*संवरेगी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का शैक्षणिक स्तर। हर खबर पर पैनी नजर।* इंडिया पब्लिक न्यूज…

ईसीसीई विषय पर सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा कोर्स करेंगी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता।

वंदना झा,

समस्तीपुर:- आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की शैक्षणिक स्तर में सुधार लाने की दिशा में अब नयी पहल की गयी है। इसके लिए राज्य में ‘सुनंदिनी’ कार्यक्रम की शुरुआत हुयी, जिसके तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ई०सी०सी०ई० ( प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा) विषय पर 6 महीने का सर्टिफिकेट कोर्स और 1 वर्ष का डिप्लोमा कोर्स कराया जाएगा। वहीं  गुरुवार को राज्य के अपर मुख्य सचिव, समाज कल्याण विभाग ने ‘सुनंदिनी’ कार्यक्रम की वर्चुअल शुरुआत की। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का होगा क्षमता वर्धन
समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अतुल प्रसाद ने बताया कि सुनंदिनी’ कार्यक्रम की शुरुआत से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का शैक्षणिक उन्नयन के साथ उनका क्षमता वर्धन भी होगा। ‘सुनंदिनी’ कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सर्टिफिकेट कोर्स एवं डिप्लोमा कोर्स करने का मौका मिलेगा, जिससे उनकी सेवा प्रदायगी की गुणवत्ता भी बेहतर होगी। इससे बड़ा लाभ समुदाय को मिलेगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की योग्यता एवं क्षमता में बढ़ोतरी होने से समाज कल्याण की मूल अवधारणा को फलीभूत करने में मदद मिलेगा तथा इस कोर्स के माध्यम से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के शैक्षणिक उत्थान एवं उनके कौशल में विकास संभव हो सकेगा।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के आलोक में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के शैक्षणिक स्तर के उन्नयन के लिए आई०सी०डी०एस०, समाज कल्याण विभाग एवं बिहार मुक्त विद्यालयी शिक्षण एवं परीक्षा बोर्ड (बीबीओएसई), के संयुक्त प्रयास से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की शैक्षणिक योग्यता के सुदृढ़ीकरण एवं ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त करने के लिए ‘सुनंदिनी’ कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है। वहीं निदेशक समाज कल्याण निदेशालय राजकुमार ने बताया की समाज कल्याण निदेशालय अंतर्गत संचालित सभी बाल देखरेख गृहों में अवस्थित बच्चों के शैक्षणिक स्तर में विकास हेतु भी बी.बी.ओ.एस.ई द्वारा विशेष नामांकन कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इस कार्यक्रम अंतर्गत कक्षा 1- 8 तक की पढ़ाई हेतु 3 स्तरों की पाठयपुस्तकों को विकसित किया गया है। आई.सी.डी.एस, निदेशालय के निदेशक आलोक कुमार ने बताया की बिहार में लागू आई.सी.डी.एस कार्यक्रम का उद्देश्य गर्भवती, धात्री एवं किशोरियों के स्वास्थ्य जांच, पूर्ण पोषण, स्कूल पूर्व शिक्षा (प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा) स्वास्थ्य और पोषण शिक्षा प्रदान करके बच्चे के संपूर्ण विकास करना है। उन्होंने कहा राज्य में कुल 114718 स्वीकृत आंगनवाड़ी केंद्र हैं, जिनके माध्यम से लाभार्थियों को सेवाएँ प्रदान की जाती हैं। उन्होंने बताया कि ‘सुनंदिनी’ कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट कोर्स कर सकेंगी, जिससे प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा के लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी।
*आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आगे की पढाई के लिए किया जाएगा प्रेरित:-*
बी.बी.ओ.एस.ई के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी दिनेश कुमार बिष्ट ने बताया की वर्तमान में आंगनवाड़ी सहायिकाओं के चयन हेतु न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 8 वीं पास तथा सेविकाओं के लिए 10वीं/मैट्रिक पास अथवा समकक्ष है। बी.बी.ओ.एस.ई  के माध्यम से राज्य में कार्यरत न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता वाली इच्छुक सहायिकाओं को 10वीं या मैट्रिक तथा सेविकाओं को 12 वीं पास करने के लिए प्रेरित करेगा।


*बाल विकास परियोजना पदाधिकारी कार्यालय से भरे जाएंगे ऑनलाइन फॉर्म:-*
सुनंदिनी’ कार्यक्रम अंतर्गत शुरू किए गए सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा कोर्स में निबंधन/ नामांकन के लिए संबंधित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी कार्यालय से ऑनलाइन फॉर्म भरे जाएंगे। बताते चलें कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के आलोक में सभी आंगनवाड़ी सेविकाओं को प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा (ईसीसीई) विषय पर सर्टिफिकेट /डिप्लोमा कोर्स अनिवार्य किया गया है. बी.बी.ओ.एस.ई. से संबंधित कोर्स करने के लिए यह विशेष प्रावधान किया जा रहा है ताकि राज्य में कार्यरत सेविकाएं/सहायिकाएं यह कोर्स आसानी से कर सकें।
*पंजीकरण शुल्क राज्य सरकार द्वारा होगा वहन:-*
आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं के ई.सी.सी.ई. विषय पर सर्टिफिकेट/ डिप्लोमा कोर्स में पंजीकरण शुल्क बी.बी.ओ.एस.ई द्वारा 1500 रूपये प्रति शिक्षार्थी निर्धारित की गयी है। लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं के लिए ई.सी.सी.ई.  विषय पर सर्टिफिकेट/ डिप्लोमा कोर्स में पंजीकरण शुल्क राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
*आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आगे की पढाई के लिए किया जाएगा प्रेरित:-*
वर्तमान में आंगनवाड़ी सहायिकाओं के चयन हेतु न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 8 वीं पास तथा सेविकाओं के लिए 10वीं/मैट्रिक पास अथवा समकक्ष है। बी.बी.ओ.एस.ई. के माध्यम से राज्य में कार्यरत न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता वाली इच्छुक सहायिकाओं को 10वीं / मैट्रिक तथा सेविकाओं को 12 वीं पास करने के लिए प्रेरित करेगा।
*कोर्स मैटेरियल बाल विकास पदाधिकारी कार्यालय में होगा उपलब्ध:-*
इस पाठ्यक्रम में निबंधन / नामांकन के लिए संबंधित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी कार्यालय अध्धयन केंद्र के रूप में काम करेगा एवं संबंधित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी नोडल पदाधिकारी होंगी। पंजीकृत कोर्स मैटेरियल बी.बी.ओ.एस.ई के माध्यम से बाल विकास परियोजना कार्यालय को उपलब्ध कराया जाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं को कोर्स को पूरा करने में मदद के लिए बी.बी.ओ.एस.ई के माध्यम से ससमय ऑनलाइन संपर्क कक्षा का आयोजन किया जाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता का पंजीकरण www.bbose.org वेबसाइट पर उपलब्ध लिंक के माध्यम से  कराया जाना है। ऑनलाइन फॉर्म भरने हेतु विस्तृत जानकारी बी.बी.ओ.एस.ई के वेबसाइट पर भी उपलब्ध करायी गयी है।

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