*राजग सरकार की आर्थिक औद्योगिक नीतियाँ मजदूर विरोधी:- शैलेश। हर खबर पर पैनी नजर।*

देश के विकास में डाक कर्मचारियों का अमूल्य योगदान:- शैलेश।

प्रधान डाकघर के मुख्य द्वार पर एक दिवसीय हड़ताल का आयोजन किया।

रमेश शंकर झा

समस्तीपुर:- केन्द्रीय नेतृत्व के आह्वान पर अपने 22 सूत्री मांगों के समर्थन में ‘संयुक्त डाक संघर्ष समिति’ के बैनर तले अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ तृतीय श्रेणी, एमटीएस,ग्रामीण डाक डाक सेवकों के द्वारा आज प्रधान डाकघर के मुख्य द्वार पर संघ के प्रांतीय अध्यक्ष चंदेश्वर प्रसाद कुँवर की अध्यक्षता में एक दिवसीय हड़ताल का आयोजन किया गया। संचालक प्रवक्ता शैलेश कुमार सिंह उपस्थित थें।

वहीं जीडीएस संघ का नेतृत्व सचिव इंद्रदेव राय ने किया। हड़ताल के परिणाम स्वरूप सममस्तीपुर प्रधान डाकघर समेत जिले की तमाम डाक सेवाएँ ठप्प रही तथा सभी डाकघरों में ताले लटके पाये गए।वक्ताओं ने केन्द्र सरकार की नीतियों का जम कर विरोध किया और सरकार विरोधी नारे लगाए। इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ के प्रवक्ता शैलेश कुमार सिंह ने सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों और वादा खिलाफी का जमकर विरोध किया।

श्री सिंह ने संगठन की चिर लंबित मांगों की विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि देश पर आर्थिक बोझ का बहाना बनाकर जहां एक ओर भाजपा नीत राजग सरकार ने वर्ष 2004 में 01 लीं जनवरी से सरकारी कर्मचारियों का जो चाहे केन्द्र सरकार कर्मी हों या राज्य सरकार कर्मी हों, का पेंशन का प्रावधान समाप्त कर दिया तो दूसरी ओर समाज सेवा के नाम पर सांसद, विधायक, विधान पार्षदों समेत महत्वपूर्ण पदों पर आसीन जन प्रतिनिधियों का पेंशन लागू कर दोहरे मापदंड का परिचय दिया।

जिस कारण 60 साल की विभागीय सेवा के पश्चात सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृति पर स्वयं और परिवार के भरण-पोषण के लिए प्रत्येक माह पेंशन के रूप में मिलने वाली मासिक राशि से वंचित कर दिया गया, तो दूसरी ओर समाज सेवा के नाम पर पदासीन होने वाले सांसद, विधायक, विधान पार्षद जैसे महत्वपूर्ण पदों पर निर्वाचित होने वाले जनप्रतिनिधियों पेंशन शुरू कर दिया गया।

इतना ही नहीं वैसे जन प्रतिनिधि जो एक दिन के लिए भी वर्तमान पदों के साथ अन्य ऐसे पदों पर निर्वाचित हुए हो, उन्हें सभी पदों का अलग-अलग पेंशन संयुक्त रूप से मिलने का प्रावधान बना दिया है जो सरकार के दोहरे माप-दंड का परिचायक है। सरकार की इस नियत को समस्त डाककर्मी और देश की समस्त जनता जानना चाहती है। इस काले कानून को सरकार अविलंब वापस ले और पुरानी पेंशन नीति लागू करे।

कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में डाककर्मियों ने लोगों को समस्त डाक सेवा के साथ-साथ अन्य मूलभूत सेवा/सहायता दी है। वैसे तम्माम साथियों के प्रति यह संगठन आभार प्रकट करता है, किन्तु वर्तमान भाजपानीत राजग सरकार ऐसे विषम परिस्थिति में ‘कोरोना’ से प्रभावित होने के कारण कार्यालय से अनुपस्थित रहने वाले डाककर्मियों पर की जा रही दमनात्मक कार्यवाही सरकार की असंवेदनशीलता दर्शाती है। जिसका यह संगठन विरोध करता है।

संगठन ‘कोरोना’ से मरने वाले सभी विभागीय/जीडीएस डाककर्मियों के परिवार को कम से कम 10 लाख रुपये अनुग्रह-राशि के अविलंब भुगतान की मांग करता है। श्री सिंह ने संघ की लंबित मांगों में शामिल वर्षों से खाली पड़े सभी रिक्त पदों को अविलंब नव-नियुक्ति कर भरना, ग्रुप-बी और उच्चाधिकारियों को पूरे सेवाकाल में मिलने वाली 05 समयबद्ध पद्दोन्नति की तर्ज पर सभी स्तर के कर्मचारियों को 05 पद्दोन्नति का लाभ दिया जाना, समाज के अंतिम व्यक्ति तक डाक सेवा उपलब्ध कराने वाले डाक सेवकों को सरकारी कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी घोषित करना और सरकारी कर्मचारियों की तर्ज पर सभी सरकारी सुविधा का लाभ देना, पद्दोन्नति अनुक्रम में एम ए सी पी लागू करना एवं एल डी सी के वेतनमान में बढ़ोतरी करना, समान काम के लिए समान वेतन सुनिश्चित करना, सेवा काल में मृतक डाक कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर 05 प्रतिशत की जगह शत-प्रतिशत बहाल करना, आउट शोर्सिंग और कॉन्ट्रक्ट पर बहाली बन्द कर कैजुअल लेबर तथा कंटीजेन्ट पेड कर्मचारियों को नियमित करना, 07 वें वेतन आयोग की समस्त कर्मचारी समर्थित अनुशंसा को हूँ-बहू लागू करना तथा विगत दो वर्ष पूर्व रद्द (बन्द) किए गए कर्मचारियों के 52 प्रकार के भत्ते को पुनः चालू करना है।

हमें अपनी चिर-लंबित मांगों के समर्थन में बाध्य होकर हड़ताल पर जाना पड़ा है और सरकार द्वारा हमारी सभी जायज मांगों को अविलंब पूरा नही किये जाने की स्थिति में हमें बाध्य होकर पुनः अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाना पड़ सकता है। जिसकी सारी जवाबदेही सरकार की होगी। हम डाक कर्मचारियों की नही होगी। इस मौके पर सर्वश्री चंदेश्वर प्रसाद कुँवर (प्रांतीय अध्यक्ष), ओम प्रकाश सिंह (सचिव,पी-3), दिलीप कुमार, बासुदेव सिंह, अशोक पांडेय, रजनी कांत गिरी, पंकज कुमार मिश्र,संजय झा,संजीव झा,इंद्रदेव राय (सचिव, जीडीएस), धर्मेंद्र कुमार, राकेश कुमार,रमेश कुमार सिंह, वैद्यनाथ पासवान, सुरेश सिंह, मंजू कुमारी,अर्चना,अशोक मिश्र, कुमार धीरज, मृत्युंजय कुमार,अभिषेक मिश्र समेत सैकड़ों कर्मचारी उपस्थित थें।

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