वंदना झा,
समस्तीपुर:- जिले के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया क्षेत्रिय कार्यालय के सभागार में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के तत्वाधान में स्वयं सहायता समूह एवं संयुक्त देयता समूह पर बैंक कर्मियों के लिए जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। वहीं यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्र प्रमुख धर्मेंद्र राजोरिया ने कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए बैंक कर्मियों को कहा कि बिहार जैसे पिछड़े हुए प्रदेश में एसएचजी एवं जेएलजी के सदस्य अच्छा काम कर रहा है।
समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को एसएसजी एवं जेएलजी के माध्यम से सस्ते दरों में ऋण उपलब्ध करा कर आत्मनिर्भर बनने में मददगार हो सकता है। उन्होंने बैंक कर्मियों से प्राथमिकता क्षेत्र में ऋण देने हेतु आग्रह किया। वहीं डीडीएम नाबार्ड जयंत विष्णु ने संयुक्त देयता समूह तथा स्वयं सहायता समूह पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी।
उन्होंने बैंक कर्मियों को भूमिहीन एवं बटाईदार किसानों को 4 से 5 लोगों का समूह बनाकर प्राथमिकता क्षेत्र के अंतर्गत कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने का अपील किया तथा गैर कृषि क्षेत्र में भी स्वरोजगार हेतु 4 से 5 लोगों का समूह बनाकर ऋण देने हेतु आग्रह किया। इस कार्य में नाबार्ड के साथ प्रतिष्ठित गैर सरकारी संगठनों का सहयोग लिया जाता है। इस कार्यशाला में नाबार्ड तथा भारत सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं जैसे कि एफपीओ, एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड इत्यादि पर विस्तार पूर्वक चर्चा किया।
एलडीएम पी०के० सिंह ने बैंक कर्मियों को डेयरी, मत्स्य पालन तथा मुर्गी पालन हेतु किसान क्रेडिट कार्ड जल्द से जल्द निर्गत करने का आग्रह किया। वहीं एलडीएम कार्यालय प्रबंधक विकास कुमार ने बैंक वार सीडी रेशियों की समीक्षा की तथा स्टैंड अप इंडिया, अटल पेंशन योजना, पीएमएसबीवाई, पीएमजेजेबीवाई की समीक्षा किया।
विभिन्न बैंकों के अधिकारियों ने एसएचजी तथा जेएलजी के क्रेडिट लिंकेज में आ रहे चुनौतियों से अवगत कराया तथा यह आश्वासन दिया कि भूमिहीन बटाईदार किसानों को ऋण उपलब्ध करायेंगे। इस मौके पर औसेफा के निदेशक देव कुमार, डीएसपीके के सचिव महेश कुमार तथा सभी बैंकों के समन्वयक सहित अन्य लोग मौजूद थे।