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मधुबनी:- जिले के सदर अस्पताल ओ०टी० के लक्ष्य प्रमाणीकरण की कवायद शुरू की गई है। विदित हो कि वर्ष 2020 में भी सदर अस्पताल के प्रसव गृह तथा ओटी का लक्ष्य प्रमाणीकरण किया गया था। जिसमें सदर अस्पताल का प्रसव गृह लक्ष्य प्रमाणित हो गया था। वहीं ओटी कुछ अंकों से पिछड़ गया था। ओटी की खामियों को पूरा किया जा रहा है। इसके लिए लगातार बैठक का आयोजन किया जा रहा है। ताकि ओटी का भी लक्ष्य सर्टिफाइड हो जाए। विदित हो हर 6 माह पर प्रमाणीकरण किया जाता है, परन्तु कोविड के कारण नहीं हो पाया, अब फिर से ओटी के प्रमाणीकरण के लिए कार्य किया जा रहा है।
*भौतिक निरीक्षण कर 8 इंडीकेटरों की होती हैं जांच:-*
लक्ष्य योजना के तहत प्रमाणीकरण प्रमाणिकरण के 8 मानकों (इंडीकेटरों ) जिसमें मुख्य रूप से सेवा प्रावधान (सर्विस प्रोविजन), रोगी का अधिकार, इनयूट्रस, सपोर्ट सर्विसेज, क्लिनिकल सर्विसेज, इंफेक्शन कॉंट्रोल, क्वालिटी मैनेजमेंट, आउटकम शामिल है। इन सभी आठों इंडीकेटरों का कुल 362 उपमानकों पर अस्पताल के प्रसव कक्ष एवं शल्य कक्ष का लगभग 6 से 9 महीनों तक लगातार क्वालिटी सर्किल (संस्थान स्तर पर), ज़िला कोचिंग दल (ज़िला स्तर पर) इसके अलावा क्षेत्रीय कोचिंग दल द्वारा लगातार पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण कर आवश्यकता अनुसार सभी स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाता है।
प्रशिक्षण के बाद अस्पताल का भौतिक निरीक्षण किया जाता हैं और यह देखा जाता हैं कि प्रशिक्षण लेने के बाद स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा कार्य किया जा रहा है या नहीं। साथ ही उपरोक्त आठों इंडीकेटरों इंडिकेटर्स के अनुरूप पंजी का संधारण व नियमानुसार समुचित ढंग से रखा जाता है या नहीं, इससे संबंधित निरीक्षण किया जाता है।
*सुविधाओं की ब्रांडिंग के लिए किया जाता है मूल्यांकन:-*
वहीं सिविल सर्जन डॉ० सुनील कुमार झा ने बताया प्रसव कक्ष में देखभाल सुविधाओं का मूल्यांकन के बाद प्रसूति कक्ष और मैटरनिटी ऑपरेशन थियेटर में गुणवत्ता सुधार का मूल्यांकन राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) के माध्यम से किया जाना है।
उसके बाद ही एनक्यूएएस पर 70% अंक प्राप्त करने वाली प्रत्येक सुविधाओं को लक्ष्य प्रमाणित सुविधा के रूप में प्रमाणित किया जाएगा। इसके अलावा एनक्यूएएस स्कोर के अनुसार लक्ष्य प्रमाणित सुविधाओं की ब्रांडिंग की जाएगी। 70 से 80 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को सिल्वर की श्रेणी में रखा जाता है। जबकि 81 से 90 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को गोल्ड की श्रेणी में रखा जाता है। वहीं 91 से 100 तक स्कोर पाने वाले अस्पताल को प्लेटिनम की श्रेणी में रखा जाता है। इन सभी को श्रेणियों में को प्रशस्ति पत्र व प्रोत्साहन के रूप में नकद राशि प्रदान की जाती है।
*लक्ष्य योजना के तहत पहले भी हो चुकी है ग्रेडिंग:-*
अस्पताल प्रबंधक अब्दुल मजीद ने बताया सदर अस्पताल के लेबर रूम को लक्ष्य योजना के तहत वर्ष 2020 में ही प्रमाणित किया जा चुका है। लक्ष्य कार्यक्रम के तहत तीन स्तर पर रैंकिंग की जाती है। जिसमें पहले स्तर पर जिला, दूसरे स्तर पर क्षेत्रीय (रीजनल) एवं तीसरे स्तर पर राष्ट्रीय रैंकिंग की जाती है। प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने के लिए अस्पताल को 75 अंक प्राप्त करना होता है।
*इन मानकों पर तय किया जाता है हैं पुरस्कार:-*
अस्पताल की आधारभूत संरचना,
साफ-सफाई एवं स्वच्छता,
जैविक कचरा निस्तारण,
संक्रमण रोकथाम,
अस्पताल की अन्य सहायक प्रणाली,
स्वच्छता एवं साफ़-सफाई को बढ़ावा देना इत्यादि।