वंदना झा
पटना:- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग एवं संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों के साथ ए०ई०एस० एवं जे०ई० की रोकथाम को लेकर किये जा रहे कार्यों की उच्चस्तरीय समीक्षा की।बैठक में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले 10 वर्षों में इन तीन वर्षों 2012, 2014 एवं 2019 में ए०ई०एस० के ज्यादा मामले सामने आए। उनके आकलन के आधार पर ए०ई०एस० से बचाव के लिए एस०ओ०पी० बनाकर उसकी तैयारी की गई है। बूढ़ी गंडक नदी के निकटवर्ती जिलों में विशेषकर एईएस के मामले ज्यादा पाए जाते हैं। मुजफ्फरपुर में 60 प्रतिशत ए०ई०एस० (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) एवं बाकी 40 प्रतिशत ए०ई०एस० के केस अन्य सोलह जिलों में मिलते हैं। गया के आसपास के जिलों में जे०ई० (जापानी इंसेफेलाइटिस) के केस पाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि 30 अप्रैल तक एस०के०एम०सी०एच० में 65 बेड का ए०ई०एस० वार्ड तैयार हो जाएगा। 100 बेड का अलग से बनने वाला पीकू (पेडियाट्रिक इन्टेन्सिव केयर यूनिट) में लगभग 70 बेड इस माह के अंत तक पूर्ण होने की स्थिति में है।
राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने ए०ईएस० एवं जे०ई० के लिए की जा रही तैयारियों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आठ जिलों में पी०एम०सी०एच० पटना, एस०के०एम०सी०एच० मुजफ्फरपुर, ए०एन०एम०सी०एच० गया,डी०एम०सी०एच० दरभंगा, एस०एच० अस्पताल हाजीपुर, एस०डी०ए०एच० रजौली (नवादा), मोतिहारी में पीकू का निर्माण पूर्ण हो चुका है। बाकी के सात जिलों में पीकू का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। उन्होंने उपचार हेतु की जा रही तैयारियों, उपकरणों, रेफरल ट्रांसपोर्टेशन एवं इन बीमारियों से बचाव के लिए लोगों के बीच में प्रचार प्रसार के लिए किए जा रहे कार्यों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।पिछले वर्ष ए०ई०एस० प्रभावित मुजफ्फरपुर जिले के 5 प्रखंडों कांटी, बोंचहा, मीनापुर, मोतीपुर, मुसहरी में सोशियो इकोनॉमिक सर्वे कराया गया था। इस सर्वे के आधार पर कई निर्णय लिए गए थे, जिसे विभिन्न विभागों द्वारा क्रियान्वित किया गया है। इस संबंध में समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अतुल प्रसाद ने बताया कि 303 अतिरिक्त आंगनबाड़ी केंद्र स्थापित कर संचालित किए गए हैं। इस प्रकार मुजफ्फरपुर में कुल 1896 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहारों के अलावे दूध का पैकेट भी वितरित किया जा रहा है।
ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के अंतर्गत शौचालय के निर्माण एवं 29 हजार 589 परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत आवास की स्वीकृति दी गई है और आवास के लिए भूमिहीनों को भी मुख्यमंत्री वास क्रय स्थल योजना के तहत पैसे दिए जा रहे हैं।उन्होंने अन्य बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता के संबंध में जानकारी दी। जीविका के कार्यपालक निदेशक बाला मुरुगन डी० ने जानकारी देते हुए बताया कि 7082 परिवारों को जीविका से जोड़ दिया गया है और 2587 परिवारों को सतत जीविकोपार्जन योजना का लाभ दिया जा रहा है।जीविका मित्रों को ट्रेनिंग देकर उनके माध्यम से ए०ई०एस० से बचाव के संबंध में उन्हें जागरुक किया जा रहा है।खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने जानकारी देते हुए बताया कि ए०ई०एस० प्रभावित मुजफ्फरपुर जिले के 5 प्रखंडों में 29 हजार 360 परिवार चिन्हित किए गए हैं।
15 हजार 85 परिवारों का राशन कार्ड के संबंध में सर्वेक्षण कराया गया जिनमें से 8700 को नया राशन कार्ड उपलब्ध करा दिया गया है और इनमें से शेष का राशन कार्ड पहले से ही उपलब्ध है। 14 हजार 275 राशन कार्ड के लिए आवेदन आए हैं, उनमें से 11,468 परिवारों को नया राशन कार्ड निर्गत करा दिया गया है।शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आर०के० महाजन ने जानकारी देते हुए बताया कि 14 मार्च 2020 से 3 मई 2020 तक मध्याह्न भोजन के समतुल्य राशि 1 करोड़ 15 लाख बच्चों को उनके खाते में 218 करोड़ 51 लाख रूपये अंतरित कर दी गयी है, जबकि 15 अप्रैल 2020 से 03 मई 2020 तक की अवधि का कुल 160 करोड़ 19 लाख रूपये की राशि हस्तांतरण की प्रक्रिया में है।
उन्होंने बताया कि ए०ई०एस० प्रभावित मुजफ्फरपुर जिले के 5 प्रखंडों में भी लॉकडाउन के दौरान मध्याह्न भोजन योजनान्तर्गत आच्छादित स्कूली बच्चों/अभिभावकों के खाते में राशि अंतरित की जा चुकी है। लोक स्वास्थ्य एवं अभियंत्रण विभाग के सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि 261 वार्डों में से 244 वार्डों में पाइपलाइन वाटर का कार्य पूर्ण कर जलापूर्ति की जा रही है और 17 वार्डों में भी कार्य पूर्ण होने की स्थिति में है। मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि 1436 वार्डों में से 986 वार्डों में हर घर नल का जल कार्य पूर्ण हो चुका है और शेष में काम तेजी से चल रहा है।समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि आशा एवं आँगनबाड़ी कर्मी घर-घर जाकर लोगों को यह जरूर बतायें कि एई०एस० के लक्षण दिखने पर बच्चों को तुरंत अस्पताल ले जायें। बीमारी के संबंध में लोगों को जागरूक करना नितान्त आवश्यक है।आशा एवं आँगनबाड़ी कर्मी बच्चों के माता-पिता को बतायें कि बच्चों को रात में सोने से पहले खाना जरूर खिलाना है।
ए०एन०एम०,आशा कार्यकर्ता, जीविका दीदीयां, स्थानीय जनप्रतिनिधि, आंगनबाड़ी सेविका आपस में टीम बनाकर घर-घर जाकर अभिभावकों को इस बीमारी के संबंध में जानकारी दें और उन्हें सचेत करें। मुजफ्फरपुर में पी०आई०सी०यू० शीघ्र प्रारंभ हो एवं संबंधित जिलों में पैडियाट्रिक वार्ड में पूर्ण तैयारी रखी जाय। वायरल रिसर्च डायग्नोस्टिक लैब की सुविधा एस०के०एम०सी०एच० के अतिरिक्त अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में भी स्थापित की जाय।अस्पतालों में चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मी 24×7 उपलब्ध रहें तथा अस्पतालों में पूर्ण साफ-सफाई एवं अन्य सुविधाओं पर विशेष निगरानी रखी जाय।जरुरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। एस०ओ०पी० के अनुसार सारी व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोराना संक्रमण को लेकर चलाये जा रहे डोर टू डोर कैम्पेन में ए०ई०एस० एवं जे०ई० के संबंध में भी जानकारी ली जाय।जे०ई० का पूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित करायें। वाहनों की गाँव वार टैगिंग करें तथा अस्पताल पहुँचने पर उनके तत्काल भुगतान की व्यवस्था की जाय ताकि ए०ई०एस० एवं जे०ई० पीड़ित मरीजों को ससमय अस्पताल पहुँचने में कठिनाई न हो। शिक्षा विभाग ए०ई०एस० से ज्यादा प्रभावित मुजफ्फरपुर के पाँच प्रखण्डों में मध्याह्न भोजन योजनान्तर्गत आच्छादित स्कूलों के बच्चों को 200 ग्राम दूध पाउडर उपलब्ध कराये। उन्होंने कहा कि बच्चों को अतिरिक्त पोषण के लिए न्यूट्रिशनल सपोर्ट डायट उपलब्ध करायी जाए।
उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर के पाँच प्रखण्डों में जो 303 आँगनबाड़ी केन्द्र किराये के भवन में चल रहे हैं, उनके लिये जल्द से जल्द भवन निर्माण कार्य शुरू कराया जाय। सभी विभाग आपस में समन्वय स्थापित कर ए०ई०एस० एवं जे०ई० की रोकथाम के लिये काम करें।बैठक के दौरान मुजफ्फरपुर, पटना, वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, शिवहर,सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण,पश्चिमी चंपारण,सारण,सीवान, गया,जहानाबाद, औरंगाबाद, अरवल, नवादा एवं नालंदा के जिलाधिकारियों ने ए०ई०एस० एवं जे०ई० की रोकथाम के लिये किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी। बैठक में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, मुख्य सचिव दीपक कुमार, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीश कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे। वहीं वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संबद्ध विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव तथा संबद्ध जिलों के जिलाधिकारी जुड़े हुए थे।