रमेश शंकर झा
दरभंगा:- दरभंगा मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में प्रतिनियुक्त मेडिकल लैब टेक्नीशियन अकील अहमद वैश्विक महामारी कोरोना कि विषम परिस्थितियों में भी सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए लोगो कि सेवा कर रहे हैं। जब से ज़िला में कोरोना महामारी ने दस्तक दी है, तभी से कोरोना योद्धा अकील लगातार कई महीनों से संदिग्ध मरीजों के साथ फ्रंट पर खड़े रहकर कोरोना जांच कार्य में लगे हुए है। हायाघाट पीएचसी में लैब टेक्नीशियन के मूल पद पर कार्यरत अकील को कोरोना महामारी के मद्देनजर अप्रैल महीने में दरभंगा मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में प्रतिनियुक्त किया गया. विगत 8 माह से बगैर रुके जांच कार्य को बखूबी अंजाम दे रहे हैं. इस दौरान उन्होंने सैकड़ों कोरोना सेंपल की जांच की जिसमें से कई रिपोर्ट पॉजिटिव भी आए. लेकिन कोरोना प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए अकील ने अपने दायित्वों का निर्वहन किया. सुरक्षात्मक रूप से कार्य करने के कारण अभी तक कोरोना योद्धा अकील कोरोना को पराजित करते हुए सैंपल की जांच कार्य सफलतापूर्वक कर रहे हैं. इसे लेकर लैब टेक्नीशियन अकील को कोरोना योद्धा के कई अवार्ड से सम्मानित भी किया गया है.
शुरुआती दौर में परिवार के लोगों ने ड्यूटी को ले जताया था ऐतराज
कोरोना संक्रमण के शुरुआती दौर में वायरस सैंपल की जांच को लेकर जब हायाघाट के लैब टेक्नीशियन अकील को पिछले अप्रैल माह में दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्रतिनियुक्त किया गया तब परिवार के लोगों ने एतराज जताया. खासकर मां नही चाहती थी कि उनका पुत्र इस खतरनाक कोरोना वायरस सैंपल की जांच कार्य में लगे. लेकिन कर्तव्यनिष्ठ अकील ने बेखौफ होकर कोरोना जांच की ड्यटी करने को लेकर अपनी सहमति जताई. मां को आश्वस्त किया कि उन्हें कुछ नहीं होगा. तब से आज तक कोरोना योद्धा कभी भी जांच से पीछे नहीं हटे. आज भी फ्रंट लाइन वारियर बनकर कोरोना को मात देते हुए अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. पूरे जिला में अपने जीवन को दांव पर लगाने वाले अकील सबके लिए अनुकरणीय बन गए हैं. अकील ने अभी तक दर्जनों अधिकारियों से लेकर नेताओं की कोरोना जांच की है।
कोरोना योद्धा के रूप में हो चुके हैं सम्मानित
डीएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में कोरोना जांच में जुटे अकील अहमद को कई बार कोरोना योद्धा अवार्ड से नवाजा गया है. यह अवार्ड कमिश्नर, जिलाधिकारी एसपी, जज, चिकित्सक एवं कई नेताओं की ओर से प्रदान किया गया है. अकील ने बताया कि कोरोना जांच के दौरान वह पूरी तरह सतर्क रहते हैं. वह ईमानदारी से अपनी ड्यूटी करते हैं. इसका परिणाम है कि उन्हें सफलता मिली है. उन्होंने कभी भी कार्य से मुंह नहीं मोड़ा. अपनी ड्यूटी को कर्तव्य मानकर हमेशा लगे रहे. खासकर महामारी के इस दौर में अपनी सामाजिक भूमिका अदा की, ताकि लोगों को सहायता प्रदान की जा सके, एवं एकजुट होकर कोरोना को पराजित किया जा सके. अकील ने बताया कि ड्यूटी पर सावधानी से सैंपल को कलेक्ट करते हैं. इसके पूर्व वह पीपीई किट, फेस शिल्ड, टोपी अवश्य पहनते है. कार्य अवधि के बाद घर जाने पर वह अपने कपड़े को धोते हैं. एवं स्नान करने के बाद ही घर में प्रवेश करते हैं, ताकि वह अपने परिवार का कोरोना से सुरक्षा कर सकें.
भ्रांतियों से रहे दूर, रहें सतर्क
कोरोना योद्धा अकील का मानना है कि कोरोना के समय में अगर सावधानी बरतें तो संक्रमण से हम बच सकते हैं. इसे लेकर लोगों को मास्क सैनिटाइजर एवं कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य है. उन्होंने बताया कि वह महीनों से संदिग्ध लोगों के बीच सैंपल लेने का कार्य कर रहे हैं. विभागीय कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने का नतीजा है कि वह अभी तक संक्रमण से मुक्त रहें. लोगों को सुनी सुनाई बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए. इससे समाज मे कई तरह की गलत धारणाएं फैलने लगती है. इससे लोगों का ही नुकसान होता है, जबकि संक्रमण के इस समय में अगर सुरक्षात्मक रवैया अपनाकर अपना काम करें तो कोरोना वायरस हमें छू भी नहीं सकता. उन्होंने बताया कि किसी प्रकार सर्दी खांसी या बुखार होने पर तुरंत निकट के सरकारी अस्पताल में संपर्क करें एवं इस दौरान किसी भी प्रकार के अनावश्यक बातों पर ध्यान ना दें.