*केंद्र सरकार बिहार में आई विनाशकारी बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करें:- *विधायक।* हर खबर पर पैनी नजर, हर छोटी बड़ी खबरों के लिए:- 8709017809, व्हाट्सएप न०:- 9470616268, 9431406262 पर संपर्क करें।*


संपादक रमेश शंकर झा के साथ नंद कुमार चौधरी,
समस्तीपुर बिहार।

समस्तीपुर:- जिले के विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग कीया है। उन्होंने कहा कि बिहार में बाढ़ से 12 जिलों में 35 लाख आबादी प्रभावित हुआ है। केन्द्र सरकार बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करे। राज्य में लाखों लोगों के सामने पैदा हुए जीवन और आजीविका के संकट को देखते हुए त्वरित ऐसा किए जाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि बिहार के 12 जिलों में आयी प्रलयकारी  बाढ़ के कारण अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीँ लगभग 35 लाख लोग प्रभावित हुए है। बिहार के 12 जिलों शिवहर, सीतामढी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया एवं कटिहार में त्राहिमाम मचा हुआ है। जिसमे बाढ़ की इस त्रासदी को लेकर केंद्र सरकार अविलम्ब एक उच्च स्तरीय आधिकारिक टीम भेजकर वस्तुस्थिति की जानकारी लेकर राहत और पुनर्वास कार्य के लिए जमीनी कार्यवाही करनी चाहिए।

वहीँ श्री शाहीन ने कहा कि सरकार समस्या को संजीदा तरीके से नहीं ले रही है। केंद्र को इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करनी चाहिए। यह सबकी जिम्मेदारी है कि बिहार में आम जनजीवन बद्हाल हो गया है। 

श्री शाहीन ने कहा कि केन्द्र सरकार में शामिल बिहार के मंत्री सिर्फ सैर-सपाटा करके फोटो खिंचवा रहे हैं। अगर उन्हें बिहार के बाढ़ पीड़ितों की चिंता है तो तत्काल मदद उपलब्ध कराए। केंद्र तथा राज्य सरकार पर राहत एवं पुनर्वास कार्यों में शिथिलता बरतने का आरोप भी लगाया है।

उन्होंने कहा कि केन्द्र को जल्द से जल्द विशेषज्ञों की टीम भेज कर तबाही का आकलन कराना चाहिए। राहत शिविरो में बदइंतजामी का आलम है। राहत शिविरों के बदइंतजामी के लिए दोषी अधिकारियो को बाढ़ राहत कार्य से हटा कर दूसरे काम में लगाने की जरुरत है।

वहीँ बाढ़ग्रस्त इलाकों में राहत एवं पुनर्वास कार्यों में तेजी लाने का आग्रह करते हुए विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने कहा कि केन्द्र की सरकार बिहार के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। राजद इसकी निन्दा करता है, साथ ही मांग करती है कि केंद्र सरकार इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करे और बिहार के लोगों को राहत, सहायता तथा पुनर्वास में सहयोग प्रदान करें।

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