रमेश शंकर झा
पटना:- जब 50 लाख बीमा राशि के लिए शपथ पत्र पर हस्ताक्षर की मांग की गई तो मैं थोड़ा विचलित हुआ फिर परिवार का ध्यान आया लेकिन मानवहित और मानवधर्म का पालन करते हुए मैंने कोरोना वैक्सीन ट्रायल के लिए अपने आप को देशहित में समर्पित कर दिया। यह जज्बात शिक्षा गुरु रहमान के है जो अभी अभी पटना एम्स में कोरोना वैक्सीन ट्रायल का तीसरा और आखरी इंजेक्शन लेकर मानवता के लिए बेमिसाल बन गए है। हिंदू मुस्लिम एकता की अनूठी मिसाल गुरु डॉक्टर रहमान वेद व कुरान के ज्ञाता है। दधीचि देहदान अभियान समिति के माध्यम से उन्होंने मृत्यु उपरांत अपना संपूर्ण अंगदान कर रखा है। इन के सौजन्य से पीएमसीएच में 400 यूनिट ब्लड जमा है जो जरूरतमंद लोगों को प्रदान किया जाता है पटना में कैसे अनूठे कोचिंग संस्थान का संचालन करते हैं। जहां महज 51रु० गुरु दक्षिणा लेकर दिव्यांग व गरीब छात्रों को क्लर्क से लेकर कलेक्टर तक की प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती है। इनके यहां से हजारों की तादाद में छात्र विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर चुके हैं। बिहार दरोगा में इनके संस्थान के छात्रों का रिजल्ट शत प्रतिशत है।
1994 से कर रहे हैं अनवरत मां शारदे की आराधना:-
वर्ष 1994 से प्रख्यात इतिहासकार एवं जीवन विशेषज्ञ गुरू डॉ० एम० रहमान द्वारा प्रत्येक वर्ष माता सरस्वती की पुजा का आयोजन किया जाता है। जो आज भी निरंतर जारी है। पटना के नया टोला गोपाल मार्केट मे 51 रूपये की गुरूदक्षिणा मे सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कराने वाले गुरु रहमान वेद और कुरान के ज्ञाता हैं।
*सफलता के पर्याय बन चुके हैं गुरु रहमान:-*
धार्मिक कट्टरता की बात करने वालो के मुंह पर जोरदार तमाचा है राजधानी पटना के नयाटोला गोपाल मार्केट में चलने वाला वेद और कुरान के ज्ञाता डॉ० एम० रहमान का अदम्या अदिति गुरुकुल, जहाँ हिन्दू-मुस्लिम छात्र एक साथ पूजा पाठ करते हैं। यह सिलसिला विगत कई वर्षो से चलता आ रहा है। महज 51 रुपये की गुरुदक्षिणा में गरीब छात्रो को सिविल सेवा तक की प्रतियोगिता परीक्षाओ की तैयारी करने वाले इस अनूठे गुरुकुल के व्यवस्थापक मुन्ना कहते है की भूख गरीबी बदहाली की जिस तरह कोई जाति या धर्म नही होता ठीक उसी तरह सफलता का भी कोई धर्म नही होता मातृभूमि सबसे बढ़कर है।
मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं:- गुरु रहमान।गुरु रहमान कहते है की ऐसा करने से मानसिक शक्तिया जागृत होती है। वे खुद वेद, उपनिषद, कुरान के ज्ञाता है किसी भी धर्म में मानवता से बढ़कर किसी को भी नही माना गया है।