*भोजपुरी गीतों के सुपरस्टार गीतकार सह बिहार सरकार में रह चुके हैं कला संस्कृति मंत्री और वर्तमान में है बिहार से भाजपा विधायक। हर खबर पर पैनी नजर।*

रमेश शंकर झा

पटना:- भोजपुरी के मशहूर गीतकार विनय बिहारी को बचपन से ही गाने और नाटक करने का शौक था। उनके गांव में जब भी नाटक होता वह जरूर हिस्सा लेते। इसके लिए उनको अपने पिता जी के खिलाफ जाना पड़ता था। पेशे से शिक्षक रहे विनय बिहारी के पिता को ये बिल्कुल भी पसंद नहीं आता था कि उनका बेटा नाटक खेले और गाने गाए। लेकिन विनय बिहारी को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता था जिसके लिए कई बार पिता से मार भी पड़ी। स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद जब उच्च शिक्षा के लिए विनय बिहारी पटना गए तो उनको अपने मन की करने की आजादी मिली। साल 1989 में विनय बिहारी ने इंटर की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास की। इसी साल उनके गाने की पहली कैसेट एसएम सीरीज से आई। एल्बम का नाम था ‘चंपारण के बाबू।’ इसमें विनय बिहारी गीत लिखने के साथ गाए भी थे। पिता को इस बात का जब पता चला तो वह काफी नाराज हुए थे। इतना गुस्सा हुए थे कि विनय बिहारी की चप्पलों से पिटाई कर दी थी। इस बात को याद करते हुए विनय ने एक इंटरव्यू में कहा था- ‘पिता जी को जब मेरे पहले कैसेट के बारे में पता चला तो उन्होंने दोनों पैरों के चप्पलों से पिटाई की थी।

इतना मारे थे कि दोनों चप्पल टूट गए थे।’ उन दिनों को याद करते हुए विनय ने आगे कहा था कि पिता जी कभी भी गाने को लेकर मेरी तारीफ नहीं की। वह हमेशा खिलाफ में ही होते थे।बता दें कि विनय बिहारी ने अब तक 300 से ज्यादा फिल्मों में गीत लिख चुके हैं। वहीं 50 से अधिक फिल्मों में डायलॉग लिखे। साथ ही 15 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय भी किया। इसके साथ ही वह एक राजनीतिज्ञ भी हैं। वह लौरिया से साल 2010 व 2015 मे भाजपा के टिकट पर विधायक भी निर्वाचित हुए हैं पहली बार वे निर्दलीय जीते थे तथा जीतन राम मांझी मंत्रिमंडल में बिहार के कला संस्कृति मंत्री भी बने थे।

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