*बसों से लोगों को भेजना गलत कदम है, लॉकडाउन को कर सकता है फेल- मुख्यमंत्री। हर खबर पर पैनी नजर।*

रमेश शंकर झा

पटना:- देश मे महामारी कोरोना से चिंतित केंद्र और राज्य सरकार ने कई बड़े-बड़े कदम उठायें हैं। लॉकडाउन के बाद ही महामारी का संक्रमण थमता नजर नहीं आ रही है। वहीँ बिहार में राज्य सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। लोगों के पलायन पर ही सरकार काफी गंभीर दिख रही है। हालाँकि दुसरे प्रदेशों में पलायन कर रहे लोगों के लिए सरकार ने जो बसें चलवा रही है उसे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गलत करार दिया है।

उन्होंने कहा कि यह एक गलत कदम साबित हो सकता है। वहीँ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि विशेष बस से लोगों को भेजना एक गलत कदम है। उन्होंने कहा कि इससे बीमारी और फैलेगी जिसकी रोकथाम और उससे निबटना सबके लिए मुश्किल हो सकता है। जो जहां हैं उनके लिये रहने खाने की व्यवस्था वहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि फैसला लॉकडाउन को पूरी तरह फेल कर देगा। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि स्थानीय स्तर पर ही कैम्प लगाकर लोगों के रहने और खाने का इंतजाम किया जाए। गौरतलब है कि दिल्ली से हजारों की संख्या में लोग अपने घर जाने के लिए पैदल निकल रहे हैं। इसको देखते हुए यू०पी० सरकार ने 200 बसों का इंतजाम किया है। यह बसें नॉएडा -गाजियाबाद से हर दो घंटों में रवाना होगी।

इस बसों से ज्यादातर पूर्वांचल और बिहार के यात्री हो सकते हैं। कई दिनों से परेशानी झेल रहे इन यात्रियों के लिए राहत वाली बात हो सकती है लेकिन सच्चाई यह भी है कि इन यात्रियों में अगर कोई भी संक्रमित हुआ तो बहुत मुश्किल हो सकती है। हर व्यक्ति यह चाहता है कि ऐसे समय में वह अपने परिवार के साथ घर मे रहे। लेकिन बिना जाँच के लोगों को एक जगह से दुसरे जगह ले जाया जाता है तो कोरोना वायरस और मुश्किल कर सकता है।

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