रमेश शंकर झा,
समस्तीपुर बिहार
समस्तीपुर:- जिले के महिला कॉलेज समस्तीपुर में राजनीति विज्ञान विभाग के तत्वाधान में लैंगिक, असमानता, दशा एवं दिशा विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया । जिसके मुख्य अतिथि प्रो० मुनेश्वर यादव सीसीडीसी ल० ना० मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा एवं विशिष्ट अतिथि जाने-माने वरिष्ठ जर्नलिस्ट नदीम अहमद काजमी थे।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य डॉ० शंभू कुमार यादव ने कहा कि प्रकृति ने बिना कोई भेद के महिला एवं पुरुष बनया है और उनको समान अधिकार दिया गया है। लेकिन प्रकृति में मानव के हस्तक्षेप ने उन्हें अलग-थलग और लिंग भेद कर दिया है। उन्होने ने कहा महिला का उत्थान महिला ही कर सकती है। मुख्य अतिथि ने कहा कि हम आर्थिक रूप से आगे बढ़ रहे है और हमारे समाज का नजरिया महिला के प्रति नकारत्मक ही है।
श्रमिक बल के रूप में महिलाओं की हिस्सेदारी 66 प्रतिशत है, लेकिन जीडीपी मे योगदान 10 प्रतिशत से भी कम है। महिलाओं को कीचेन टु बेड वाली सोच से बाहर निकलना होगा। समाज में महिलाओं की दयनीय स्थिति से बाहर निकालने के लिए समाज के प्रबुद्ध लोगो को आगे आना होगा। बेटियों को भी वही गुणवत्ता वाली शिक्षा देनी होगी जो बेटो को दी जाती है। उन्हें भी जमीन, दुकान, मकान आदि मे हिस्सेदारी देनी होगी। विशिष्ट अतिथि ने कहा कि महिलाएँ सब कुछ कर सकती है, पहले हम उन्हें अवसर तो दे।
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उन्हें पंचायत मे आरक्षण तो मिल गया लेकिन वास्तविक में काम मुखिया पति द्वारा किए जाते है। महिलाएँ जब अपना अधिकार कि बात करती है तो पुरुषवादी समाज उनका विरोध करती है। सेमिनार पर विषय प्रवेश कराते हुए डॉ० बिंदा कुमारी ने कहा की संविधान में तो लैंगिक समानता की बात कही गयी है, लेकिन महिलाएँ सबसे अधिक अपने घर में ही प्रतारित होती है। छात्रा नेहा कुमारी ने कविता के माध्यम से लड़कियो को आगे आने के लिए प्रेरित किया।
सेमिनार का संचालन डॉ० शारदा सिन्हा ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ० नीता मेहता ने किया। सेमिनार को प्रो० सुनीता सिन्हा, डॉ० बिगन राम, डॉ० विजय कुमार गुप्ता, डॉ० सोनी सलोनी आदि ने संबोधित किया। इस मौके पर प्रो० अरुण कुमार कर्ण, डॉ० पुनीता सिन्हा, डॉ० पूजा अग्रवाल, डॉ० आकांक्षा उपाध्याय, डॉ० रिंकी कुमारी, डॉ० स्नेह लता आदि सहित सभी शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी एवं अधिक संख्या में छात्राएं उपस्थित थी।