*वन महोत्सव पर वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन, विजेताओं को किया गया पुरस्कृत। हर खबर पर पैनी नजर, इंडिया पब्लिक न्यूज।*

हमसे जुड़ने के लिए टच करें।

IPN/DESK

समस्तीपुर:- जिले के होली मिशन हाई-स्कूल मोहनपुर में 73वें वन-महोत्सव सप्ताह के अंतिम दिन (गुरुवार) वृक्षारोपण, चित्रकला,  स्लोगन राइटिंग तथा पेड़-पौधों पर आधारित परिधान- प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की शुरूआत विद्यालय के संगीत शिक्षकों के द्वारा किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के निदेशक धर्माश रंजन उर्फ “अंकुर” ने छात्रों को वन-महोत्सव की शुभकामनाएं देते हुए संदेश दिया कि वन-महोत्सव केवल वृक्षों का त्योहार नहीं बल्कि मानव जीवन का भी त्योहार है।

वहीं वनों का संरक्षण एवं विकास भारत के प्रत्येक नागरिक का परम कर्तव्य है। वन वसुंधरा का आभूषण है। इस धरती की सुन्दरता का मुख्य स्रोत वनों की हरियाली हीं है। यदि हमलोग अपने जीवन को स्वच्छ, खुशहाल एवं समृद्ध बनाना चाहते हैं तो जीवन में अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने होंगे। मानव-सभ्यता और संस्कृति भी वनों में ही पल्लवित एवं विकसित हुई है।

वहीं कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विद्यालय के प्राचार्य एस० के० अहमद ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारतीय संस्कृति के अधिकतर उत्सव हमेशा प्रकृति के साथ जुड़े होते हैं। हम अपनी आवश्यकता हेतु प्रकृति पर निर्भर रहते हैं और उत्सवों के जरिए हम उनसे कृतज्ञता का भाव अभिव्यक्त करते हैं ।

इस कार्यकर्म के अवसर पर विद्यालय के शिक्षक तरुणेश कुमार झा एवं छात्रों के द्वारा वृक्षारोपण का कार्यक्र‍म आयोजित किया गया। जिसमें कई फलदार एवं छायादार पौधे भी लगाए गए। उन्होंने वृक्षारोपण कर प्रकृति-प्रेम एवं पर्यावरण- संरक्षण का संदेश दिया।वहीं कार्यक्रम के अगले कड़ी के रूप में पूरे सप्ताह चलने वाले प्रतियोगिताओं के विजेताओं को निदेशक के द्वारा पुरस्कृत किया गया।

पेड़-पौधे पर आधारित परिधान – प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विजेता क्रमशः यश झा, आराध्या एवं पीयुषराज, स्लोगन राइटिंग – प्रतियोगिता में विजेता शौर्य श्री (प्रथम), संगम कुमारी (द्वितीया), एवं आद्या काश्यप (तृतीय) तथा पेंटींग- प्रतियोगिता के विजेता सूरज कुमार (प्रथम), सत्यम राज (द्वितीय) एवं अदिति कुमारी(तृतीय) को पुरस्कृत की गई। कार्यक्रम को सफल बनाने में तरुणेश कुमार झा, आशीष गौरव, करुणा, मौसमी महतो के साथ-साथ शिक्षकेतर एवं कर्मचारियों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही।

Related posts

Leave a Comment