*रेलवे यांत्रिक कारखाना समस्तीपुर में पीपीपी मोड के तहत निजी एजेंसियों से कार्य लेने के निर्णय पर स्थानीय विधायक ने गहरी नाराजगी जतायी हर खबर पर पैनी नजर।*

रमेश शंकर झा

समस्तीपुर:- केन्द्र सरकार द्वारा रेलवे यांत्रिक कारखाना समस्तीपुर में पीपीपी मोड के तहत निजी एजेंसियों से कार्य लेने के निर्णय पर स्थानीय विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने गहरी नाराजगी जतायी है। उन्होंने कहा की वर्ष 1881 में स्थापित समस्तीपुर रेलवे कारखाना मोदी सरकार की उदासीनता के चलते बंदी की कगार पर पहुंच गया है l विधायक ने कहा कि इस रेलवे कारखाने की उपेक्षा वर्षों से हो रही है, लेकिन मजबूत विपक्ष , ट्रेड यूनियन और आम नागरिकों के विरोध के कारण यह अभी तक जिंदा है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के द्वारा देश के सार्वजनिक उपक्रमों को पीपीपी मोड के तहत निजी एजेंसियों को देने का निर्णय न्यायसंगत व तर्कसंगत नहीं है l केन्द्र सरकार का यह अविवेकपूर्ण निर्णय सार्वजनिक उपक्रमों में कार्यरत कर्मचारियों व उनके परिजनों के साथ धोखा व छलावा है।

समस्तीपुर जिला मुख्यालय का अब एकलौता उद्योग (यांत्रिक कारखाना ) को निजी हाथों में सौपने की केन्द्र सरकार की योजना क्षेत्रवासियों के साथ बेईमानी है l उन्होंने सरकार से मांग किया कि जनविरोधी व मजदूरविरोधी अपने तानाशाही फैसले को वापस ले अन्यथा राजद जिलावासियों के साथ मिलकर समस्तीपुर रेल यांत्रिक कारखाना को बचाने हेतु एक शशक्त आंदोलन की शंखनाद करेगी l

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