रमेश शंकर झा
दरभंगा:- कोरोना के इस घड़ी में जब अपनों का साथ छूट जाता है, तब मरीजों को बहुत परेशानी झेलनी पड़ती है। उस स्थिति में संक्रमित मरीज अवसाद का शिकार हो सकता है। कई प्रकार की शारीरिक व मानसिक समस्याएं शुरू होने की संभावना प्रबल हो जाती हैं । लेकिन दूसरी तरफ जब संक्रमित मरीज आसपास अपने लोगों को देखता है तो वह आंतरिक रूप से अपने आप को मजबूत मानते हुए कोरोना वायरस संक्रमण का मुकाबला आसानी से कर सकता है। लिहाजा वह मरीज कुछ दिनों के बाद दवाओं के सेवन से स्वस्थ हो जाता एवं सामान्य तरीके से ज़िंदगी बसर करने लगता है। कुछ इसी तरह का उदाहरण प्रस्तुत किया है दरभंगा निवासी मुजफ्फरपुर अस्पताल के वरीय चिकित्सक डॉ.एसएन सर्राफ के परिजनों ने। करीब 6 माह पूर्व मुजफ्फरपुर अस्पताल के ऑर्थो विभाग में कार्यरत डॉ. एस एन सर्राफ कोरोना संक्रमित हो गए लेकिन उस स्थिति में भी डॉक्टर के परिजनों ने उनका साथ नहीं छोड़ा। पूरी एहतियात से उनका साथ दिया। परिणामस्वरूप सकारात्मक परिणाम सामने आया। अस्पताल में डॉक्टर चिकित्सा के बाद ठीक हो गए एवं पूर्व की तरह मरीजों की चिकित्सा कार्य में लग गए।
भ्रांतियों से रहें दूर… कोरोना मरीजों की करें सेवा
मुजफ्फरपुर अस्पताल के ऑर्थो विभाग के डॉ. एसएस सर्राफ वर्तमान परिवेश में मरीजों की सेवा कर रहे हैं। अस्पताल में किसी कोरोना मरीज के पहुंचने पर उनको भरपूर सहयोग करते एवं उनके साथ आए परिजनों को भी कोरोना प्रोटोकॉल के हिसाब से मरीजों को चिकित्सक की परामर्श के अनुसार देखरेख की सलाह देते हैं। इस दौरान लोगों को अपने अनुभवों के बारे में जानकारी देते हुए बताते हैं कि कोरोना को लेकर बहुत सारी भ्रांतियां फैली हुई हैं । इस कारण लोग डर जाते हैं, लेकिन अगर हम कोरोना प्रोटोकॉल को अपनाएँ तो कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है वरन डॉक्टर के परामर्श से मरीजों को उचित देखरेख करने की आवश्यकता होती है। कहा कि किसी भी परिस्थिति में अपने लोगों के साथ होने से मरीजों के मन में नकारात्मक विचार नहीं आता है। इससे मरीजों की चिकित्सा में डॉक्टरों को सहयोग मिलता है। इस प्रकार उचित दवा व परिजनों की देखरेख से कुछ ही दिन में कोरोना संक्रमित मरीज स्वस्थ हो जाता एवं सामान्य जिंदगी की ओर अग्रसर होने लगता है।
कोरोना को लेकर लापरवाही नहीं बरतें-
कोरोना योद्धा के रूप में कार्यरत डॉक्टर एसएन सर्राफ का मानना है कि वर्तमान स्थिति में कोरोना को लेकर लोग लापरवाही बरत रहे हैं। जो उचित नहीं है। बताया कि पर्व त्यौहार पर लोग अपने घर आए हैं। उन्हें सर्दी खांसी व बुखार होने पर डॉक्टर से परामर्श लेनी चाहिए। हालांकि इस समय मौसमी परिवर्तन से लोग बीमार पड़ रहे हैं। बावजूद निकट के अस्पताल में डॉक्टर की परामर्श के बाद कोरोना की जांच जरूरी है। बताया कि बाजारों में ऐसा देखा जा रहा है की बहुत कम लोग मास्क पहन रहे हैं। जो संक्रमण के लिहाज से सही नहीं है । बाहर भीड़भाड़ वाले इलाकों में सामाजिक दूरी की धज़्ज़ियाँ उड़ रही हैं । कोरोना की रोकथाम को लेकर सरकारी निर्देशों का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। इससे लोगों की परेशानी बढ़ सकती है। हर हाल में इसकी रोकथाम को लेकर लोगों को सामूहिक प्रयास करना होगा । इसके लिए सभी लोगों को एकजुट होकर कोरोना पर प्रहार करने की आवश्यकता है।
कोरोना से बचाव ज़रूरी,-
-हमेशा मास्क का इस्तेमाल करें
-अनावश्यक रुप से बाहर जाने से करें परहेज
-बाहर भीड़भाड़ से बचें
-दो गज की सामाजिक दूरी का अनुपालन ज़रूरी
-घर वापस आने पर हाथ को साबुन या सैनिटाइजर से अच्छी तरह से धोये।