*IPN/DESK:-* विश्व भोजपुरी सम्मेलन (गाजियाबाद इकाई) के तत्वावधान में सुभाष वादी भारतीय समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय पर भोजपुरी गीतों में अश्लील सोच का उपयोग कर गीत लिखने वाले, उसे संगीत देने वाले तथा उसे स्वर देने वाले लोगों के विरोध में एक विचार विमर्श का आयोजन किया गया। इस आयोजन को भोजपुरी की साहित्यिक मासिक पत्रिका ‘भोजपुरी साहित्य सरिता’ और पाक्षिक समाचार पत्र अशोक प्रहरी का साहचर्य प्राप्त था। इस आयोजन में प्रमुख रूप से पधारे अतिथियों में सुभाष पार्टी के संस्थापक सतेन्द्र यादव, विजय कुमार चौबे (पूर्व अपर सचिव भारत सरकार), बहुचर्चित फिल्म मेकर कमलेश कुमार मिश्रा, समाजसेवी बिहारी भइया सहित भोजपुरी गायक बिमल भोजपुरिया, जितेंद्र उपाध्याय, गुंजन श्रीवास्तव, मोनी वैदेही ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
वहीं कार्यक्रम में आए सभी अतिथियों का विश्व भोजपुरी सम्मेलन (गाजियाबाद इकाई) के महामंत्री जे० पी० द्विवेदी ने माल्यार्पण, प्रतीक चिन्ह और अंग वस्त्र पहनाकर स्वागत किया गया। वहीं भोजपुरी भाषा अपने समृद्ध गीत, संगीत और मधुरता के लिए जानी जाती है उसे चंद लोगों द्वारा विद्रुप बनाने के प्रयास को लेकर वहाँ उपस्थित लोगों में जबरजस्त आक्रोश दिखाई दे रहा था। भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के नामचीन नायकों ने जिस फूहड़ता के सहारे वहाँ अपनी एक जगह बनाई, उसने इस ट्रेंड को बल दिया और कुकुरमुत्ते की तरह उग आए अश्लील लेखक, गायक और स्टुडियो। जिसके फलस्वरूप आज के भोजपुरी गीतों को परिवार के साथ सुन पाना असंभव हो चुका है। वहीं गाँवों में लड़कियों और महिलाओं का बाहर निकलना दुष्कर हो चुका है। पढ़ा-लिखा इलीट वर्ग इससे दूरी बना चुका है। जरूरत है अपनी भाषा के लिए सभी में अस्मिता बोध जागृत करने की और जब भी, जहां भी मिलें, अपनी मातृभाषा में मिलें। अश्लील गायकों और गीतकारों का सामाजिक बहिस्कार करें, उन्हे अपने किसी भी कार्यक्रम में शिरकत न करने दें।
अगर ऐसे लोगों को कोई भी बुला रहा है तो अपना विरोध दर्ज कराएं और उस कार्यक्रम को सम्पन्न न होने दें। इस कार्यक्रम का आगाज करते हुये कमलेश के मिश्रा ने नए तकनीकि के दुरुपयोग को अश्लीलता का एक प्रमुख कारण बताया और श्लील गायक गायिकाओं द्वारा गाये जाने वाले गीतों को बढ़ावा देने की बात कही।बिहारी बाबू ने इस कार्यक्रम के लिए अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव को शुभकामनायें दी और इस मुहिम से जुड़कर इसे जमीन पर उतारने की बात कही। वहीं विजय कुमार चौबे (पूर्व अपर सचिव भारत सरकार) ने पूर्व वक्ताओं के विचारों से अपनी सहमति जताते हुये श्लील गीत, संगीत और गायकी को आगे लेकर आने की बात कही। सुभाष पार्टी के संस्थापक सतेन्द्र यादव ने भोजपुरी भाषा को वेदों से जोड़ते हुये प्राकृतिक संगीत को सुनने और उसे जीवन में उतारने की बात कही। इसके साथ ही अपनी पार्टी का इस मुहिम को पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया। जन मोर्च के सम्पादक जितेंद्र बच्चन ने अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव के प्रति आभार जताते हुये भोजपुरी भाषा की अस्मिता के लिए सभी को उठ खड़ा होने का आह्वान किया। भोजपुरी में अश्लीलता के प्रखर विरोधी और भोजपुरी साहित्य सरिता के संपादक जे० पी० द्विवेदी ने इस बात भोजपुरी में बहुत मजबूती के साथ रखा और लोगों को मातृभाषा भोजपुरी के प्रति गर्व करने और उसे अपनी अस्मिता की पहचान बताते हुये पूर्ण संकल्प के साथ अश्लीलता का हर स्तर पर मुखर विरोध करने का आह्वान किया। उन्होने आगे यह भी कहा कि जिन तकनीकि का उपयोग कर यह अश्लीलता फैलाई जा रही है, उसी तकनीकि से इसे रोकने का आह्वान किया। इस कार्यक्रम कि अध्यक्षता करते हुये बी० एम० वर्मा ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में अशोक श्रीवास्तव कि इस मुहिम की भूरि -भूरि प्रसंसा की। इस कार्यक्रम के मौके पर मुख्य रूप से सुजीत तिवारी, अनिल सिन्हा, विनोद अकेला, जे० पी० यादव, अर्चना शर्मा, अनूप पाण्डेय, श्रीमती वर्मा, कमल बाबू, सुनील दत्त, विनोद यादव, अभिनंदन तिवारी, अनिल मिश्रा, निर्भय श्रीवास्तव, शैलेंद्र श्रीवास्तव, श्यामवीर सिंह यादव सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। कार्यक्रम के उपरांत भोजन ग्रहण कर सभी अपने गंतब्य को चले गए। कार्यक्रम का सफल संचालन विश्व भोजपुरी सम्मेलन (गाजियाबाद इकाई) के अध्यक्ष जो सुभाष पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। कार्यक्रम का संचालन अशोक श्रीवास्तव ने किया। धन्यवाद ज्ञापन के क्रम में विश्व भोजपुरी सम्मेलन (गाजियाबाद इकाई) के महामंत्री जे० पी० द्विवेदी ने सभी अतिथियों और श्रोताओं के प्रति आभार व्यक्त किया।