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रमेश शंकर झा/राजकुमार राय
समस्तीपुर बिहार।
समस्तीपुर:- आखिल भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान केन्द्र पूसा के निदेशक कमलकान्त सिंह ने कहा की इस केन्द्र में डी० पी० आई० के 22 कर्मी स्थाई 23 सहित लगभग 60 से 80 मजदूरों को इस केन्द्र के माध्यम से रोजी रोटी मुहैया कराई जाति हैं। श्री सिंह ने कहा की इन कर्मीयो को केन्द्र सरकार के नियमानुसार ई० पी० एफ० एंव ई० एस आई की सुविधा भी प्रदान की जाति हैं। उन्होने कहा की इस संस्थान के स्थापना यू० एस० ए० (U.S.A.) के वैज्ञानिक लगभग सौ वर्ष पहले भारत में उपजाऊ जमीन की खोज करते-करते समस्तीपुर क्षेत्र को चुना था और संस्थान की स्थापना किया था। आगे यह भी कहा की उक्त वैज्ञानिक का नाम पी (P) अक्षर से शुरू होता है और यू० एस० ए० (U.S.A.) के रहनेवाले व्यक्ति थे।इसलिए इस जगह का नाम पूसा (Pusa) रखा गया था। परन्तु 1934 के भूकम्प के बाद पुसा से उठाकर दिल्ली में मुख्यालय बनाया गया था। श्री सिंह ने कहा की दुनिया में सबसे उपजाऊ जमीन सरैसा की जमीन है। पुसा की प्रतिष्ठा लौटाने की दीसा में हमारे संस्थान के महानिदेशक प्रयत्नशिल हैं। उन्होने कहा की 10 अक्टूबर 2018 को पदभार ग्रहण करने के बाद संस्थान के लिऐ कई महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं। उन्होने आशाव्यक्त किया है की इस संस्थान के माध्यम से बिहार के किसानो के तकदीर बदलने के कई महत्वपूर्ण महत्वाकांक्षी योजना चलाई जारही हैं।बिहार के किसानो से अपील किया है किसी समय किसी भी छन फल, सब्जी, दलहन, तेलहन, धान, गेंहु, मक्का, के तौर तरिके की जानकारी लेने हेतु संस्थान में आपका स्वागत हैं।