रमेश शंकर झा
मधुबनी:- बेहतर प्रजनन स्वास्थ्य एवं जनसंख्या के स्थिरीकरण के लिये स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जिले में परिवर नियोजन कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। सरकार द्वारा संचालित इस कार्यक्रम का मुख़्य उद्देश्य सिर्फ जनसंख्या स्थिरीकरण ही नहीं बल्कि इसके माध्यम से प्रजनन स्वास्थ्य कों सुदृढ़ करते हुये स्वस्थ्य परिवार निर्मित करना भी है। इसी को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में 23 नवंबर से 6 दिसंबर तक पुरुष नसबंदी पखवाड़ा आयोजित किया गया। अभियान के दौरान 6 पुरुष ने नसबंदी कराई, 204 महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन लगवाया, 226 महिलाओं ने पीपीआईयूसीडी, 13,648 कंडोम का वितरण किया गया। जिसमें 8,919 कंडोम आशा द्वारा वितरित किया गया।
योग्य दंपति को दी गयी परिवार नियोजन की जानकारी:-
पखवाड़ा के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा स्वास्थ्य केंद्रों पर आने वाले योग दंपति को गर्भनिरोधक के संबंध में परामर्श देते हुए इच्छित गर्भ निरोधक साधन अथवा सेवा इच्छा अनुसार उपलब्ध कराया गया। पखवाड़े के दौरान आशा द्वारा कंडोम गर्भनिरोधक गोलियों के वितरण किया गया। लाभार्थी को बार-बार केंद्रों पर आने एवं बार-बार संपर्क से बचने के लिए कंडोम और गर्भनिरोधक गोली के अतिरिक्त पैकेट आपूर्ति दी गई।
परिवार नियोजन के तहत ये सुविधा मिलती है अस्पतालों में:-
पीपीआईयूसीडी
एसीएमओ डॉ० सुनील कुमार ने बताया की बच्चों में अंतराल रखने तथा अनचाहे गर्भ से निजात के लिए प्रसव के 48 घंटे के अंदर पीपीआईयूसीडी (प्रसवोपरांत कॉपर-टी) लगाया जाता है। गर्भनिरोधक का यह एक सुरक्षित साधन है। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। इससे लाभार्थी को न ही दर्द होता है ना ही कोई अतिरिक्त ब्लीडिंग होती है। थोड़ा ब्लीडिंग हो सकती है जो एक सामान्य प्रक्रिया है। इससे गर्भधारण की समस्या से लंबे समय तक छुटकारा पाया जा सकता है। पीपीआईयूसीडी दो तरह के होते हैं। एक 5 साल के लिए तथा दूसरा 10 साल के लिए के लिए होता है। सभी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त लगाई जाती है।
एमपीए (अंतरा):-
अंतरा बहुत असरदार विधि है। एक इंजेक्शन से 3 महीने तक गर्भधारण की संभावना नहीं होती है। इसे स्तनपान कराने वाली मां भी ले सकती है जिससे दूध की मात्रा और गुणवत्ता पर कोई असर नहीं पड़ता ना ही शिशु पर कोई हानिकारक प्रभाव पड़ता है। यदि महिला ठीक 3 महीने बाद इंजेक्शन लगवाने नहीं आती तो निर्धारित तिथि से 14 दिन पहले 28 दिन बाद तक भी इंजेक्शन लगा सकती है। अंतरा महिलाओं के लिए एक सरल व सुरक्षित असरदार साधन है जिसे प्रत्येक 3 महीने के अंतराल पर महिला को एक इंजेक्शन लेना होता है। अगर सुई लगवाने में कोई भी गलती ना हो तो 100 में से एक से भी कम महिला ने गर्भाधान किया है यानी गर्भधारण रोकने में यह 99.7% प्रभावी होता है। तिमाही लगने वाली इंजेक्शन इसका पूरा नाम मेड्रोक्सी प्रोजेस्ट्रोन एसीटेट है. अंतरा का प्रयोग बंद करने के कुछ माह बाद महिलाओं को पहले की तरह माहवारी होने लगती है और वह पुनः गर्भधारण कर सकती है.
परिवार नियोजन साधनों के इस्तेमाल में बढ़ोतरी के लिए प्रयास:
जिला सामुदायिक उत्प्रेरक नवीन दास ने बताया परिवार नियोजन साधनों के इस्तेमाल में बढ़ोतरी के लिए अभियान के दौरान महिलाओं को एएनएम के द्वारा परिवार नियोजन के साधनों के बारे में जानकारी दी जा रही है। गर्भवती माताओं को प्रसव के बाद परिवार नियोजन के बास्केट ऑफ़ चॉइस के बारे में एएनएम विस्तार से जानकारी दे रही है। धात्री माताओं को भी बच्चों में अंतराल रखने की सलाह के साथ उपलब्ध साधनों के बारे में भी बताया जा रहा है। इन प्रयासों के कारण पहले की तुलना बहुत बदलाव देखने को मिले हैं.