रमेश शंकर झा
मधुबनी:- ठंड ने दस्तक दे दी है, ठण्ड के साथ ही बच्चों में फ्लू, सर्दी जुकाम, हाइपोथर्मिया, इन्फ्लूएंजा, अस्थमा, ब्रोन्काइटिस जैसी स्वास्थ्य समस्याओं की शुरुआत होती है। बच्चों में वयस्कों की अपेक्षा रोग प्रतिरोधक शक्ति कम होने से ये बीमारी की चपेट में जल्दी आ जाते हैं। इसलिए हर माँ की सबसे बड़ी चिंता यही होती है कि वह इस मौसम में बच्चे को इन रोगों से कैसे सुरक्षित रखें। हालांकि कोरोना काल ने लोगों को स्वास्थ्य के प्रति काफी जागरूक किया है। फिर भी छोटे बच्चों को इस मौसम में विशेष देखभाल की जरूरत होती है ताकि उन्हें ठंड से बचाया जा सके।
सुपोषित हो शिशु तो रहे स्वस्थ :
सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार झा ने माताओं को सलाह दी है की शिशुओं को सर्दी से बचाने के लिए उनके खान -पान पर ध्यान दें। ठंडी वस्तुएं जैसे आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक से उनको तुरंत सर्दी हो सकती है। इसलिए हमेशा हल्का गर्म खाना तथा गुनगुना पानी ही पिलाएँ। ठंड के मौसम में बच्चे पानी कम पीते हैं जिससे शरीर में पानी की कमी हो जाने से बीमार पड़ सकते हैं। इसलिए उन्हें ज्यादा से ज्यादा तरल भोजन (दूध,पानी ) देकर पानी की कमी को दूर करें। शिशु के सम्पूर्ण विकास के लिए शुरुआती कुछ वर्ष और उस अवधि में मिलने वाला पोषण बेहद महत्वपूर्ण होता है। इसलिए उनके आहार में विविधता लाएँ और सभी आवश्यक पोषक तत्व जैसे आयरन, कैल्शियम, मिनिरल्स आदि शामिल करें। दलिया, चावल, रोटी, दाल, घी, दूध, तेल गुड़, सूजी, अंडा, मछली, मौसमी फल, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, खट्टे फल से उनमें शारीरिक और रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होगा और बच्चे सेहतमंद रहेंगे।
ऐसे कपड़ों का करें चुनाव जिससे शरीर को मिले गर्माहट:
बड़ों के मुक़ाबले बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता कम होती है जिससे उन्हें सर्दी जल्दी लगती है। इसलिए उन्हें पूरे बांह के कपड़े और गर्म कपड़े (स्वेटर, टोपी, दस्ताने मोजे ) पहनाए रखें। उनके सिर, पैर और कानों को अच्छी तरह ढककर रखें ताकि वो ठंड की चपेट में न आ जाएँ। सर्दी में हवा में नमी कम होने से त्वचा पर चकते पड़ जाते हैं। बच्चों की त्वचा काफी कोमल होती है इसलिए ये चकते उनको तकलीफ दे सकते हैं। अतएव इससे बचाने के लिए मुलायम सूती कपड़े पहनाएं और उसके ऊपर शरीर को गर्म रखने के लिए ऊनी कपड़ों का प्रयोग करें। गीले कपड़े तुरंत उतार दें और शरीर को सूखा रखें। जरूरी कारण से बड़े बच्चों के घर से बाहर जाने पर मास्क और सैनिटाइजर प्रयोग में लाने को कहें तथा दो गज की शारीरिक दूरी बना कर रखने को कहें। किन्तु 2 साल से नीचे के बच्चों के लिए मास्क का उपयोग नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए छोटे बच्चों को घर में रखें या ज्यादा से ज्यादा बड़ों की निगरानी में छत पर धूप सेंकने भेजें।
स्वच्छता का ध्यान रख कर स्वस्थ रहना आसान :
स्वच्छता के महत्व को कोरोना काल ने और स्पष्ट कर दिया है। ज्यादातर जमीन पर घुटनों के बल चलने या धूल मिट्टी में खेलने से छोटे बच्चों को ठंड तुरंत लग सकती है और हाथों में जमे मैल उन्हें बीमार कर सकते हैं। इसलिए उनकी साफ-सफाई (हाइजीन) का ध्यान रखें। दिन में कई बार बच्चों को हाथ धोने की आदत डलवाएं और उसकी आवश्यकता समझाएँ। छोटे बच्चे जो खुद की सफाई का ध्यान नहीं रख सकते उनकी सफाई पर ध्यान दें ।
कोरोना काल में इन उचित व्यवहारों का करें पालन
- एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
- सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेसकवर या मास्क पहनें।
- अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं।
- आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
- छींकते या खांसते वक्त मुंह को रूमाल से ढकें.