*आठ महीने बाद फिर से संग्रहालय को आमजन के लिए खोला गया। हर खबर पर पैनी नजर।*

महाराजाधिराज लक्ष्मीश्वर सिंह संग्रहालय में कोविड प्रोटोकॉल का किया जाएगा अनुपालन।

संग्रहालय परिसर में दर्शक व कर्मी को पहनना होगा मास्क।

परिसर में सोशल डिस्टैंसिंग का अनुपालन अनिवार्य।

रमेश शंकर झा

दरभंगा:- महाराजाधिराज लक्ष्मीश्वर सिंह संग्रहालय को मंगलवार से आम दर्शकों को लिए खोल दिया गया है। राज्य सरकार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग के संग्रहालय निदेशालय के निदेशानुसार संग्रहालय में जन साधारण के प्रवेश एवं परिभ्रमण के लिए कोविड – 19 के मानक दिशानिर्देशों का अनुपालन करना आवश्यक है। संग्रहालय परिभ्रमण के समय मास्क लगाना सभी दर्शकों एवं कर्मचारियों के लिए आवश्यक है। साथ ही सामाजिक दूरी, कम-से-कम दो गज दूरी के नियमों का पालन करना एवं सैनिटाइजर का प्रयोग करना आवश्यक माना गया है। विदित है कि कोरोना महामारी के चलते विगत अप्रैल महीने से ही आमदर्शकों के लिए संग्रहालय को बंद रखा गया था। लॉकडाउन में सरकार द्वारा छूट देने के बाद से प्रतिदिन दर्शकों का दबाव बढ़ने लगा था। संग्रहालय बंदी से निराश हो दर्शक लौट जाते थे। जाड़े के समय संग्रहालय को देखने अधिक लोग आते हैं ।बच्चे की संख्या ज्यादा रहती है। संग्रहालय खोलने की सूचना पाकर दर्शकों का आगमन शुरू हो गया है तथा उनमें विशेष खुशी देखा जा रही है।

संक्रमण के मद्देनजर कलाकृतियों को छूना मना:-
आठ महीने बंदी के बाद एक नये लुक में आज संग्रहालय खोला गया। एक नया दीर्घा प्रवेशद्वार पर ही दर्शकों के लिए तैयार किया गया है। इस दीर्घा में हाल के दिनों में की गई मूर्तियों के संग्रह को रखा गया है। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर दर्शक इसे केवल देख सकते हैं, छू नहीं सकते। इसके लिए नयी बैरीकेडिंग की गयी है। इसी तरह दिग्घी पोखर के पूर्वी किनारे पर मानसरोवर भवन के सामने रखी गई बुद्ध की मूर्ति एवं अभिलेख युक्त अलंकृत स्तंभ को भी बैरीकेडिंग की गई है। महाराजाधिराज रमेश्वर सिंह का राजसिंहासन जो दुर्लभ एवं अमूल्य धरोहर है, को भी आगंतुकों के अवलोकन के लिए भी खोल दिया गया है, लेकिन दर्शकों को दूर से ही देखने के लिए बैरीकेडिंग की गयी है। इनके अलावे बंदी के समय में अनेक कलावस्तुओं के संरक्षण कराए गए हैं, उन्हें भी दीर्घाओं में स्थान दिया गया है। भारत सरकार के संरक्षण विषय के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान एन आर एल सी, लखनऊ द्वारा अबतक पचास दुर्लभ कलावस्तुओं का संरक्षण कार्य पूरा कर लिया गया है और दीर्घा में प्रर्दशित किया गया है।

कोरोना प्रोटोकॉल का अनुपालन:-
संग्रहालयाध्यक्ष डॉ शिव कुमार मिश्र ने बताया कि कोरोना महामारी को देखते हुए दर्शकों के लिए किसी भी बस्तुओं को छूने के लिए प्रतिबंधित किया गया है। डॉ मिश्र ने कहा कि सरकारी आदेश के बाद पुनः बच्चों, प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों एवं आमजनों में अपने धरोहर के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए विभिन्न तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे। साथ ही परिसर में कोरोना प्रोटोकॉल के नियम के पालन को लेकर दर्शकों को जानकारी दी जाएगी. संक्रमण न फैले इसके लिए हर संभव उपाय किए गए हैं. इसे लेकर आने वाले दर्शकों को भी संक्रमण से बचाव के लिए जागरूक किया जाएगा ताकि वो संग्रहालय में एवं अन्य जगह कोरोना संक्रमण से दूर रह सकें। इस प्रयास के द्वारा लोगों को कोरोना से बचाव किया जा सकेगा, इसमें सभी लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए।

ऐसे करें कोरोना से बचाव:-

हमेशा मास्क पहने
साथ मे सैनिटाइजर रखे
लोगों से उचित दूरी बनाए
सदैव कोरोना प्रोटोकॉल का अनुपालन करें
सन्देह होने पर तुरंत सरकारी अस्पताल में सम्पर्क करें।

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