*संचारी रोग पदाधिकारी व एसीएमओ को जांच की जिम्मेदारी, अब टीबी मरीजों को ट्रूनेट मशीन से किया जायेगा चिह्नित:- मंगल पांडेय। हर खबर पर पैनी नजर।* इंडिया पब्लिक न्यूज…

रमेश शंकर झा,

मधुबनी:- स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि कोविड काल में टीबी के मरीजों को चिन्हित करना अब पहले से और अधिक आसान होगा। इसके लिए ट्रूनेट मशनी का कोविड-19 की जांच के साथ-साथ टीबी एवं रिफाम्पिसिन रेजिस्टेंस टीबी जांच में उपयोग करने का आदेश दिया गया है। इसको लेकर आइजीआइएमएस तथा एम्स सहित पीएमसीएच और राज्य के अन्य मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पताल के प्राचार्य व सिविल सर्जन को इस संबंध में आवश्यक निर्देश दिये गए हैं। वहीं श्री पांडेय ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के दूसरे दौर में कम होने पर राज्य में राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत टीबी केस नोटिफिकेशन को बढ़ाने की अब पहल की गयी है। बीएमएसआइसीएल एवं कॉरपोरेट सोशल रेस्पांसब्लिटी के अंतर्गत वर्ष 2020 एवं 2021 में जिलों के विभिन्न अस्पतालों को कुल 170 ट्रूनेट मशीन कोविड 19 टेस्ट के लिए उपलब्ध कराए गए हैं। इन मशीनों द्वारा कोविड के अतिरिक्ति टीबी एवं रिफाम्पिसिन रेजिस्टेंट टीबी की भी जांच की जा सकती है।

राज्य यक्ष्मा भंडार एवं जिला यक्ष्मा केंद्रों में टीबी एवं रिफाम्पिसिन रेजिस्टेंट टीबी जांच के लिए आवश्यक चिप्स पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। वर्तमान में राज्य के अंतर्गत कोविड टेस्टिंग के लिए आरटीपीसीआर, रैपिड एंटीजेन टेस्ट एवं डायग्नोस्टिक मोबाइल वैन की पर्याप्त क्षमता को देखते हुए मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों, जिला यक्ष्मा केंद्रों में उपलब्ध सभी ट्रूनेट मशीन की संलग्न सूची के अनुसार संस्थानों में ट्रूनेट मशीन लगाने के निर्देश दिए गए हैं। जिला स्तर पर एक मशीन से आवश्यकतानुसार कोविड टेस्ट तथा अन्य संस्थानों में ट्रूनेट द्वारा टीबी एवं रिफाम्पिसिन रेजिस्टेंट टीबी की जांच करने का निर्णय लिया गया है। श्री पांडेय ने कहा कि ट्रूनेट मशीन द्वारा टीबी एंव रिफाम्पिसिन रेजिस्टेंट टीबी की जांच के लिए सूची अनुसार ट्रूनेट मशीन लगाने एवं अधिकतम क्षमता तक उपयोग के लिए जिला स्तर पर अपर उपाधीक्षक सह सहायक अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, संचारी रोग, यक्ष्मा तथा प्रखंड स्तर पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं चिकित्सा महाविद्यालय अस्पतालों में माइक्रोबायोलॉजी विभाग के अध्यक्ष उत्तरदायी बनाए गए हैं।

वहीं यह निर्देश दिया गया है कि जिला स्तर पर कोविड-19 जांच के लिए एक ट्रूनेट मशीन को छोड़ कर बाकी सभी मशीनों का संलग्न सूची अनुसार संस्थानों को स्थापित करने के लिए एक हवादार कमरा, रनिंग वाटर स्प्लाई सिंक एवं मशीन को रखने के लिए प्लेटफॉर्म, बिजली आपूर्ति तथा अन्य आवश्यक सामानों की इसकी स्थापना पर होने वाले खर्च एनटीईपी के अंतर्गत बजट शीर्ष सीविल वर्क से जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा किए जाएं। ट्रूनेट मशीन की स्थापना एवं उक्त मशीन की प्रविष्टि निक्षय औषधि के वेब पोर्टल पर करने के बाद जिला यक्ष्मा औषधि भंडार से आवश्यक मात्रा में चिप्स की आपूर्ति की जायेगी। इस प्रयास से राज्य में टीबी मरीजों की पहचान की संख्या बढ़ेगी एवं मरीजो का बेहतर उपचार हो सकेगा।

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