*जुड़ शीतल का पर्व मिथिला का पावन पर्व माना जाता है:- कुमोधनी देवी। हर खबर पर पैनी नजर।*

वन्दना झा
समस्तीपुर बिहार।

समस्तीपुर:- जुड़ शीतल का पर्व मिथिला का पावन पर्व माना जाता है, जहां मां अपने पुत्र को शीतल जल देकर आरोग्य व शीतलता का आशीर्वाद देती है। वहीँ खानपुर प्रखंड क्षेत्र के नत्थूद्वार पंचायत में आज एक मां ने पेड़ पौधों के जड़ों में शीतल जल डालकर पेड़ पौधों को शीतलता का आशीर्वाद दिया। कुमोधनी देवी कहती है कि पेड़ पौधे पुत्र के समान है। एक पेड़ सौ पुत्रों के समान है। इनकी रक्षा करना हम सभी का कर्तव्य है।

वैसे भी सतुआनी व जुड़ शीतल का लगाव किसान खेती व प्रकृति से है। वहीँ पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़ पौधों को सीचना धार्मिक दृष्टिकोण से पुण्य माना गया है। हम सभी प्रकृति के आंचल में पले बड़े हैं, प्रकृति के ऋणी है। मालूम हो कि जुड़ शीतल मनाने के लिए कुलदेवता के निकट पीतल के बर्तन में रात में जल रख दिया जाता है, बासी होने के लिए छोड़ दिया जाता है, जिसे कल सुबह घर के बच्चे व बुजुर्गों के सिर पर उक्त बांसी जल डाली जाती है। तन मन एवं मस्तिष्क में शीतलता व आरोग्य प्राप्ति का आशीर्वाद देती है अपने से बड़ी महिलाएं।

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