रंजीत कुमार
पटना/अहमदाबाद:- गुजरात के अहमदाबाद शहर में कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार द्वारा आयोजित तीन दिवसीय ’बिहार महोत्सव’ के दूसरे दिन आज गुजराती व बिहारी फगुआ (होली) के रंग में सराबोर हो गए। वहीं विभाग के मंत्री प्रमोद कुमार ने टैगोर हॉल परिसर में लगी प्रदर्शनी सह बिक्री केंद्र व आर्ट गैलरी के साथ – साथ बिहारी व्यंजनों के 26 स्टॉलों पर भम्रण किया और बिहार की अंतरराष्ट्रीय प्रसिद्ध व्यंजन लिट्टी चोखा का आनंद लिया।
मौके पर उनके साथ कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार के प्रधान सचिव श्री रवि परमार, अपर सचिव सह निदेशक श्री अनिमेष कुमार परासर, विभाग के उपसचिव श्री तारानंद वियोगी, विशेष कार्य पदाधिकारी सुनील कुमार वर्मा, अभिजीत और पीआरओ रंजन सिन्हा मौजूद रहे।
इस दौरान मंत्री श्री प्रमोद कुमार ने कहा कि गुजरात में बिहार की कला संस्कृति को एक बड़ा मंच प्रदान करने के लिए गुजरात सरकार और खेलकूद, युवा एवं सांस्कृतिक प्रवृत्ति विभाग, गुजरात को धन्यवाद। यह आयोजन बिहार राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और पूरे देश में एक मजबूत सांस्कृतिक जीवंतता का साक्ष्य है। उन्होंने कहा कि इस मंच से जहां बिहार के विशिष्ट संस्कृति सांस्कृतिक कला रूपों प्रदर्शन हो रहा है,
वहीं दूसरी और गुजरात के प्रसिद्ध लोक गायकी एवं नृत्य भंगिमाओं की प्रस्तुति हो रही है। साथ ही लोग इस परिसर में लगे स्टॉल्स के माध्यम से बिहार के आर्ट एंड क्राफ्ट के साथ व्यंजनों से भी परिचित हो रहे हैं, जो इस आयोजन के पीछे बिहार सरकार का मकसद है। बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बिहार की कला, संस्कृति और समृद्ध विरासत को दुनिया के समक्ष लाने और उन्हें संरक्षित करने के लिए तत्पर है।
उधर, महोत्सव के दूसरे दिन श्री सत्येंद्र कुमार ‘संगीत’ का लोक गायन प्रमुख आकर्षण का केंद्र रहा। उन्होंने अपने गायन की शुरूआत बिहार गौरव गीत ‘वाल्मिकी ने रची रामायण / लव – कुश को जाने संसार, ये है मेरा बिहार’ से की, जिसने बिहार के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य से रूबरू करवाया।
इसके बाद उन्होंने सुप्रसिद्धि मैथिली गीत ‘जेहने किशोरी मोरी – तेहने किशोर तोरी / विध्ना लगावेला जोड़ी’ गया। फिर उन्होंने भोजपुरी में पूरवी की प्रस्तुति दी, जिसके बोले थे – ‘अंगूरी में डसले बिया नगिनाया’ और अंत में ‘बाबू कुंवर सिंह, तेगवा बहादुर व उड़े ला रंग गुलाल’ गाकर दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों का मनमोह लिया।
इससे पहले आज के सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरूआत श्रीमती कुमुद झा दीवान की ठुमरी गायन से हुई, जिसका भरपूर लुत्फ टैगोर हॉल के ऑडिटोरियम में उपस्थित दर्शकों ने उठाया। फिर गुजराती भाषा में भी एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। साथ ही निर्माण कला मंच के द्वारा प्रस्तुत विदेसिया नाटक नाटक पर दर्शकों ने खूब तालियां बजाईं। कल 01 मार्च को बिहार महोत्सव का समापन समारोह आयोजित होगा, उसके पहले मैथिली ठाकुर का गायन, गुजराती भाषा में कार्यक्रम, रिदम ऑफ बिहार की प्रस्तुति और प्रियंका कुमारी का गायन प्रस्तुत किया जायेगा।