संजीव मिश्रा
पटना/बिहार:- निर्भया हमें माफ करना, हम बेहद शर्मिंदा है। जी हां हम बात कर रहे हैं चार गुनेहगार की, जिनकी फांसी की तारीके लगातार टल रही है। एक बार फिर नया डेथ वारंट जारी हुआ गुरुवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने गुरुवार को निर्भया के दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी किया है। नए वारंट के अनुसार दोषियों को 20 मार्च सुबह 5:30 बजे फांसी होगी। इससे पहले बुधवार को दोषी पवन की दया याचिका को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दी थी। इसके साथ ही चारों दोषियों के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो गए।
चौथा डेथ वारंट जारी होने के बाद निर्भया की मां ने कहा कि अब चारों दोषियों के सारे कानूनी दांवपेच खत्म हो चुके हैं। मुझे उम्मीद है कि इस बार निर्धारित तारीख को उन्हें फांसी पर चढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब तक उन्हें फांसी नहीं होती, हमारा संघर्ष जारी रहेगा। 20 मार्च की सुबह हमारे जीवन का सवेरा होगा। उन्होंने कहा कि मरते-मरते निर्भया ने हमसे कहा था कि उन्हें ऐसी सजा हो कि फिर कभी ऐसा अपराध ना दोहराया जाए। निर्भया की मां ने कहा कि अगर मौका मिला तो मैं उन्हें मरते हुआ देखना चाहूंगी।
वहीं चौथा डेथ वारंट जारी होने पर दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि दोषियों का ज्यूडिशियल मर्डर मत कीजिए। सीआरपीसी कहती है कि किसी को भी एक से ज्यादा बार फांसी की सजा नहीं दी जा सकती है। डेथ वारंट जारी कर चार बार मार चुके हो, और कितना निचोड़ोगे।
उन्होंने कहा कि अभी सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित है जिसमें केंद्र सरकार ने सभी दोषियों को अलग-अलग फांसी की सजा देने की मांग की थी। अभी भी उनके पास कानूनी विकल्प बचे हुए हैं।
याचिका में दिल्ली सरकार ने कहा था कि चारों दोषियों के सभी कानूनी विकल्प समाप्त हो चुके हैं और अब उनके पास कोई रास्ता नहीं है। इस याचिका पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने निर्भया के चारों दोषियों को नोटिस जारी करके गुरुवार तक जवाब मांगा था।
इस पर दिल्ली सरकार के वकील ने दलील दी कि चूंकि दोषियों के पास अब कोई कानूनी विकल्प बाकी नहीं है तो उन्हें नोटिस जारी करने की जरूरत नहीं है। इस पर कोर्ट ने कहा था कि प्राकृतिक न्याय का सिद्धांत संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार) का हिस्सा हैं और दूसरे पक्ष को सुनने के सिद्धांत को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता।
अदालत ने निर्भया के दोषियों विनय शर्मा (26), मुकेश कुमार सिंह (32), अक्षय कुमार सिंह (31) और पवन गुप्ता (25) को 3 मार्च की सुबह 6 बजे फांसी पर लटकाने का आदेश दिया था। इससे पहले भी दोषियों की फांसी के लिए जारी किए गए दो डेथ वारंट पर कानूनी विकल्प मौजूद होने के कारण अदालत ने रोक लगा दी थी।
इन दोषियों को तीन मार्च को फांसी होनी थी, लेकिन दया याचिका लंबित होने को ध्यान में रखते हुए अदालत ने 2 मार्च को फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। हालांकि अब दोषियों के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं, इसके बाद उन्हें फांसी पर लटकाने का रास्ता साफ हो चुका है। गोरतलब वाली बात है इसमें भी संदेह है कि तय तिथि में फांसी होगी,क्योकि चारो के वकील बेहत चालाक है,किसी ना किसी कानूनी पेंच के सहारे कुछ भी कर सकते हैं। कितने शर्म की बात है ये जानते हुए की निर्भया के गुनेहगार यही चारो है बावजदू इतने साल बीत चुके हैं किंतु आजतक इन्हें सजा नही मिल सकी। कितना बेबस है हमारा कानून। बरहाल निर्भया की माँ का कितना बुरा हाल होगा जो इतने सालों से न्याय की जंग लड़ रही है ताकि उनकी बेटी के हत्यारों को सजा मिल सके। जो भी हो आशा यही करनी चाहिए कि तय तिथि में फांसी पर लटका दिया जाए।