*बिहार के चर्चित शख्सियत हैं वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी विकास वैभव। हर खबर पर पैनी नजर।* इंडिया पब्लिक न्यूज…

ANS DESK,

पटना:- कोरोना कहर और लॉकडाउन के बावजूद सोशल मीडिया पर बिहार में अगर सबसे ज्यादा कोई ऐक्टिव है, जिसके सबसे ज्यादा फॉलोअर्स है, जिसके पोस्ट सबसे ज्यादा शेयर किए जाते हैं तो वह शख्सियत हैं बिहार सरकार गृह विभाग में विशेष सचिव वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी विकास वैभव। संकट की इस घड़ी में बिहार के लोगों और खासकर युवाओं को प्रोत्साहित करने वाले पोस्ट इनके टाइमलाइन पर नजर आते हैं सोशल मीडिया पर हो रही छोटी-छोटी सार्थक गतिविधियों पर भी इनकी नजर होती है समाज के उत्थान के लिए कार्य कर रहे उत्प्रेरकों को भी यह प्रोत्साहित करते हैं। हाल ही में इनके साथ पूर्व में काम करने वाले बिहार पुलिस के रसोईया की करोना से हुई मौत के बाद इन्होंने मार्मिक पोस्ट किया था जो इनके सहजता को दर्शाता है।यह आम आदमी से भी कितनी सहजता से कनेक्ट है। यही कारण है की संप्रति बिहार में किसी भी नेता या अभिनेता से ज्यादा सोशल मीडिया पर लोकप्रियता में आगे हैं।

अपनी ईमानदारी के लिए एक अलग पहचान बनाने वाले आईपीएस विकास वैभव के चाहने वाले में युवाओं से लेकर बुजुर्ग, युवतियां, स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे, गृहिणीया, शिक्षाविद सभी तबकों के लोग शामिल हैं। पुलिस सेवा में रहने वाले कड़क मिजाज के इस पदाधिकारी की लोकप्रियता का पैमाना यह है कि यह जब किसी कार्यक्रम में चले जाते हैं तो वहां पूरी की पूरी भीड़ इनके साथ सेल्फी खिंचवाने की ताक में रहती है। चंपारण के दुर्दांत दस्यु गिरोह के सफाया से लेकर बिहार के कई चर्चित बाहुबलियों को सलाखों के पीछे डालने वाले इस आईपीएस अधिकारी कि सार्थक सोच इन्हें भीड़ से अलग करती है।

यात्री मन के बहाने प्रदेश और देश के धरोहरों की जड़ों को तलाशते रहते हैं पुरातात्विक स्थलों की खोज में रुचि रखने वाले इस आईपीएस अधिकारी की कविताएं भी सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा वायरल होते रहती हैं। युवाओं से खास लगाव रखने वाले विकास वैभव युवा मन के बहाने समय-समय पर युवाओं से सीधा संवाद करते हैं। उन्हें अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्र करने की दिशा में जागृत करते हैं। अपने व्यस्त कार्यक्रमों के बावजूद युवाओं के लिए इनके दरवाजे सदैव खुले रहते हैं। सार्थकता से समाज के नवनिर्माण की चाह रखने वाले इस आईपीएस अधिकारी की लोकप्रियता गजब की है।किसी भी विषय पर इनकी जबरदस्त पकड़ है। भीड़ को सम्मोहित करने वाले वक्ता है विषय वस्तु पर श्रोताओं को ऐसे बांध देते हैं जैसे आप किसी तिलिस्म में कैद हो चुके हैं। इस आशय की जानकारी अनूप नारायण सिंह ने दी।

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