*मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण हीरे तराशने की तरह है:- कुलपति डॉ० रमेश चंद्र श्रीवास्तव। हर खबर पर पैनी नजर।*

रमेश शंकर झा

समस्तीपुर:- जिले के डॉ० राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के द्वारा युवा सौर्य समाजिक संगठन के सहयोग से अखिल भारतीय समनवित मशरूम अनुसंधान परियोजना के तहत प्रवासी श्रमिकों के जीविका संवर्धन के लिए किए जा रहे मशरूम उत्पादन कार्यक्रम के फील्ड विजिट कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वहीँ रविवार को डॉ० राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ० रमेश चंद्र श्रीवास्तव पोषित गांव मुरादपुर बंगरा पहुंचे। इस फील्ड विजिट कार्यक्रम में कुलपति के साथ विश्वविद्यालय के निदेशक अनुसंधान मिथिलेश कुमार एवं मशरूम अनुसंधान परियोजना के परियोजना निदेशक डॉ० दयाराम भी उपस्थित थे। उन्होंने अपने क्षेत्र भ्रमण के दौरान कुलपति ने बंगरा में मशरूम उत्पादन कर रहे प्रवासी श्रमिकों के मशरूम उत्पादन स्थल का निरीक्षण किया एवं उनसे मशरूम उत्पादन कर उनकी कमाई के बारे में पूछा-ताछ की। बता दें कि प्रवासी श्रमिक प्रदुमन, सुशील, बिशन, रंजीत इत्यादि ने कुलपति को बताया कि मशरूम उत्पादन करके वह लगभग 5000 से 7000 रू० प्रति माह आमदनी कर पा रहे हैं और उन्हें अब प्रदेश जाकर कमाने की जरूरत नहीं पड़ रही है। वहीं क्षेत्र भ्रमण के दौरान रामप्रताप उच्च विद्यालय पर पहुंचकर सभा में परिवर्तित हो गया। यहां प्रवासी श्रमिक एवं उनके परिवार जनों को विश्वविद्यालय के कुलपति ने संबोधित किया।

संबोधन के दौरान कुलपति ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों के लिए यह मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण हीरे तराशने की तरह है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रवासी श्रमिकों के रोजगार के लिए अन्य कार्यक्रमों को भी संचालित करेगा। जिसमें केले के रेशे, अरहर के डंठल इत्यादि कर उनकी जीविका संवर्धन के कार्य प्रमुख होंगे। इस कार्यक्रम पर उन्होंने अपनी प्रसन्नता जाहिर की और युवा सौर्य के कार्य की प्रशंसा किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए निदेशक अनुसंधान डॉ० मिथिलेश कुमार ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के हितों की रक्षा के लिए विश्वविद्यालय कटिबद्ध है। प्रवासी श्रमिकों को संबोधित करते हुए डॉ० दयाराम ने विषय प्रवेश कराते हुए कहा हमारा लक्ष्य है की मशरूम उत्पादन को घर-घर तक पहुंचाना और हम इसके लिए हम हमेशा प्रयासरत है। इस कार्यक्रम में शिरकत कर रही सर्वोदय उच्च विद्यालय वैनी पुसा की शिक्षिका और समाज सेविका अमृता कुमारी ने महिलाओं को मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में आगे आने का आह्वान किया। वहीं दलित उत्थान समिति के सचिव पंकज कुमार ने युवाओं को मशरूम उत्पादन के लिए आगे आने का आह्वान किया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए एनजीओ संघ के सचिव संजय कुमार बबलू ने कहा कि सामाजिक संगठन समुदाय के परिस्थितियों में बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और इस कड़ी में युवा स्वर राष्ट्रीय स्तर पर कार्य कर रही है। यह सफलता यह दिखाती है कि मशरूम उत्पादन का और प्रवासी श्रमिकों को भी स्थानीय स्तर पर रोजगार का हर जीवकोपार्जन का साधन दिला सकती है। कार्यक्रम को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए युवा सौर्य के सचिव दीपक कुमार ने कुलपति के प्रति आभार प्रकट किया और कहा कि मशरूम प्रशिक्षण को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने के लिए, इसका पालन करते हुए एवं 100 से अधिक युवा एवं ग्रामीणों ने भाग लिया।

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