वंदना झा
समस्तीपुर बिहार।
समस्तीपुर:- जीहाँ आइये आज दो ऐसे सख्सियत से मिलवातें हैं जिनका एक ही जीवन का उद्देश्य है, दूसरों की सेवा करना। उस सख्सियत का नाम डॉ० नीरज कुमार जो कि पेशे से एक फ़िज़ियोथेरेपिस्ट डॉक्टर हैं और दूसरे दिलीप मिश्रा हैं जो हमेशा दूसरे की मदद के लिए तैयार रहते हैं। इन दोनों लोग ने बताया कि हमलोग दूसरे के यहां झोला फैला कर मांगते हैं और हर साल उस पैसे से दुसरो की मदद करते हैं।
उनके अनुसार मानव जीवन का उद्देध्य है कि अपने मन, वचन, और काया से औरों की मदद करना। हमेशा ये देखा गया है की जो लोग दूसरो की मदद करते हैं, उन्हें तनाव कम होती है, मानसिक शांति और आनंद का अनुभव होता है। वह अपनी आत्मा से ज्यादा जुड़े हुए महसूस करते हैं और उनका जीवन संतोषपूर्ण होता है।
वहीँ डॉ० नीरज कुमार ने बताया की यह लाइफ यदि परोपकार के लिए की जाएगी तो आपको कोई भी कमी नही रहेगी। किसी तरह की कोई अड़चन नही आएगी। आपकी जो जो इच्छाएं हैं, वह सभी पुरी होंगी। वहीँ दिलीप मिश्रा ने बताया कि जो सामने वाले का सुख ले लेता है, वह पाशवता में जाता है। जो खुद सुख देता है और सुख लेता है, ऐसा मानवीय व्यवहार करता है, वह मनुष्य पद में रहता है और जो खुद का सुख दूसरों को भोगने के लिए देता है, वह देवगति में जाता है।
डॉ० नीरज कुमार और दिलीप मिश्रा ने लगभग 10 सालों से किसी न किसी रूप में दूसरों की मदद करने से पीछे नही हटते है। अभी इस कोरोना महामारी के समय में एक दिन बीच करके दुसरो की मदद करते हैं। उनदोनो के अनुसार धार्मिक स्थलों में दान देना अच्छी बात है, लेकिन उनलोगों को दान देना भी महत्पूर्ण है जो हमें सड़कों पर भीख मांगते हुए मिलते हैं। हमें अपनी झिझक को छोड़कर आगे आना चाहिए।यह लोग साल भर दूसरे से मदद मांग कर जमा कर लेते हैं और किसी भी विपत्ति या महामारी में दूसरे की मदद कर देते हैं। यह लगभग 13 सालों से यह कार्य करते हुए आ रहे हैं।