार्थियों को कोविड-19 का डमी टीका लगाया गया।
इस दौरान सभी टीकाकरण सत्र स्थल पर कर्मियों को ड्रेस कोड में रहने का निर्देश दिया गया था। वहीं पूर्वाभ्यास या ड्राई रन का मुख्य उद्देश्य यह है कि स्वास्थ्य प्रणाली में कोविड-19 टीकाकरण को रोल-आउट करने के लिए निर्धारित तंत्रों के साथ परीक्षण करना, ज़िला या प्रखंड स्तर पर योजनाओं के क्रियान्वयन और उसके संधारण के लिए को-विन पोर्टल के उपयोग व उसके परिचालन का आकलन करना है। मॉक ड्रिल के दौरान जिलाधिकारी अमित कुमार ने सदर अस्पताल में टीकाकरण का निरीक्षण किया।
जिलाधिकारी ने बताया जिले के तीनों कोविड-19 वैक्सीनेशन सेंटर पर कोरोना के वैक्सीन का ड्राइ रन किया गया। यह प्रक्रिया वैक्सीन देने की प्रक्रिया का पूर्वाभ्यास था। जिसमें वैक्सीन देने के प्रत्येक चरणों को निभाया गया। साथ ही जिलाधिकारी द्वारा ओपीडी,
प्रसव गृह, डिजिटल एक्स-रे रूम का निरीक्षण किया एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिया। इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ० सुनील कुमार झा, एसीएमओ डॉ० सुनील कुमार, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ० एस०के० विश्वकर्मा, जिला कार्यक्रम प्रबंधक दयाशंकर निधि, एसएमसी प्रमोद कुमार झा आदि उपस्थित थे।
*इन स्थानों पर हुआ मॉक ड्रिल:-*
मधुबनी मेडिकल कॉलेज,
सदर अस्पताल मधुबनी,
अनुमंडलीय अस्पताल जयनगर।
*सुबह 9 से शाम 5 बजे तक हुआ ड्राई रन:-*
जिले में सुबह 9 बजे से हीं ड्राई रन यानि मॉक ड्रिल का कार्य शुरू कर दिया गया। टीकाकरण के दौरान कक्ष में एक बार में एक ही व्यक्ति की एंट्री दी जा रही थी। ड्राई रन में प्रत्येक केंद्र पर इनरॉल 25 स्वास्थ्यकर्मियों को चुना गया था। उन्हें एक मैसेज भेजा कि जिसमें उनके टीके के स्थान, वैक्सीन की कंपनी, दिन तथा एएनएम की जानकारी थी।
तय समय पर पहुंचने पर तीन कमरों वाले वैक्सीनेशन सेंटर के पहले कमरे में उनके हाथ धोने की व्यवस्था थी। दूसरे में उनके पहचान पत्र का मिलान को-विन पोर्टल से किया गया। वहीं तीसरे कमरे में उन्हें टीके का पूर्वाभ्यास किया गया। टीका पड़ने के बाद आधे घंटे तक उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी गयी। पोर्टल पर डेटा को भरा गया ताकि फिर 28 दिन बाद उन्हें उसी कंपनी का टीका पड़ सके।
*चुनाव बूथ की तर्ज पर बनाया गया था टीकाकरण कक्ष :-*
जिलाधिकारी अमित कुमार ने बताया ड्राई रन के दौरान टीकाकरण कक्ष को चुनाव बूथ की तर्ज पर बनाया गया था जिसमें तीन कक्ष थे। पहला कक्ष लाभार्थियों के टीका लेने के लिए प्रतीक्षालय, दूसरा कक्ष टीकाकरण के लिए एवं तीसरा कक्ष टीकाकरण के पश्चात 30 मिनट तक लाभार्थी के अवलोकन (अर्ब्जवेशन) के लिए।
*रिएक्शन होने पर तुरंत निपटने की तैयारी:-*
वहीं सीएस डॉ० सुनील कुमार झा ने बताया ड्राई रन के दौरान टीकाकरण से रिएक्शन होता है तो उससे निपटने के लिए विशेष रूप से व्यवस्था की गयी थी। इसके लिए हर टीकाकरण स्थान पर एडवरस इवेंट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन टीम तैनात थी। हर टीकाकरण सत्र पर एक एंबुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी थी ताकि जो जरूरत पड़ने पर व्यक्ति को उपचार के लिए बड़े अस्पताल तक ले जाया जा सके।
*तापमान का रखा गया ख्याल:-*
ड्राई रन के दौरान टीके को कोल्ड चेन प्वाइंट से केंद्र तक लाने एवं टीकाकरण की तमाम प्रक्रिया को व्यवहार और प्रयोग के तौर पर परखा गया। इस दौरान वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए निर्धारित तापमान की जांच तथा वैक्सीन को एक जगह से दूसरे जगह ले जाने की तैयारियों का आकलन किया गया।
*सुपरविजन के लिए टीम का किया गया था गठन:-*
मॉक ड्रिल के दौरान तीनों टीकाकरण स्थल पर सुपरविजन के लिए एक एक टीम का गठन किया गया था। टीम के द्वारा मॉक ड्रिल के दौरान सभी कार्यों की गहनता से सुपरविजन किया गया।
*ऐसे हुआ था टीकाकर्मी टीम का गठन:-*
सुरक्षाकर्मी (वैक्सीनेशन पदाधिकारी-1): भीड़-भाड़ को नियंत्रित करने के लिए, सत्यापनकर्ता (वैक्सीनेशन पदाधिकारी-2) लाभार्थियों को सत्यापित करना चुनाव बूथ अनुसार, टीकाकर्मी (वैक्सीनेटर पदाधिकारी-1) लाभार्थी का टीकाकरण करना, सहयोगकर्मी/
उत्प्रेरक(वैक्सीनेशन पदाधिकारी-3) टीकाकर्मी को सहयोग देना, टीकाकरण के पश्चात् 30 मिनट तक लाभार्थी का अवलोकन करना, सहयोगकर्मी/ उत्प्रेरक (वैक्सीनेशन पदाधिकारी-4) टीकाकर्मी को सहयोग देना, टीकाकरण के पश्चात् 30 मिनट तक लाभार्थी का अवलोकन करना।