अभिनव चौधरी की रिपोर्ट,
समस्तीपुर बिहार।
समस्तीपुर:- पटना उच्च न्यायालय के आदेश को लेकर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के आयुक्त ने शिक्षा विभाग को पत्र दिया है कि नियोजित शिक्षकों का ईपीएफ अविलंब चालू करने की दिशा में जल्द कार्रवाई करने का आग्रह किया। इस पत्र में अदालत के आदेश की अवमानना ना हो इसका ध्यान रखने को कहा गया है। बिहार के नियोजित शिक्षकों के लिए एक अच्छी खबर है। एम्पलाइज प्रोविडेंट फंड के रीजनल कमिश्नर ने बिहार सरकार को पत्र लिखकर जल्द से जल्द सभी नियोजित शिक्षकों को इपीएफ से जोड़ने को कहा है। दरअसल पटना हाईकोर्ट ने 60 दिनों के अंदर राज्य के सभी नियोजित शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ देने का आदेश दिया था। बता दें कि बिहार के करीब चार लाख नियोजित शिक्षकों को सामाजिक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण ईपीएफ का लाभ 17 नवंबर तक मिल सकता है। 17 सितंबर को पटना हाईकोर्ट ने सभी प्रकार के नियोजित शिक्षकों को ईपीएफ और एमपी एक्ट 1952 का लाभ देने का निर्देश दिया था। 17 नवंबर तक सरकार को इसे लागू करना होगा। पटना हाई कोर्ट ने इसे लागू करने की जिम्मेदारी ईपीएफओ के रीजनल पीएफ कमिश्नर को दिया है।
ईपीएफओ का पत्र में ईपीएफ की सुविधा से शिक्षक हैं वंचित। गौरतलब है कि राज्य के नियोजित शिक्षक ईपीएफ की सुविधा से अब तक वंचित हैं। इसे लेकर अरवल, औरंगाबाद और भोजपुर, के कुछ शिक्षकों ने पटना उच्च न्यायालय में एक वाद दायर किया था जिस पर सुनवाई करते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने 17 सितंबर 2019 को सभी प्रकार के नियोजित शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ देने का निर्देश दिया। ईपीएफओ ने शिक्षा विभाग को लिखे पत्र में कहा है कि शिक्षा विभाग अपने क्षेत्रीय और जिला कार्यालयों को आवश्यक निर्देश जारी कर कहे कि जल्द से जल्द सभी नियोजित शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ दिया जाए। इस आशय की जानकारी देते हुए बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के युवा नेता सिद्धार्थ शंकर ने बताया कि राज्य स्तर पर कोऑर्डिनेटर बनाने की मांग ईपीएफओ ने शिक्षा विभाग से किया है और कहा है कि पीएफ और एमपी एक्ट 1952 के दायरे से नियोजित शिक्षकों को जोड़ने के लिए हर जिले में एक नोडल अफसर नियुक्त किये जाएं और राज्य स्तर पर एक कोऑर्डिनेटर बनाया जाए। इसके साथ ही उनके नंबर ईपीएफओ को उपलब्ध कराये ताकि किसी और काम के लिए उनसे संपर्क किया जा सके।
शिक्षकों को मिलनी चाहिए सुविधा। माध्यमिक शिक्षक संघ के युवा नेता श्री शंकर ने कहा कि शिक्षकों को नियुक्ति की तिथि सहित कई तरह की सुविधा मिलनी चाहिए। क्योंकि बिहार के नियोजित शिक्षक लंबे समय से सेवा शर्त लागू करने की मांग कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षक कई महत्वपूर्ण अधिकारों से वंचित हैं।