*सर्वधर्म प्रार्थना के बाद गांधी जी की तैल्य चित्र पर माल्यार्पण कर सत्याग्रह स्थल पर सभा शुरू हुई। हर खबर पर पैनी नजर।*

बापू हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा है:- फैजुर रहमान फैज।

रमेश शंकर झा

समस्तीपुर:- नागरिकता कानून वापस लेने की मांग पर जिला मुख्यालय के सरकारी बस स्टैंड में संविधान बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले 10 जनवरी से शुरू सत्याग्रह 21वें दिन भी अनवरत जारी रहा। वहीँ सत्याग्रह स्थल पर गुरुवार को सर्वधर्म प्रार्थना के माध्यम से गांधी जी की शहादत दिवस कार्यक्रम की शुरुआत की गई।

इसमें मनीष कुमार झा, हुसैन अहमद, महेश कुमार, गंगा प्रसाद गंगेश, मो० नासिरउद्दीन अशरफी, सरदार कर्म सिंह ने अपने-अपने धर्म के अनुसार प्रार्थना कर सर्वधर्म समभाव की कामना की। तत्पश्चात गांधी जी की तैल्य चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया गया। इस मौके पर तीन सदस्यीये अध्यक्षमंडली क्रमशः अजय कुमार, शाह जफर इमाम, रामप्रीत पासवान की अध्यक्षता में सभा की शुरुआत की गई।

संचालन सुरेंद्र प्रसाद सिंह एवं फैजुर रहमान फैज ने किया। फैजुर रहमान फैज ने गांधी के जीवन पर प्रकाशित संक्षिप्त जीवनी का पाठ किया। डॉ० खुर्शीद खैर उपस्थित लोगों को संविधान के प्रस्तावना का पाठ कराया। खालिद अनवर, मुसिर आलम सिद्दीकी, मसूद जावेद, पप्पू खान, मजहरूल इस्लाम, सुनील, प्रीति, जानवी, आशा, तनवीर अख्तर, नारी अंजूम, उजमा समेत अन्य विभिन्न दलों के दर्जनों नेताओं ने सभा को संबोधित किया।

वहीँ महिला कालेज के पूर्व प्रिंसिपल डा० शंकर प्रसाद यादव ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सत्याग्रह आंदोलन की विशेषता यह है कि हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई समेत अन्य सभी धर्मों के धर्मावलंबी ने सामूहिक रूप से प्रार्थना का पाठ कर एकता का संदेश दिया। उन्होंने हाथ में हाथ डालकर सर्वधर्म संभाव का संदेश भी दिया

अध्यक्षमंडल ने सर्वधर्म समभाव के संदेश देने वाले तमाम धर्मावलंबी को माला पहनाकर स्वागत किया साथ ही लोगों से अपील की कि भारत में हर हालत में गंगा-जमुनी तहजीब अक्षुण्ण रहेगा। उन्होंने कहा कि संविधान में वर्णित धर्मनिरपेक्षता भारतीय संविधान की विशेषता है और हमें हर हाल में इसकी रक्षा के लिए आगे रहना चाहिए।

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