पैक्स के माध्यम से होगी गेहूॅ की अधिप्राप्ति, किसानों को अपनी पंचायतों में ही फसल का उचित मूल्य मिल सकेगा, राशी का निर्धारित समय पर हो भुगतान
रमेश शंकर झा
पटना:- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अणे मार्ग स्थित नेक संवाद से कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर किए जा रहे कार्यों की अद्यतन स्थिति एवं लॉकडाउन में रोजगार सृजन को लेकर किए जाने वाले कार्यों के संबंध में विभिन्न विभागों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गहन समीक्षा की। वहीँ मुख्य सचिव ने बताया कि गाइडलाइन को फाॅलो करते हुये ग्रामीण क्षेत्रों में हमलोग कुछ प्रोसेसिंग यूनिट चालू कर सकते हैं। सरकार द्वारा चलाई जा रही कुछ आॅनलाइन योजनाओं की शुरूआत की जा सकती है। जूट उद्योग, माइनिंग के उद्योग, आॅयल गैस रिफाइनरी इत्यादि की शुरूआत की जा सकती है। उन्होंने बताया कि 7 निश्चय के कार्यक्रम हर घर नल का जल, पक्की गली-नालियाॅ, शौचालय का निर्माण, तालाबों/पोखरों का जीर्णोद्धार जैसे कार्य शुरू कर दिये गये हैं। इसमें स्टैंडर्ड ओपरेटिंग प्रोसिज्योर का पालन किया जा रहा है।
इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना, सैनिटाइजेशन कराना, लार्ज गैदरिंग को रोकना आदि शामिल है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बैठक के दौरान निर्देश देते हुये कहा कि उद्योग विभाग अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग उद्यमी योजना के कार्य में तेजी लायें। प्राप्त आवेदनों को शीघ्र स्वीत कर लाभुकों को योजना का लाभ दिलायें। इसके लिए राशी की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने जल संसाधन विभाग को निर्देश दिया कि प्रो-एक्टिव होकर कटाव निरोधक एवं बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यों को ससमय पूर्ण करायें। स्थानीय प्रशासन भी इस काम में मदद करे। इंजीनियरिंग विभाग, दिशा-निर्देशों के अधीन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए योजनाओं को शीघ्र प्रारंभ करें ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंद लोगों अथवा मजदूरों को रोजगार मिल सके। स्थानीय मजदूरों को ट्रेनिंग देकर विशेष कार्यों के लिए उनका उपयोग किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा के अंतर्गत एक एकड़ से कम क्षेत्र वाले तालाबों का निर्माण शीघ्रता से हो। ग्रामीण विकास विभाग, पथ निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, लघु जल संसाधन विभाग अपनी योजनाओं को तेजी से क्रियान्वित करायें। मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन में कृष से संबंधित कार्यों पर कोई रोक नहीं है। गेहूॅ की अधिप्राप्ति के लिए सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। पैक्स के माध्यम से गेहूॅ की अधिप्राप्ति सुनिश्चित करायी जाय ताकि किसानों को अपनी पंचायतों में ही फसल का उचित मूल्य मिल सके। उन्होंने कहा कि राशी का निर्धारित समय सीमा के अंदर भुगतान सुनिश्चित किया जाय। फसल कटनी की भी माॅनिटरिंग सुनिश्चित करायी जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्वीकृत और पेंडिंग राशन कार्ड की जांच कर आवेदक को राशन कार्ड निर्गत किया जाए। सतत जीविकोपार्जन योजना एक महत्वपूर्ण योजना है।
जीविका के माध्यम से ऐसे परिवारों का चयन कर लें जिनका राशन कार्ड नहीं बना है। ऐसे परिवारों को एक हजार रूपये की राशि के भुगतान की व्यवस्था होनी चाहिये। इसके लिए ग्रामीण विकास विभाग दो दिन में सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण कर ले। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पहले से सतत् जीविकोपार्जन योजना चलायी गयी है, जिसके माध्यम से हाशिये पर के लोगों को आगे बढ़ाने के लिये तथा पूर्व में शराब एवं ताड़ी के कार्य से जुड़े लोगों की जीविका के लिये मदद हो सके। इन हाशिये पर के लोगों के पास राशन कार्ड भी नहीं है। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण विकास विभाग को निर्देश दिया कि जीविका समूह से समन्वय कर इसका सर्वे करायें और ऐसे परिवारों को चिन्हित करें, जिनका राशन कार्ड नहीं है। मनरेगा के भी ऐसे मजदूरों का जिनका राशन कार्ड नहीं है, उन्हें भी चिन्हित करें। इनलोगों का बैंक एकाउंट भी खुलवायें और जल्द से जल्द इनके खाते में राशी ट्रांसफर करायी जाय। लाॅकडाउन के कारण बिहार के बाहर बिहार के जो लोग फॅसे हुये हैं, उन्हें राहत देने के लिये उनके खाते में भी 1,000 रूपये भेजा जा रहा है। इस कार्य की भी निगरानी करते रहें ताकि बचे लोगों को भी खाते में राशी जल्द से जल्द अंतरित हो सके। राज्य में चलाये जा रहे आपदा राहत केन्द्रों पर सुविधाओं पर भी नजर रखें ताकि किसी को कोई दिक्कत न हो। बिहार के बाहर लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को मुख्यमंत्री राहत कोष से एक हजार रूपये की जो सहायता राशी अंतरित की जा रही है उसके संबंध में एन०पी०सी०आई० से समन्वय कर लाभुक के खाते में शीघ्र का अंतरण सुनिश्चित करायें। आवश्यकतानुसार प्रखंडों में आधार केंद्र को क्रियाशील बनाने की कार्रवाई करें। कोरोना की अद्यतन समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुये कहा कि वेंटीलेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर, टेस्टिंग कीट, मास्क, पी०पी०ई० की लगातार आपूर्ति सुनिश्चित करायें। किसी भी चीज की कमी न रहे। स्वाइन फीवर एवं बर्ड फ्लू पर सचेत रहें। ए०ई०एस० एवं जे०ई० के लिये चिकित्सकीय प्रबंधन के लिये कार्य करते रहें। जो भी निर्माण कार्य हो वहां मजदूरों को जीविका द्वारा निर्मित मास्क मुफ्त में उपलब्ध कराया जाएगा और इसका व्यय योजना की आकस्मिकता निधि से किया जाएगा। अभियंताओँ को सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में ट्रेनिंग दी जाए ताकि कोरोना संक्रमण की स्थिति उत्पन्न न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण अलग तरह की परिस्थिति पैदा हुयी है। लाॅकडाउन के दौरान लोगों की राहत के लिये सरकार ने कई कदम उठाये हैं। इस परिस्थिति में कई तरह की समस्यायें भी उत्पन्न हुयी है, जिसके समाधान के लिये हम सबको मिलकर काम करना होगा।
मजदूरों के रोजगार सृजन के लिये भी उपाय करने होंगे। राज्य में माॅनसून की शुरूआत के पूर्व बाढ़ नियंत्रण के लिये कुछ जरूरी कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर करना होगा। पिछले वर्ष बाढ़ के कारण कटाव निरोधक एवं बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य को प्राथमिकता में रखते हुये शुरू करें। बाढ़ प्रबंधन से जुड़ी हुयी जिन योजनाओं पर काम शुरू हुआ था, उसे भी पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि प्रधान सचिव/सचिव खुद माॅनिटर करें और इंजीनियर एवं श्रमिकों को प्रेरित भी करते रहें। कार्य स्थल पर जरूरी सुविधाओं एवं सुरक्षा का ख्याल रखा जाय। बैठक में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे, जबकि ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय, जल संसाधन मंत्री संजय झा, प्रधान सचिव पथ निर्माण विभाग, लघु जल संसाधन विभाग एवं पंचायती राज विभाग अमृत लाल मीणा, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार, आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चैधरी, ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव विनय कुमार, उद्योग विभाग के सचिव नर्मदेश्वर लाल, जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव जितेन्द्र श्रीवास्तव, कृषि विभाग के सचिव एन० सरवन कुमार, खाद्य, उपभोक्ता एवं संरक्षण विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े हुये थे।