*महिला सुरक्षा, सम्मान नारीमुक्ति को लेकर ऐपवा के स्थापना का 27 वर्ष बेमिसाल:- बंदना सिंह। हर खबर पर पैनी नजर।* इंडिया पब्लिक न्यूज…


वंदना झा

समस्तीपुर:- न्याय से वंचित गरीब, पिछड़े महिलाओं को एकता के सूत्र में बांधकर आंदोलन के माध्यम से न्याय दिलाने सहित महिला सुरक्षा, सम्मान एवं नारीमुक्ति को केंद्र कर महिला संगठन अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एशोसिएशन (ऐपवा) का गठन 12 फरवरी 1994 को किया गया था। वहीं आज शुक्रवार को ऐपवा अपने स्थापना का 27 वर्ष पूरी कर लिया है। इस दौरान एक इंटरव्यू देते हुए स्थापना काल से ऐपवा की सदस्य एवं वर्तमान जिलाध्यक्ष बंदना सिंह ने कहा कि एक ऐपवा जो एक क्रांतिकारी महिला संगठन है।

इसके बैनर तले आंदोलन चलाकर जिले में हजारों पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाया गया है। वहीं भ्रूण हत्या, ब्लात्कार, दहेज हत्या, पुलिस एवं सामंती दमन- उत्पीड़न के शिकार महिलाओं को न सिर्फ आंदोलन के रास्ते बल्कि कोर्ट, थाना, कार्यस्थल आदि स्थानों पर हरेक प्रकार की सहयोग देकर उनकी मदद की जा रही है। वहीं  समय-समय पर पीड़ित महिलाओं को समाज से धन संग्रह कर आर्थिक सहायता भी की जा रही है। वहीं श्रीमति सिंह ने आपबीती बताते हुए कहा कि न्याय के लिए जारी लड़ाई में सत्ता से जुड़कर शोषक एवं सामंती तत्व पुलिस को आगे करती रही है, यही कारण है कि ऐपवा को एक ही समय कई मोर्चे पर लड़ना पर रहा है। इस लड़ाई में पुलिस जुल्म के खिलाफ भी जमकर ऐपवा लड़ती रही है।

परिणामस्वरूप पुलिस भी ऐपवा नेता को टारगेट करती रही है। वहीं श्रीमति सिंह ने कहा कि इस लड़ाई में वे भी पुलिस की लाठी खा चुकी है। अभी भी वह तीन झूठे मुकदमे के अभियुक्त हैं। इसके बाबजूद महिला प्रश्न पर अनवरत संघर्ष दिनचर्या में शामिल है। राजनीति शास्त्र से एमए- बीएड कर चुकी बंदना सिंह हजारों आंदोलन का नेतृत्व कर चुकी हैं। उन्होंने वर्तमान राजनीतिक दौर को सबसे खतरनाक दौर बताते हुए कहा कि राज्य एवं देश में आंदोलन को रोकने की सरकारी साजिश की जा रही है। संविधान, लोकतंत्र को कमजोर कर मानव अधिकारों की कटौती की जा रही है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि ताजपुर में मनरेगा से पांडेय पोखर में 9 लाख रूपये फर्जीवाड़ा के आरोपी पर कार्रवाई के लिए आंदोलन चलाई तो फर्जीवाड़ा के आरोपियों पर कार्रवाई तो नहीं की गई अलबत्ता बंदना सिंह समेत 5 आंदोलनकारी पर संगीन धाराये लगाकर ताजपुर थाना में वर्तमान बीडीओ मनोज कुमार ने एफआईआर दर्ज कर दिया।

एक प्रश्न के उत्तर में बंदना सिंह ने कहा कि जिले में बढ़ती महिला हत्या, महिला उत्पीड़न चिंतनीय है, शायद ही कोई ऐसा दिन बीतता है जब न्यूज में महिला उत्पीड़न की कहानी न छपी हो। उन्होंने कहा कि आज अफसरशाही एक बड़ी समस्या बन गई है। अफसरशाही सत्ता विरोधियों को तो छोड़िये सत्तापक्षों को भी शिकार बनाने लगी है। उन्होंने ऐपवा के स्थापना का 27 वर्ष पूरा होने पर अपने संकल्प दुहराते हुए कहा कि महिला सुरक्षा, सम्मान, नारीमुक्ति को लेकर महिलाओं की संपूर्ण आजादी, न्याय दिलाने को लेकर आंदोलन जारी रहेगा। इस अवसर पर उन्होंने ऐपवा आंदोलन में सहयोग देने वाले छात्र, नौजवान, महिला, बुद्धिजीवी, कर्मचारी, पत्रकार, किसान, मजदूर के प्रति धन्यवाद ज्ञापन करते हुए महिलाओं के मान- सम्मान, हक- हकूक, बेखौफ आजादी मिलने तक लड़ाई चलाते रहने की घोषणा की।

Related posts

Leave a Comment